FPI in India: मॉरीशस के साथ भारत की कर संधि में बदलाव और अमेरिकी बॉन्ड यील्ड में लगातार बढ़ोतरी के चलते विदेशी निवेशकों ने अप्रैल में घरेलू इक्विटी से 6,300 करोड़ रुपए निकाले. डिपॉजिटरी के आंकड़ों के मुताबिक मार्च में 35,098 करोड़ रुपए और फरवरी में 1,539 करोड़ रुपए का भारी निवेश हुआ था. आंकड़ों से पता चला कि विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) ने इस महीने (26 अप्रैल तक) भारतीय इक्विटी से 6,304 करोड़ रुपए निकाले हैं.
अमेरिकी बॉन्ड बाजार काफी आकर्षक हो गया है
जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार वी के विजयकुमार ने कहा, ”अमेरिकी बॉन्ड यील्ड में लगातार वृद्धि के कारण इक्विटी और बॉन्ड दोनों में एफपीआई ने ताजा निकासी की. वहां 10 वर्षीय बॉन्ड यील्ड अब लगभग 4.7 फीसदी है, जो विदेशी निवेशकों के लिए बेहद आकर्षक है.”
FPI को परेशान कर रहा मॉरीशस के साथ करार
मॉर्निंगस्टार इन्वेस्टमेंट रिसर्च इंडिया के संयुक्त निदेशक हिमांशु श्रीवास्तव ने कहा कि मॉरीशस के साथ भारत की कर संधि के तहत वहां से भारत में किए गए निवेश पर बदलाव विदेशी निवेशकों को परेशान कर रहा है. उन्होंने कहा कि इसके अलावा व्यापक आर्थिक संकेतों और ब्याज दर परिदृश्य में अनिश्चितता के साथ ही वैश्विक बाजारों से कमजोर संकेत उभरते बाजारों के लिए चुनौती बढ़ा रहे हैं.