योगगुरु रामदेव को उत्तराखंड सरकार ने बड़ा झटका दिया है। दरअसल, राज्य नियामक ने रामदेव की फार्मा कंपनियों के 14 उत्पादों के लाइसेंस निलंबित कर दिए हैं। इन उत्पादों के बारे में बार-बार भ्रामक विज्ञापन प्रकाशित करने को लेकर यह कार्रवाई हुई है। रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक यह उत्तराखंड के ड्रग्स रेग्युलेटरी ने 15 अप्रैल को आदेश दिया था लेकिन इसे अब तक सार्वजनिक नहीं किया गया है। वहीं, रामदेव के एक प्रवक्ता ने कहा कि इस मामले पर उनकी तत्काल कोई टिप्पणी नहीं है।
उच्चतम न्यायालय में चल रही सुनवाई
बता दें कि भ्रामक विज्ञापनों को लेकर पिछले महीने उच्चतम न्यायालय द्वारा रामदेव और उनकी औषधि कंपनी पतंजलि आयुर्वेद को फटकार लगाए गए। अब उच्चतम न्यायालय में 30 अप्रैल को मामले की सुनवाई होने वाली है। दरअसल, शीर्ष अदालत आईएमए की 2022 की एक याचिका पर सुनवाई कर रही है, जिसमें कोविड रोधी टीकाकरण अभियान और चिकित्सा की आधुनिक पद्धतियों को बदनाम करने का अभियान चलाने का आरोप लगाया गया है। अदालत ने पिछले महीने रामदेव, उनके सहयोगी आचार्य बालकृष्ण और पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड से भ्रामक विज्ञापनों पर उसके आदेशों का पालन नहीं करने के लिए सार्वजनिक रूप से माफी मांगने को कहा था।
पतंजलि फूड्स को शो-कॉज नोटिस
इस बीच, रामदेव की FMCG कंपनी-पतंजलि फूड्स लिमिटेड को जीएसटी इंटेलिजेंस महानिदेशालय (डीजीजीआई) ने शो-कॉज नोटिस भेजा है। चंडीगढ़ स्थित डीजीजीआई ने 27.5 करोड़ रुपये के जीएसटी की मांग की है। डीजीजीआई चंडीगढ़ ने अपनी जांच में सात फर्जी फर्मों द्वारा जारी किए गए नकली चालानों को देखा। आरोप है कि इसके आधार पर पतंजलि फूड्स द्वारा लगभग ₹27.46 करोड़ के फर्जी आईटीसी क्लेम किए गए। कंपनी के प्रवक्ता ने नोटिस की पुष्टि की है।