BSE Share Price: बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) के शेयर आज इंट्रा-डे में करीब 19 फीसदी फिसल गए। वर्ष 2017 में लिस्टिंग के बाद से बीएसई के शेयरों में यह एक दिन में अब तक की सबसे बड़ी गिरावट है। बीएसई के शेयरों में बिकवाली का यह दबाव बाजार नियामक सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (SEBI) के आदेश के चलते है। सेबी ने इसे ऑप्शंस कॉन्ट्रेक्ट्स के लिए टर्नओवर के दूसरे कैलकुलेशन के हिसाब से रेगुलेटरी फीस देने को कहा है। इससे बीएसई पर भारी बोझ पड़ सकता है। इसका असर आज बीएसई के शेयरों पर भी दिख रहा है। फिलहाल NSE पर यह 9.87 फीसदी की गिरावट के साथ 2,893.45 रुपये के भाव पर है। हालांकि इंट्रा-डे में यह 18.64 फीसदी फिसलकर 2,612.10 रुपये के भाव तक आ गया था।
SEBI ने किस कैलकुलेशन से कहा फीस देने को
बीएसई को सेबी ने ऑप्शंस कॉन्ट्रैक्ट्स के लिए नोशनल वैल्यू पर सालाना टर्नओवर कैलकुलेट कर फीस चुकाने को कहा है। नोशनल वैल्यू किसी अंडरलाइंग एसेट के मार्केट प्राइस को कॉन्ट्रेक्ट के अमाउंट को गुणा करके निकाला जाता है। जैसे कि अगर कोई ऑप्शंस कॉन्ट्रैक्ट 50 रुपये भाव वाले किसी स्टॉक के 100 शेयर का है तो इसकी नोशनल वैल्यू 5000 रुपये होगी। अभी तक बीएसई ऑप्शंस कॉन्ट्रैक्ट के प्रीमियम वैल्यू के आधार पर निकालती है। अब सेबी के आदेश पर कैलकुलेशन बदलकर जो अंतर आएगा, वह ब्याज के साथ देना है। बीएसई को करीब 165 करोड़ रुपये देने हैं जिसमें से 69 करोड़ रुपये वित्त वर्ष 2007-2023 तक के और 96 करोड़ रुपये वित्त वर्ष 2024 के हैं।
BSE को लेकर ब्रोकरेज का क्या है रुझान
ब्रोकरेज फर्म जेफरीज का कहना है कि हाई फीस के चलते बीएसई के EPS (प्रति शेयर अर्निंग्स) पर 15 फीसदी से 18 फीसदी का झटका लग सकता है। ब्रोकरेज फर्म ने वित्त वर्ष 2025 और वित्त वर्ष 2026 के मुनाफे का जो अनुमान लगाया था, उसमें से 40 फीसदी को डेरिवेटिव्स से आता। ब्रोकरेज ने बीएसई स्टॉक को बाय से डाउनग्रेड कर होल्ड कर दिया है और टारगेट प्राइस भी घटाकर 3000 रुपये से 2900 रुपये कर दिया है। बीएसई का जनवरी आईपीओ 2017 में आया था। शेयर 3 फरवरी 2017 को लिस्ट हुए थे। आईपीओ निवेशकों को इसके शेयर 806 रुपये के भाव पर जारी हुए थे।