ब्रोकरेज फर्म राइट रिसर्च (Wright Research) की सोनम श्रीवास्तव (Sonam Srivastava) का मानना है कि करेक्शन के बाद कई सेक्टर आकर्षक नजर आ रहे हैं और पॉलिसी सपोर्ट और भारत के पक्ष में ग्लोबल बदलाव का फायदा इन सेक्टरों को मिल सकता है। मनीकंट्रोल को दिए इंटरव्यू में उनका कहना था, ‘आईटी सर्विसेज को डिजिटल मोर्चे पर हो रहे बदलाव, क्लाउड के प्रचलन और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आधारित क्षमताओं का फायदा मिल सकता है, जबकि फार्मास्युटिकल सेक्टर की स्थिति भी बेहतर है। ‘
उनके मुताबिक, एक प्रमुख चिंता स्मॉलकैप स्पेस को लेकर है। लिहाजा, निवेशकों को स्मॉलकैप होल्डिंग्स को लेकर सावधानी बरतनी चाहिए और मजबूत अर्निंग संभावनाओं, बेहतर कैश फ्लो और मजबूत बिजनेस मॉडल के आधार पर कंपनियों के लिए प्राथमिकता तय करनी चाहिए। सोनम के पास शेयर बाजार और म्यूचुअल फंड में 11 साल से भी ज्यादा का अनुभव है। उनका कहना था कि हालिया करेक्शन से उसके पोर्टफोलियो को भी नुकसान पहुंचा है और इसकी मुख्य वजह स्मॉलकैप शेयर में हुई गिरावट रही है।
उन्होंने कहा कि मोदी-ट्रंप के बीच हालिया बैठक अमेरिका और भारत के ट्रेड रिश्तों के लिहाज से काफी अहम है। दोनों देशों के बीच रिश्ते मजबूत होने की वजह से डिफेंस और टेक्नोलॉजी जैसे सेक्टरों को फायदा मिल सकता है। दोनों नेताओं ने इन क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने की इच्छा जताई है। सोनम के मुताबिक, अमेरिका द्वारा भारत को हथियारों की बिक्री में बढ़ोतरी को लेकर हो रही बातचीत भी एक पॉजिटिव घटनाक्रम है। इससे भारत की डिफेंस क्षमताओं में बढ़ोती होगी और ट्रेड संबंधो को भी बढ़ावा मिलेगा।
सोनम का कहना था कि मोदी-ट्रंप की बैठक से कई सेक्टरों पर पॉजिटिव असर पड़ने की संभावना है। डिफेंस सेक्टर को मिलिट्री सेल्स और टेक्नोलॉजी ट्रांसफर से फायदा मिलेगा। उन्होंने कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और अन्य उभरते हुए क्षेत्रों में सहयोग के कारण टेक्नोलॉजी सेक्टर में ग्रोथ के अवसर मिल सकते हैं। यह पूछे जाने पर हालिया करेक्शन के बाद निफ्टी अपने निचले स्तर पर पहुंच गया है, सोनम का कहना था इस बारे में भविष्यवाणी करना बेहद मुश्किल है, क्योंकि बाजार में कई तरह के माइक्रो-इकोनॉमिक और लिक्विडिटी आधारित फैक्टर्स का असर होता है।
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