प्रोजेक्ट की फाइनेंसिंग को लेकर केंद्रीय बैंक RBI के ड्राफ्ट गाइडलाइंस का आरईसी (REC) और पावर फाइनेंस कॉरपोरेशन (PFC) जैसी कंपनियों के प्रॉफिटेबिलिटी पर खास असर नहीं पड़ेगा। यह मानना है कि वैश्विक ब्रोकरेज फर्म सीएलएसए का। सीएनएसए के मुताबिक ओवरऑल असर इनके कैपिटल एडेकेसी रेश्यो पर पड़ेगा। हालांकि RBI के ड्राफ्ट गाइडलाइंस ने दोनों ही कंपनियों के शेयरों पर आज तगड़ी स्ट्राइक की है और इनके भाव 12 फीसदी तक टूट गए। भाव में रिकवरी भी हुई है तो हल्की ही और दोनों ही शेयर बिकवाली के तगड़े दबाव में हैं।
RBI के किस नियम ने बनाया REC और PFC पर दबाव
प्रोजेक्ट फाइनेंसिंग पर आरबीआई के ड्राफ्ट गाइडलाइंस के मुताबिक कंस्ट्रक्शन फेज के सभी मौजूदा और नए प्रोजेक्ट पर 5 फीसदी जनरल प्रोविजन का प्रावधान किया गया है। यह अभी के 0.4 फीसदी के स्टैंडर्ड प्रोविजन से काफी ऊपर है। सीएलएसए के नोट के मुताबिक लेंडर्स को अब कंसोर्टियम में कम के कम कुछ एक्सपोजर तो रखना ही होगा और इस एक्सपोजर को तभी बेच सकेंगे, जब कंस्ट्रक्शन फेज पूरा हो जाएगा। इन दोनों ही प्रावधानों के चलते ही आरईसी और पीएफसी पर दबाव दिख रहा है। हालांकि सीएलएसए का कहना है कि आरईसी और पीएफसी जैसी कंपनियों की प्रॉफिटेबिलिटी पर खास असर नहीं पड़ेगा और सिर्फ कैपिटल एडेकेसी रेश्यो पर असर दिखेगा। ब्रोकरेज का कहना है कि दोनों का टियर-1 रेश्यो 23 फीसदी है और दोनों ही कंपनियों बेहतर तरीके से कैपिटलाइज्ड हैं।
शेयरों की क्या है मौजूदा स्थिति
आरईसी की बात करें तो इसके शेयर अभी 6.77 फीसदी की गिरावट के साथ 519.90 रुपये के भाव पर है। इंट्रा-डे में यह 10.80 फीसदी फिसलकर 497.40 रुपये के भाव तक टूट गया था। वहीं पीएफसी की बात करें तो फिलहाल BSE पर यह 7.77 फीसदी की गिरावट के साथ 443.10 रुपये के भाव पर है। इंट्रा-डे में यह 12.41 फीसदी टूटकर 420.85 रुपये के भाव तक गिर गया था।