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Stock Market: शेयर बाजार में तेजी के 6 बड़े कारण? सेंसेक्स 500 अंक उछला, स्मॉल-मिडकैप शेयरों में भी लौटी हरियाली

Stock Market: भारतीय शेयर बाजारों में आखिरकार 6 दिनों की लगातार गिरावट के बाद आज गुरुवार 13 फरवरी को तेजी लौटी है। मजबूत ग्लोबल संकेतों के बीच,सेंसेक्स आज शुरुआती कारोबार में 450 अंक बढ़कर 6,621 पर पहुंच गया। निफ्टी भी 139 अंकों की तेजी के साथ 23,185 पर कारोबार कर रहा था। यहां तक कि छोटे और मझोले शेयरों में भी शानदार उछाल देखने को मिली। बीएसई का मिडकैप इंडेक्स 1.18 फीसदी और स्मॉलकैप इंडेक्स 0.78 फीसदी बढ़कर कारोबार कर रहे थे। अधिकतर सेक्टोरल इंडेक्स भी आज हरे निशान में थे। सबसे अधिक तेजी निफ्टी फार्मा में देखने को मिली। निफ्टी मेटल भी 1.5 फीसदी की बढ़त के साछ टॉप गेनर्स में शामिल था।

मार्केट एक्सपर्ट्स का कहना है कि शेयर बाजार में आई इस मजबूती के पीछे 6 बड़े कारण रहे-

1. रूस-यूक्रेन शांति वार्ता की उम्मीदों से ग्लोबल मार्केट में तेजी

अमेरिका और रूस के बीच जंग के खात्मे को लेकर संभावित बातचीत की खबरों के बाद ग्लोबल लेवल पर निवेशकों के सेंटीमेंट में सुधार देखा गया। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने फोन पर बातचीत करके शांति वार्ता शुरू करने पर सहमति जताई, जिससे लंबे समय से चली आ रही भू-राजनीतिक अस्थिरता को लेकर चिंता कम हुई।

 

इस खबर के बाद ग्लोबल शेयर बाजारों में उछाल देखा गया। S&P 500 फ्यूचर्स 0.2%, NASDAQ फ्यूचर्स 0.4% और यूरोपीय स्टॉक्स 1% ऊपर चले गए। जापान का निक्केई 1.1% बढ़ा, जबकि हांगकांग का हैंग सेंग इंडेक्स 1% उछलकर चार महीने के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया। इस तेजी ने अमेरिकी महंगाई और ट्रेजरी यील्ड्स में बढ़ोतरी से जुड़ी बनी चिंताओं को दबा दिया है।

2. अमेरिकी महंगाई दर के झटके को बाजार ने पचाया

अमेरिका का कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स (CPI) में जनवरी महीने में 0.5% बढ़ा, जो अगस्त 2023 के बाद सबसे बड़ा उछाल था। इसका सालाना CPI 3.0% तक पहुंच गया है, जो 2.9% के अनुमान से अधिक था। इस आंकड़े के बाद ट्रेजरी यील्ड में उछाल आया और 10-ईयर ट्रेडरी बॉन्ड की यील्ड रातोंरात ब़कर 4.66 प्रतिशत पर पहुंच गई और फिर बाद में यह थोड़ी कम होकर 4.615 प्रतिशत पर आ गई। हालांकि, एनालिस्ट्स का कहना है कि बाजार पहले से ही अमेरिकी फेडरल रिजर्व की ओर ब्याज दरों में कटौती नहीं करने की संभावना को मान चुका था, इसलिए इस डेटा का इक्विटी मार्केट पर ज्यादा असर नहीं पड़ा।

3. भारत में खुदरा महंगाई घटी, RBI से रेट कट की उम्मीद बढ़ी

भारत का कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स (CPI) आधिरत खुदरा महंगाई दर जनवरी में 4.31% रहा, जो इसका पिछले पांच महीने का निचला स्तर है। यह अर्थशास्त्रियों के 4.6 प्रतिशत के अनुमान से कम है और दिसंबर में रहे 5.22 प्रतिशत के महंगाई दर से काफी नीचे है। फूड इंफ्लेशन में गिरावट के चलते यह उम्मीदें मजबूत हुई हैं कि भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) अप्रैल महीने के दौरान ब्याज दरों में एक और कटौती कर सकता है। HDFC बैंक की चीफ इकोनॉमिस्ट साक्षी गुप्ता ने कहा, “महंगाई अगले दो महीनों में 4-4.5% के बीच रह सकती है, जिससे RBI के अप्रैल में दरों में कटौती की संभावना बढ़ जाती है।”

4. क्रूड ऑयल के दाम में गिरावट से राहत

क्रूड ऑयल के दाम में गिरावट जारी है। गुरुवार को ब्रेंट क्रूड का भाव 74.66 डॉलर प्रति बैरल और अमेरिकी क्रूड का भाव 70.88 डॉलर प्रति बैरल तक आ गया, जिससे महंगाई से जुड़ी चिंताएं कम हुई है। रूस-अमेरिका वार्ता से जुड़ी खबरों के बाद बाजार को उम्मीद है कि भू-राजनीतिक तनाव घटेगा और ग्लोबल सप्लाई बेहतर होगी। भारत जैसे क्रूड ऑयल के बड़े खरीदारों के लिए कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट राहत देने वाली है, क्योंकि इससे महंगाई और राजकोषीय घाटे पर दबाव कम होगा।

5. चीन के बाजारों में स्थिरता से एशियाई बाजारों को सपोर्ट

चीन के शेयर बाजारों में आई रिकवरी से गुरुवार को एशियाई शेयर बाजारों को सपोर्ट मिला। हांगकांग का हैंग सेंग इंडेक्स 1% चढ़कर चार महीने के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया, जबकि चीन के ब्लू-चिप स्टॉक्स स्थिर रहे। यह संकेत देता है कि निवेशकों को अब एशियाई बाजारों में खासतौर से टेक और कंज्यूमर सेक्टर में अवसर नजर आ रहा है।

6. लार्जकैप शेयरों में निचले स्तर पर खरीदारी

सेंसेक्स और निफ्टी में पिछले 6 दिनों के 3% की तगड़ी गिरावट देखने को मिली थी। इसने निवेशकों को कई पिटे हुए लार्ज-कैप शेयरों में निचले स्तर पर खरीदारी का मौका दिया। म्यूचुअल फंड्स की ओर से लगातार आ रहे निवेश से भी बाजार को सपोर्ट मिला है। Geojit Financial Services के चीफ इनवेस्टमेंट स्ट्रैटजिस्ट वीके विजयकुमार ने कहा, “मौजूदा कमजोरी एक अवसर है, जिससे निवेशक महंगे हो चुके छोटे और मिडकैप स्टॉक्स से निकलकर उचित मूल्य वाले लार्जकैप स्टॉक्स में शिफ्ट हो सकते हैं।”

 

डिस्क्लेमरःएक्सपर्ट्स/ब्रोकरेज फर्म्स की ओर से दिए जाने वाले विचार और निवेश सलाह उनके अपने होते हैं, न कि वेबसाइट और उसके मैनेजमेंट के।  यूजर्स को सलाह देता है कि वह कोई भी निवेश निर्णय लेने के पहले सर्टिफाइड एक्सपर्ट से सलाह लें।

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