भारतीय स्टेट बैंक, पंजाब नेशनल बैंक, केनरा बैंक, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, महाराष्ट्र बैंक और बैंक ऑफ बड़ौदा जैसे सरकारी बैंकों के शेयरों में सोमवार को 6% तक की गिरावट आई। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के जरिए इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स के फाइनेंसिंग के लिए सख्त नियमों और निर्माणाधीन प्रोजेक्ट्स की कड़ी निगरानी का मसौदा जारी करने के बाद यह गिरावट देखी गई।
निफ्टी पीएसयू बैंक इंडेक्स आज के कारोबार में 5% तक लुढ़क गया। पीएसयू बैंक इंडेक्स में सबसे अधिक गिरावट पंजाब नेशनल बैंक, केनरा बैंक, यूनियन बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा और बैंक ऑफ इंडिया के शेयरों में देखी गई, जो 3% से अधिक नीचे आ गए।
क्या है आरबीआई का प्रस्ताव?
केंद्रीय बैंक के मसौदा नियमों में परियोजनाओं को उनके चरण के अनुसार क्लासिफाइड करना और निर्माण चरण के दौरान 5% तक का हाई प्रोविजनिंग शामिल है, भले ही संपत्ति स्टैंडर्ड कैटेगरी में हो। यह मौजूदा 0.4% के प्रावधान से काफी अधिक है।
लॉन्ग टर्म बकाया
एक बार प्रोजेक्ट ‘ऑपरेशनल स्टेज’ में पहुंच जाती है, तो प्रावधानों को वित्त पोषित बकाया राशि के 2.5% तक कम किया जा सकता है और फिर कुछ शर्तों के पूरा होने पर 1% तक और घटाया जा सकता है। इन शर्तों में प्रोजेक्ट का पॉजिटिव नेट ऑपरेटिंग कैश फ्लो शामिल है जो सभी उधारदाताओं को वर्तमान पुनर्भुगतान दायित्व को पूरा करने के लिए पर्याप्त है और प्रोजेक्ट का कुल लॉन्ग टर्म बकाया राशि से लगभग 20% कम हो गया है।
नॉन-बैंक लैंडर पर भी लागू होंगे RBI की गाइडलाइन्स
आरबीआई ने कहा है कि ये दिशा-निर्देश बैंकों और नॉन-बैंक लैंडर दोनों पर लागू होंगे। आरबीआई के नए दिशा-निर्देशों का असर पीएफसी, आरईसी और इरेडा जैसी एनबीएफसी पर भी देखा गया, जिनके शेयरों में गिरावट आई है। आईआईएफएल सिक्योरिटीज का अनुमान है कि आरईसी, पीएफसी और इरेडा जैसी नॉन-बैंक लैंडर के रिटर्न ऑन इक्विटी पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा, लेकिन उनके टियर-1 रेशियो में 200 आधार अंकों से 300 आधार अंकों तक की गिरावट आने की उम्मीद है और साथ ही उनके वैल्यूएशन मल्टीपल्स पर भी संभावित रूप से भार पड़ सकता है।
डिस्क्लेमर: दी गई राय एक्सपर्ट की निजी राय होती है। वेबसाइट या मैनेजमेंट इसके लिए जिम्मेदार नहीं है। यूजर्स को सलाह है कि निवेश से जुड़ा कोई भी फैसला लेने से पहले सर्टिफाइड एक्सपर्ट की सलाह लें।