Vodafone Idea Share Price: भारत के सबसे बड़े FPO की कल यानी गुरुवार को मार्केट में एंट्री होने जा रही है। 18,000 करोड़ रुपये के इस FPO के लिए निवेशकों ने करीब 90,000 करोड़ रुपये की बोलियां लगाईं। टेलीकॉम कंपनी के FPO को करीब 6.4 गुना का शानदार सब्सक्रिप्शन मिला। लेकिन, मार्केट में एंट्री से एक दिन पहले ही यानी आज इसके शेयरों में जबरदस्त गिरावट आई। NSE पर कंपनी के शेयर 9.03 फीसदी गिरकर 13.10 रुपये पर बंद हुए। जबकि इसके शेयर 13.75 रुपये पर ओपन हुए थे।
कंपनी के शेयरों में भारी हलचल देखने को मिल रही है। एक तरफ जहां इसके शेयर पिछले कारोबारी दिन यानी मंगलवार को इंट्रा डे ट्रेड के दौरान 12 फीसदी तक चढ़ गए थे, तो वहीं आज इसके शेयर बिलकुल ही धड़ाम हो गए। बता दें कि कंपनी के FPO में करीब दो-तिहाई बोलियां विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) की तरफ से लगी हैं। जिसका फायदा कल कंपनी के शेयरों पर भी दिखा।
11 रुपये तय हुआ प्राइस, शेयर हो गए अलॉट
वोडाफोन आइडिया के बोर्ड ने 23 अप्रैल 2024 को हुई अपनी मीटिंग में 11 रुपये प्रति इक्विटी शेयर के ऑफर प्राइस पर 16,364 मिलियन इक्विटी शेयरों के अलॉटमेंट को मंजूरी दी थी, जो कुल मिलाकर 18,000 करोड़ रुपये है। निवेशकों को अलॉट किए गए FPO शेयर आज उनके अकाउंट में क्रेडिट किए गए। जिन निवेशकों को इस प्रक्रिया में शेयर नहीं अलॉट हो सके, उनके लिए रिफंड प्रक्रिया आज से शुरू हो रही है।
क्या है कंपनी की योजना
गौरतलब है कि नकदी संकट में फंसी भारत की तीसरी सबसे बड़ी टेलीकॉम कंपनी 18,000 करोड़ रुपये के फंड जुटाकर अपने 4G और 5G इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करना चाहती है और नए 4G और 5G टावरों के इंस्टालेशन और दूरसंचार विभाग के लिए स्पेक्ट्रम से जुड़े कुछ खास रुके भुगतान का निपटान करना चाहती है। कंपनी इन सभी के लिए FPO के जरिये पैसा जुटाने में कामयाब रही। इसका FPO 18 अप्रैल से 22 अप्रैल तक ओपन था।
इस FPO में पात्र संस्थागत खरीदार (QIB) कैटेगरी को 17.6 गुना सब्सक्रिप्शन मिला, जिनमें 82 फीसदी बोलियां विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) से आईं। इस एफपीओ को धनाढ्यों (HNI) की श्रेणी में 4.13 गुना सब्सक्रिप्शन मिला। मगर रिटेल कैटेगरी में सिर्फ 91 फीसदी शेयरों के लिए ही बोलियां मिलीं।
क्या है वोडाफोन आइडिया FPO को लेकर ऑउटलुक
भारत का प्रति उपयोगकर्ता औसत राजस्व या ARPU (2.1 डॉलर प्रति माह) प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में सबसे कम है। ऐसे में टेलीकॉम इंडस्ट्री की तरफ से डेटा योजनाओं की लागत में बढ़ोतरी निवेश पर उचित रिटर्न हासिल करने के लिए ARPU में सुधार की ज्यादा गुंजाइश का संकेत देती है। एसबीआई सिक्योरिटीज (SBI Securities ) ने FPO नोट में कहा था कि टेलीडेंसिटी में सुधार से भविष्य में कंपनी की वृद्धि में भी मदद मिलेगी।
हालांकि इस पूंजी निवेश से वोडाफोन आइडिया के तुरंत के ऑउटलुक को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है, लेकिन प्रतिस्पर्धी कंपनियों के मुकाबले पर्याप्त बाजार हिस्सेदारी हासिल होने की संभावना नहीं है।
सरकारी बकाया के कनवर्जन के बाद संभावित महत्वपूर्ण इक्विटी कमजोर पड़ने के बारे में चिंताएं बनी हुई हैं। अगर ऐसा होता है तो कंपनी की हिस्सेदारी में 80 फीसदी से ज्यादा सरकार का स्वामित्व हो सकता है। वेंचुरा सिक्योरिटीज ने नोट में कहा कि ऐसा ऑउटलुक वोडाफोन आइडिया के माइनॉरिटी निवेशकों को घाटा हो सकता है।