क्या आपने कभी सोचा है कि ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म्स हर ग्राहक को अलग कीमत क्यों दिखाते हैं, हाल ही में ऑनलाइन ग्रोसरी डिलीवरी प्लेटफॉर्म Zepto को लेकर एक नई बहस छिड़ गई है। लिंक्डइन यूजर तेजश पाडिया ने दावा किया कि Zepto पर 1 किलो प्याज की कीमत 5 अलग-अलग फोन पर अलग-अलग दिखाई गई। यह अंतर मामूली नहीं, बल्कि लगभग दोगुना था—एक फोन पर ₹35 तो दूसरे पर ₹64, इस खुलासे के बाद इंटरनेट पर चर्चा तेज हो गई है। लोग सवाल उठा रहे हैं कि क्या Zepto और दूसरे ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म्स ग्राहकों की खरीदारी आदतों के हिसाब से कीमतें तय कर रहे हैं?
तेजश के मुताबिक, जो ग्राहक बार-बार ऑर्डर करते हैं, उन्हें ज्यादा कीमत चुकानी पड़ती है। क्या यह डायनामिक प्राइसिंग का खेल है या ग्राहकों के साथ एक नई रणनीति? Zepto की ओर से अब तक कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है, लेकिन इस मुद्दे ने ऑनलाइन खरीदारी को लेकर नए सवाल खड़े कर दिए हैं।
1 किलो प्याज के लिए अलग-अलग दाम
तेजश पाडिया ने अपने पोस्ट में बताया कि जब उन्होंने पांच अलग-अलग फोन में Zepto ऐप ओपन किया तो उन्हें एक ही प्याज की दो अलग-अलग कीमतें दिखीं।
एक फोन में 1 किलो प्याज ₹64 में दिख रहा था।
जबकि दूसरे फोन में ₹35 में वही प्याज मिल रहा था।
यह अंतर कोई छोटी-मोटी डील का हिस्सा नहीं था, बल्कि यूजर का दावा है कि Zepto बार-बार खरीदारी करने वालों से ज्यादा कीमत वसूल रहा है।
यह एंड्रॉइड vs iOS का मामला नहीं
कुछ लोगों को लग सकता है कि यह अंतर एंड्रॉइड और iOS डिवाइस के बीच हो सकता है, लेकिन तेजश पाडिया ने इसे भी खारिज कर दिया।
दो अलग-अलग iPhones पर भी कीमतों में फर्क था।
ऐप पर प्याज की रेटिंग और रिव्यू समान दिख रहे थे।
रात के समय कीमतों में बदलाव का कोई तर्क नहीं था।
तो आखिर Zepto यह कीमतें किस आधार पर तय कर रहा है?
बार-बार खरीदारी करने वालों से ज्यादा कीमत क्यों?
तेजश ने इस अंतर को समझने के लिए एक पैटर्न पर गौर किया। उन्होंने पाया कि, जिन लोगों ने Zepto से बार-बार (हफ्ते में 15 बार) ऑर्डर किया, उन्हें ₹64 की कीमत दिखाई गई। जिन लोगों ने ऐप का कम इस्तेमाल किया (हफ्ते में 5 बार से कम), उन्हें वही प्याज ₹35 में मिला।सीधे शब्दों में कहें तो जिन ग्राहकों ने Zepto पर ज्यादा भरोसा दिखाया, उन्हें ही ज्यादा कीमत चुकानी पड़ी।
यूजर्स ने दी मिलीजुली प्रतिक्रिया
इस पोस्ट के वायरल होते ही लोगों ने जमकर प्रतिक्रिया दी। एक यूजर ने लिखा, “यही वजह है कि मैं हमेशा बाजार जाकर ही सब्जियां खरीदता हूं। वहां न सिर्फ कीमतें ठीक रहती हैं, बल्कि दुकान वाले मुस्कुराकर सामान भी देते हैं।”दूसरे यूजर ने कहा, “मैंने भी यही अनुभव किया है। अगर आप किसी ऐप से खरीदारी कम कर देते हैं, तो अचानक आपको छूट और सस्ते दाम मिलने लगते हैं। लेकिन जैसे ही आप फिर से ज्यादा ऑर्डर करने लगते हैं, कीमतें बढ़ जाती हैं।”
ऑनलाइन शॉपिंग में ‘डायनामिक प्राइसिंग’ का खेल?
इस घटना से सवाल उठता है कि क्या ई-कॉमर्स कंपनियां डायनामिक प्राइसिंग (Dynamic Pricing) का इस्तेमाल कर रही हैं, डायनामिक प्राइसिंग का मतलब है कि एक ही प्रोडक्ट की कीमत अलग-अलग ग्राहकों के लिए अलग हो सकती है, उनकी खरीदारी की आदतों, लोकेशन, और ब्राउजिंग हिस्ट्री के आधार पर।
ग्राहकों के साथ धोखा है या बिजनेस की नई रणनीति?
अगर आप भी ऑनलाइन ग्रोसरी ऐप्स से खरीदारी करते हैं, तो कुछ टिप्स ध्यान में रखें
एक ही प्रोडक्ट की कीमत अलग-अलग डिवाइसेस पर चेक करें।
कभी-कभी खरीदारी कम करें ताकि बेहतर डील्स मिल सकें।
सिर्फ सुविधा के लिए ऑनलाइन शॉपिंग पर निर्भर न रहें, लोकल मार्केट से भी तुलना करें।
Zepto जैसे प्लेटफॉर्म्स को इस बारे में फीडबैक दें ताकि पारदर्शिता बनी रहे।
क्या Zepto इसपर सफाई देगा?
तेजश पाडिया ने अपनी पोस्ट में Zepto के अधिकारियों को भी टैग किया है, लेकिन अभी तक कंपनी की ओर से कोई जवाब नहीं आया है। क्या Zepto यह स्वीकार करेगा कि वह बार-बार खरीदारी करने वालों से ज्यादा पैसे वसूल रहा है? या यह सिर्फ एक तकनीकी गड़बड़ी है? आपका क्या कहना है? क्या आप भी ऑनलाइन शॉपिंग में ऐसे बदलाव देख चुके हैं?
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