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Home Loan: न हों परेशान, लोन की ईएमआई कम कर देंगे ये स्मार्ट तरीके, एक्सपर्ट्स ने समझाया पूरा गणित


Last Update News= Jun 2, 2023 @ 12:05 am
नई दिल्ली: होम लोन सबसे लंबे समय तक चलने वाला लोन होता है। इसमें ग्राहकों को भारी-भरकम ब्याज चुकाना पड़ता है। पिछले दिनों में आरबीआई ने रेपो रेट में कई बार बढ़ोतरी की है। रेपो रेट बढ़ने का सीधा असर लोन पर पड़ा है। लोन महंगा हो गया है। लोगों की जेब पर पहले से ज्यादा ढीली हो रही है। कई बार लोगों की किस्ते देरी से भी जाती हैं। किस्त के भुगतान में देरी से आपका सिबिल स्कोर प्रभावित होता है। इससे बैंक पीनल इंटरेस्ट के रूप में जुर्माना वसूलते हैं जो EMI एक से दो फीसदी होता है। बार-बार भुगतान में देरी से रिकवरी एजेंट्स भी परेशान करने लगते हैं। अगर आप भी लोन की ईएमआई के बोझ से परेशान हो रहे हैं तो इससे राहत के उपाए हैं। एक्सपर्ट्स ने कई ऐसे स्मार्ट तरीके बताए हैं जिन्हें अपनाकर आप अपनी लोन की ईएमआई के बोझ को कम कर सकते हैं। आइए आपको बताते हैं ऐसे कौन से तरीके हैं जिनसे ईएमआई के बोझ को कम किया जा सकता है।

ट्रांसफर करा लें लोन

हालांकि इस समय सभी बैंकों में ही होम लोन के रेट्स बढ़ चुके हैं। लोन के रेट्स में ज्यादा अंतर नहीं है। लेकिन कई बार ऐसा होता है कि आपने जिस बैंक से होम लोन लिया है, उसका रेट दूसरे बैंक से बहुत ज्यादा होता है। ऐसे में आप दूसरे बैंक में लोन को ट्रांसफर करा सकते हैं। अगर आपने 0.50 फीसदी कम ब्‍याज पर लोन ट्रांसफर करा लिया तो आपको कम किस्त के साथ ब्याज भी कम चुकाना होगा। लेकिन जानकारों का कहना है कि शुरुआती वर्षों में ही लोन ट्रांसफर कराने का फायदा मिलता है।

लोन का टेन्योर बढ़वा लें

अगर आपकी ईएमआई की किस्तें आपके बजट पर असर डाल रही हैं तो इसे कम किया जा सकता है। आप अपने लोन का टेन्‍योर बढ़वा कर किस्त कम करा सकते हैं। लेकिन इससे आपको लंबे समय तक ब्याज देना पड़ेगा। आप अपने टेन्योर को बढ़वा लें। इससे आपकी ईएमआई कम हो जाएगी।

एकमुश्त रकम चुकाएं

अगर आपके पास नकदी रखी हुई है, तो आप कुछ एकमुश्त रकम चुकाकर अपने होम लोन टर्म को छोटा कर सकते हैं। आप इस बारे में अपने बैंक से बात करें। इस तरह आप लोन रीफाइनेंस करके अपनी होम लोन की अवधि कम करा सकते हैं। होम लोन जैसे बड़े लोन के मामले में शुरुआती वर्षों में प्रीपेमेंट आपके लोन की अवधि काफी ज्यादा कम कर देता है। लोन में प्रीपेमेंट से आप उस कर्ज की अवधि घटा सकते हैं या उसकी EMI की रकम कम कर सकते हैं।

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