Gold Prices : सोने की कीमतों में हाल ही में काफी उछाल देखने को मिला है। साल 2024 की शुरुआती तिमाही में सोने के दाम 13% से अधिक बढ़ चुके हैं। इसके साथ गोल्ड ने टॉप परफॉर्मिंग एसेट क्लास के रूप में अपनी स्थिति मजबूत की है। इस बीच, इंडस्ट्री एक्सपर्ट्स भी गोल्ड को लेकर काफी बुलिश हैं। हाल ही में सीएनबीसी आवाज से बातचीत में विघ्नहर्ता गोल्ड के चेयरमैन महेंद्र लूनिया ने अनुमान लगाया कि साल 2030 तक सोने के दाम 1.68 लाख रुपये प्रति 10 ग्राम तक पहुंच सकते हैं। सोने की कीमतों में उछाल के लिए जियो-पॉलिटिकल टेंशन से लेकर ग्लोबल इकोनॉमिक स्लोडाउन तक कई फैक्टर्स जिम्मेदार हैं।
क्यों बढ़ रहे हैं सोने के दाम
सेंट्रल बैंक की खरीदारी, इन्फ्लेशन का दबाव, बढ़ी हुई रिटेल डिमांड, एक्सचेंज-ट्रेडेड फंड (ETF) के माध्यम से ब्याज में बढ़ोतरी और 2016 से गोल्ड माइनिंग प्रोडक्शन में सुस्ती ने सोने की कीमतों में वृद्धि में योगदान दिया है। सोने की कीमतों के बेहतर आउटलुक को देखते हुए एक्सपर्ट्स का कहना है कि अगले 4-5 सालों के लिए सोना खरीदना एक विवेकपूर्ण कदम है।
निवेश को लेकर ये है एक्सपर्ट्स की राय
अब सवाल यह है कि क्या निवेशकों को इस समय गोल्ड में निवेश करना चाहिए। एक्सपर्ट्स ने प्राइस करेक्शन का इंतजार कर रहे निवेशकों को आगाह किया है। उनका कहना है कि बाजार का वोलेटाइल नेचर गिरावट की कोई गारंटी नहीं देता है। इसके बजाय, वे एक स्ट्रेटेजिक एप्रोच की वकालत करते हैं। सोना इन्फ्लेशन के खिलाफ एक भरोसेमंद बचाव के रूप में काम करता है और यह निवेश पोर्टफोलियो में डायवर्सिफिकेशन के लिए अच्छा विकल्प है।
एक्सपर्ट्स का सुझाव है कि निवेशकों को अपने पोर्टफोलियो का सावधानी के साथ मूल्यांकन करना चाहिए और इसका एक हिस्सा, आमतौर पर करीब 10 फीसदी या उससे कम, सोने में निवेश करने पर विचार करना चाहिए। इसके लिए सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड (SGBs) एक आकर्षक विकल्प बनकर उभरा है। ये बॉन्ड बाजार की अनिश्चितताओं के खिलाफ सुरक्षा की भावना देते हैं और पोर्टफोलियो डायवर्सिफिकेशन के लिए भी अहम हैं।