ICICI प्रूडेंशियल म्यूचुअल फंड के एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर और चीफ इनवेस्टमेंट ऑफिसर (CIO) एस नरेन ने हाल ही में मिडकैप और स्मॉलकैप शेयरों के बेहद महंगे वैल्यूएशन को लेकर दिए गए अपने बयान पर सफाई दी है। उन्होंने निवेशकों को सलाह दी कि वे पिछले 5 सालों में इन शेयरों से मिले मुनाफे को बचाने पर ध्यान दें। हालांकि उन्होंने भारत की लॉन्ग-टर्म ग्रोथ स्टोरी पर भरोसा जताया है, लेकिन साथ में यह भी कहा कि फिलहाल मिडकैप और स्मॉलकैप शेयर काफी महंगे हो चुके हैं, इसलिए निवेशकों को जोखिमों से बचने के लिए डायवर्सिफिकेशन की रणनीति अपनानी चाहिए।
नरेन की यह सफाई पिछले सप्ताह एक कार्यक्रम में दिए गए उनके बयान के बाद आई है, जिसमें उन्होंने निवेशकों को मिडकैप और स्मॉलकैप शेयरों से अपना निवेश पूरी तरह से निकालने की सलाह दी थी। नरेन ने अपनी स्थिति साफ करते हुए कहा, “कम से कम फरवरी 2025 तक, अधिकतर निवेशकों का फोकस अपने मुनाफे को बचाने पर होना चाहिए। जिन्होंने पिछले 5 सालों में इक्विटी या रियल एस्टेट में निवेश किया है, उन्होंने संभवतः अच्छे रिटर्न कमाए हैं।”
एस नरेन ने 2013 से 2020 तक के दौर की तुलना करते हुए कहा कि उस समय भी शेयर बाजार रिटर्न बेहद कम था। नरने ने कहा कि आज की चुनौती पैसा बनाने की नहीं, बल्कि उसे बचाए रखने की है। उन्होंने कहा, “फिलहाल मिडकैप और स्मॉलकैप शेयर अत्यधिक महंगे हो गए हैं, जबकि लार्जकैप शेयर तुलनात्मक रूप से सस्ते और अधिक संतुलित नजर आ रहे हैं।
वैल्यूएशन हुआ असमान
नरेन ने इस स्मॉलकैप-मिडकैप और लार्जकैप शेयरों के बीच वैल्यूएशन के अंतर के लिए FIIs को जिम्मेदार ठहराया, जिन्होंने हाल के महीनों में लार्ज-कैप शेयरों में 1 लाख करोड़ रुपये से अधिक की बिकवाली की है। इसके चलते लार्जकैप अब तुलनात्मक रूप से सस्ते लगने लगे है और मिडकैप और स्मॉलकैप शेयरों के भाव ऊंचे हो गए।
उन्होंने कहा, “इतिहास में बहुत कम बार ऐसा हुआ है जब मिडकैप और स्मॉलकैप शेयर इतने महंगे हुए हों, 2007 के अलावा शायद ही कोई और उदाहरण मिले।”
एस नरेन ने जोखिमों को देखते हुए निवेशकों को उनके निवेश को डायवर्सिफाई करने की सलाह दी है। उन्होंने कहा कि निवेशकों को इक्विटी, डेट, रियल एस्टेट, ग्लोबल स्टॉक्स के साथ सोने-चांदी जैसे बहुमूल्य धातुओं में निवेश का सही मिश्रण अपनाना चाहिए।
उन्होंने चेतावनी दी,”सबसे अच्छी रणनीति यह है कि सारा पैसा इक्विटी में न लगाएं, खासकर मिडकैप और स्मॉलकैप में। SME IPOs और अनलिस्टेड शेयर तो और भी ज्यादा जोखिम भरे हैं।”
SIPs को लेकर भी दी सफाई
एस नरेन ने सिस्टेमेटिक इनवेस्टमेंट प्लान (SIP) पर अपनी पिछली सलाह को भी साफ किया और कहा कि निवेशकों को उन एसेट क्लास में SIP जारी रखना चाहिए जहां वैल्यूएशन बेहतर हो। उन्होंने कहा, “आज, लार्जकैप, फ्लेक्सीकैप और हाइब्रिड फंड्स मिडकैप और स्मॉलकैप की तुलना में बेहतर वैल्यूएशन दे रहे हैं।”
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