कोटक महिंद्रा बैंक का मानना है कि अगली कुछ तिमाहियों में माइक्रोफाइनेंस इंस्टीट्यूशंस (MFI) सेक्टर में नुकसान ऊंचा बना रहेगा। रिजर्व बैंक द्वारा बैंक की कुछ गतिविधियों पर पाबंदी उठाए जाने के बाद बैंक के मैनेजिंग डायरेक्टर और सीईओ अशोक वासवानी ने सीएनबीसी टीवी18 को दिए एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में बैंक की योजनाओं के बारे में विस्तार से बात की। उनका कहना था कि बैंक को पहले ही अंदाजा मिल गया था कि हालात चुनौतीपूर्ण हो रहे हैं। नतीजतन, उन्होंने अपना ऑपरेशन सुस्त कर माइक्रोफाइनेंस सेक्टर में अपना एक्सपोजर घटा दिया।
वासवानी को उम्मीद है कि इस सेक्टर में नुकसान अगली एक या दो तिमाही तक ऊंचा बना रहेगा। हालांकि, उन्होंने उम्मीद जताई कि इसके बाद हालात बेहतर होंगे। चूंकि रिजर्व बैंक ने कोटक महिंद्रा बैंक से पाबंदी हटा दी है, लिहाजा बैंक अब अपने मोबाइल और ऑनलाइन बैंकिंग प्लेटफॉर्म के जरिये नए कस्टमर लाने में सक्षम है। बैंक को अब नए क्रेडिट कार्ड जारी करने की अनुमति भी मिल गई है। रिजर्व बैंक ने 10 महीने पहले कोटक महिंद्रा बैंक पर पाबंदी लगाई थी।
वासवानी ने कहा कि पिछले साल जनवरी में ही उन्हें अंदाजा हो गया था कि माइक्रोफाइनेंस बिजनेस के मोर्चे पर स्थिति ठीक नहीं है, लिहाजा बैंक इस सेगमेंट में सुस्त हो गया। हमारे एक्सपोजर और लोन बुक में काफी गिरावट आई है। दिसंबर तिमाही में बैंक के अनसिक्योर्ड बुक की ग्रोथ में गिरावट देखने को मिली और घटकर करीब 10.5 पर्सेंट पर पहुंच गया। इस बारे में वासवानी का कहना था कि बैंक का टारगेट कुल लोन में अनसिक्योर्ड लोन की हिस्सेदारी थोड़ा और बढ़ाना है।
उनके मुताबिक, बैंक के पर्सनल लोन बुक में नाटकीय तरीके से बढ़ोतरी हुई है। हालांकि, कार्ड की ग्रोथ स्थिर है, लिहाजा बैंक को इसमें ज्यादा बढ़ोतरी की उम्मीद है।
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