ONGC-NTPC ग्रीन प्राइवेट लिमिटेड (ONGPL) ने अयाना रिन्यूएबल पावर प्राइवेट लिमिटेड (Ayana) में 100 पर्सेंट हिस्सेदारी खरीदने का फैसला किया है। यह डील 2.3 अरब डॉलर में हुई है। ONGC-NTPC ग्रीन प्राइवेट लिमिटेड ने इस सिलसिले में नेशनल इनवेस्टमेंट एंड इंफ्रास्ट्रक्चर फंड (NIIF), ब्रिटिश इंटरनेशनल इनवेस्टमेंट पीएलसी और इसकी सब्सिडियरी (BII) के साथ-साथ एवरसोर्स कैपिटल के साथ 12 फरवरी 2015 को शेयर परचेज एग्रीमेंट किया। ONGC-NTPC ग्रीन प्राइवेट लिमिटेड, ओएनजीसी ग्रीन लिमिटेड (OGL) और एनटीपीसी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड (NGEL) का ज्वाइंट वेंचर है।
मनीकंट्रोल ने 24 अक्टूबर को सबसे पहले खबर दी थी कि अयाना रिन्यूएबल पावर को खरीदने की रेस में सरकारी ऑयल एंड गैस कंपनी प्रमुख दावेदार बनकर उभरी है और इस बड़ी खरीद के लिए वह पार्टनर चुन सकती है। अयाना, रिन्यूएबल एनर्जी सेक्टर में बड़ा खिलाड़ी है और इसका कंट्रोलिंग स्टेक NIIF के पास है। इस कंपनी के पास 4.1 गीगावॉट के ऑपरेशनल और अंडर कंस्ट्रक्शन एसेट्स हैं। अयाना का अधिकांश पोर्टफोलियो समृद्ध संसाधनों वाले राज्यों में मौजूद है और इसका जुड़ाव SECI, NTPC, GUVNL, Indian Railways आदि के साथ है।
इस सिलसिले में ONGC-NTPC ग्रीन प्राइवेट लिमिटेड की तरफ से जारी बयान में कहा गया है, ‘ यह ट्रांजैक्शन ONGPL के लिए मील का पत्थर होगा। नवंबर 2024 में कंपनी की स्थापना के बाद यह ONGPL का पहला रणनीतिक अधिग्रहण है। इस सौदे से रिन्यूएबल एनर्जी सेक्टर में कंपनी का विस्तार तेज होगा।’ इस अधिग्रहण के जरिये ओएनजीसी और एनटीपीसी को क्रमशः 2038 और 2050 तक नेट जीरो टारगेट हासिल करने में मदद मिलेगी। भारत ने 2030 तक 500 गीगावॉट की रिन्यूएबल क्षमता हासिल करने और 2070 तक नेट जीरो इमिशन हासिल करने का लक्ष्य तय किया है।
ओएनजीसी ग्रीन लिमिटेड के सीईओ संजय कुमार मजूमदार ने बताया, ‘ अयाना का अधिग्रहण, ओएनजीसी ग्रीन लिमिटेड और एनटीपीसी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड के क्लीन एनर्जी के लक्ष्य की दिशा में मील का पत्थर है। यह अधिग्रहण हमें भारत को लो-कार्बन इकोनॉमी की दिशा में आगे बढ़ाने में मदद करेगा।’
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