Market Cues : जियोपोलिटिकल चिंताओं, कच्चे तेल की बढ़ती कीमतों और यूएस फेड की दर में कटौती के समय पर अनिश्चितता के कारण 19 अप्रैल को समाप्त वोलेटाइल वीक में ब्रॉडर इंडेक्सों ने दिग्गजों की तुलना में कमजोर प्रदर्शन किया। हालांकि, 38 स्मॉलकैप शेयरों में जोरदार तेजी देखने को मिली। इनमें 10 से 35 फीसदी तक की तेजी देखने को मिली।
19 अप्रैल के खत्म हुए हफ्ते में निफ्टी 50 इंडेक्स 372.4 अंक (1.65 फीसदी) गिरकर 22,147 पर बंद हुआ, जबकि बीएसई सेंसेक्स 1,156.57 अंक (1.55 फीसदी) गिरकर 73,088.33 पर बंद हुआ। ब्रॉडर मार्केट, बीएसई स्मॉलकैप, मिडकैप और लार्जकैप इंडेक्सों में 1 फीसदी, 2.2 फीसदी और 1.7 फीसदी की गिरावट आई।
बीते हफ्ते सभी सेक्टोरल इंडेक्स लाल निशान में बंद हुए। निफ्टी आईटी इंडेक्स 4.7 फीसदी गिरा, निफ्टी पीएसयू बैंक 3.7 फीसदी गिरा, निफ्टी रियल्टी इंडेक्स 2.7 फीसदी गिरा और निफ्टी फार्मा इंडेक्स 2 फीसदी गिरा।
गए हफ्ते विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने 11,867.03 करोड़ रुपये की इक्विटी बेची, जबकि घरेलू संस्थागत निवेशकों (डीआईआई) ने 9,036.33 करोड़ रुपये की इक्विटी खरीदी।
मिड और स्मॉलकैप शेयरों में भी गिरावट आई। इनमें वैल्यूएशन की चिंता हावी रही। सन फार्मा एडवांस्ड रिसर्च कंपनी, ट्रूकैप फाइनेंस, जेनसोल इंजीनियरिंग, आईनॉक्स ग्रीन एनर्जी सर्विसेज, सीओफोर्ज, जेनेसिस इंटरनेशनल कॉर्पोरेशन, आईएफसीआई, जय भारत मारुति और विसाका इंडस्ट्रीज स्मॉलकैप के टॉप लूजरो में से रहे।
दूसरी ओर, मोस्चिप टेक्नोलॉजीज, सोलारा एक्टिव फार्मा साइंसेज, धानी सर्विसेज, लिखिता इंफ्रास्ट्रक्चर, एमएम फोर्जिंग्स, मनोरमा इंडस्ट्रीज, सविता ऑयल टेक्नोलॉजीज, ट्रांसफॉर्मर्स एंड रेक्टिफायर्स इंडिया, गैलेंट इस्पात, वारी रिन्यूएबल टेक्नोलॉजीज और एलकॉन इंजीनियरिंग कंपनी में 20-35 फीसदी की तेजी देखने को मिली।
आगे कैसी रह सकती है बाजार की चाल
एंजेल वन के ओशो कृष्ण का कहना है कि ग्लोबल अनिश्चितता कायम रहने तक बाजार अस्थिर रहेगा। तकनीकी चार्ट पर भी यही स्थिति देखने को मिल रही है। जहां तक स्तरों का सवाल है तो 22,000 का मनोवैज्ञानिक स्तर निफ्टी के लिए इंटरमीडिएट सपोर्ट होगा, इसके बाद 21,800-21,700 के जोन में अगला बड़ा सपोर्ट है। वहीं, ऊपर की तरफ 20 DEMA या 22,300 पर पहला रजिस्टेंस दिख रहा है। इसके बाद 22,430-22,500 पर अगला रजिस्टेंस नजर आ रहा है। अगर निफ्टी इस बाधा को पार कर लेता है तो डी-स्ट्रीट की लगाम एक बार फिर बुल्स के हाथ में आ जाएगी।
मौजूदा जियोपोलिटिकल स्थितियों के बीच सतर्क रहने की सलाह होगी। इस स्थिति दोनों तरफ के ट्रेडर फंसा सकते हैं। ऐसे में ट्रेडर्स को सलाह होगी की वे ऊपर दिए गए स्तरों को ध्यान में रख कर ही ट्रेड लें। बदलती जियोपोलिटिक स्थिति पर नजर रखें, बहुत आक्रामक दांव लगाने से बचें और अनिश्चितता के शांत होने की प्रतीक्षा करें। डेरिवेटिव कॉन्ट्रक्टस की एक्सपायरी के बीच आने वाला हफ्ता भी वोलेटाइल रहने की उम्मीद है।
मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज के सिद्धार्थ खेमका का कहना है कि अलग-अलग संकेतों के कारण बाजार में बड़े दायरे में उठापटक की संभावना है। मध्य पूर्व में जियोपोलिटिकल तनाव का भड़कना, अमेरिकी फेड की तीखी टिप्पणियां और एफआईआई की बिकवाली निवेशकों को बेचैन कर रही हैं। वहीं सकारात्म बात यह है कि इंडेक्स दिग्गजों से अच्छे नतीजों की उम्मीदें और निचले स्तरों से आती खरीदारी बाजार में मजबूती का संकेत दे रही हैं।
अगले हफ्ते ग्लोबल संकेतों के साथ-साथ नतीजों के मौसम पर भी फोकस रहेगा। अगले हफ्ते एचयूएल, मारुति और बजाज फाइनेंस जैसे इंडेक्स हैवी वेट अपने नतीजों की घोषणा करेंगे। निवेशक अमेरिका और भारत के मैन्यूफैक्चरिंग और सर्विसेज पीएमआई डेटा, यूएस Q1 जीडीपी आंकड़ों और जापान के पॉलिसी स्टेटमेंट जैसे आर्थिक डेटा प्वाइंट्स पर भी नज़र रखेंगे।