सोने में तेजी जारी है। उधर, अमेरिकी बॉन्ड यील्ड में उछाल है। अमेरिका में लेबर और मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर के डेटा काफी स्ट्रॉन्ग आए हैं। अमेरिका में इनफ्लेशन में भी कमी आ रही है। इससे जून में अमेरिकी केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व के जून में इंटरेस्ट रेट में कमी करने की उम्मीद बढ़ गई है। हालांकि, कीमतें ज्यादा होने की वजह से रिटेल इनवेस्टर्स सोने में खरीदारी में दिलचस्पी नहीं दिखा रहे हैं। ग्लोबल गोल्ड ईटीएफ में आउटफ्लो (विड्रॉल) देखने को मिला है। इसके बावजूद सोने की कीमतों में तेजी जारी है।
फेडरल रिजर्व इस साल इंटरेस्ट रेट्स 0.75 फीसदी घटा सकता है
फेडरल रिजर्व (Federal Reserve) ने मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी की बैठक के बाद 20 मार्च को संकेत दिया था कि वह 2024 में इंटरेस्ट रेट (Interest Rate) में 0.75 फीसदी कमी कर सकता है। इससे पहले इनफ्लेशन (Inflation) को लेकर फेडरल रिजर्व के रुख में स्थिरता नहीं दिखी थी। उसने इंटरेस्ट रेट में कमी करने से पहले इनफ्लेशन पर नियंत्रण को जरूरी बताया था। उधर, अमेरिका में सरकार का बढ़ता कर्ज (Public Debt) चिंता की वजह है। कई कंपनियां और पॉलिटिकल लीडर्स इस बारे में चिंता जता चुके हैं। इसका असर अमेरिका में मॉनेटरी पॉलिसी पर पड़ सकता है। इंटरेस्ट के बोझ को कम करने के लिए फेडरल रिजर्व इंटरेस्ट रेट में कमी करने का फैसला ले सकता है। अमेरिका में सरकार के घाटे में इंटरेस्ट पेमेंट की हिस्सेदारी करीब 38 फीसदी है।
अमेरिका में फिर से बढ़ सकता है इनफ्लेशन
दुनिया के कई देशों में चुनाव हैं। इसका असर भी स्टॉक मार्केट्स पर पड़ सकता है। इस बात के आसार है कि फेडरल रिजर्व अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव से पहले वोटर्स को खुश करने के लिए इंटरेस्ट रेट्स में कमी करने को मजबूर हो सकता है। चूंकि पहले से अमेरिका में स्पेंडिंग (खर्च) काफी स्ट्रॉन्ग है, जिससे इंटरेस्ट रेट में कमी से इनफ्लेशन फिर से बढ़ सकता है। यह गोल्ड की कीमतों के लिए पॉजिटिव होगा।
अमेरिकी कमर्शियल रियल एस्टेट मार्केट में आ सकती है दिक्कत
ग्लोबल स्टॉक मार्केट्स में तेजी है। ऐसे में कुछ मार्केट पार्टिसिपेंट्स मौजूदा तेजी से जुड़े रिस्क को देखते हुए हेजिंग कर सकते हैं। इससे अमेरिकी इकोनॉमी की सॉफ्ट लेंडिंग में दिक्कत आ सकती है। उदाहरण के लिए अमेरिका में कमर्शियल रियल एस्टेट में दिक्कत पैदा हो सकती है। हाल में एसएंडपी ग्लोबल ने कमर्शियल रियल एस्टेट में ज्यादा एक्सपोजर की वजह से पांच अमेरिकी बैंकों की रेटिंग घटाई है। अमेरिकी कमर्शियल रियल एस्टेट मार्केट कोविड के बाद लो ऑक्युपेंसी रेट और कर्ज पर ज्यादा इंटरेस्ट रेट की वजह से मुश्किल से गुजर रहा है।
कमोडिटी की कीमतें फिर से बढ़ने से सोने को मिलेगा सपोर्ट
मध्यपूर्व में चल रहे जियोपॉलिटिकल टेंशन में अब ईरान शामिल हो गया है। इधर, इजराइल और हमास के बीच सुलह की संभावना घटी है। ऐसे में ज्यादा रिस्क नहीं लेने वाले निवेसकों की दिलचस्पी गोल्ड में बढ़ी है। रूस में यूक्रेन में लड़ाई के लंबा चलने का असर क्रूड की कीमतों पर दिखा है। इससे फिर से कमोडिटी की कीमतों के आसमान में पहुंच जाने की आशंका जताई जा रही है। इससे सोने के लिए फेवरेबल माहौल बनता दिख रहा है।
केंद्रीय बैंकों की गोल्ड की खरीदारी इस साल जारी रहने की उम्मीद
दुनिया के केंद्रीय बैंकों के गोल्ड की खरीदारी के डेटा अभी नहीं आए हैं। लेकिन, ऐसा लगता है कि पिछले दो कैलेंडर साल से जिस तरह गोल्ड की खरीदारी में केंद्रीय बैंकों की ज्यादा दिलचस्पी दिखी है, वह इस साल भी जारी रह सकती है। ऐसा होने पर गोल्ड की कीमतों को सपोर्ट मिलेगा।
मीडियम टर्म में गोल्ड का आउटलुक पॉजिटिव
जो इनवेस्टर्स गोल्ड में अपना निवेश बढ़ाना चाहते हैं, उन्हें कीमतों में गिरावट के मौके का इस्तेमाल खरीदारी के लिए करना चाहिए। अमेरिका में इंटरेस्ट रेट घटना गोल्ड के लिए पॉजिटिव है। हालांकि, इंटरेस्ट रेट्स घटने की उम्मीद का काफी असर गोल्ड की कीमतों पर पहले ही पड़ चुका है। अगर इनफअलेशन हाई रहने के बीच इंटरेस्ट रेट्स में कमी की जाती है तो इससे गोल्ड की कीमतों को सपोर्ट मिलेगा। हालांकि, लगातार तेजी के बाद आगे गोल्ड में थोड़ी गिरावट की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता। लेकिन, मीडियम टर्म में गोल्ड को लेकर हमारा रुख पॉजिटिव है।