Uncategorized

वो 4 कारण जिसकी वजह से लगातर बाजार में दिख रही बिकवाली, क्या अभी पूरी पिक्चर बाकी है? | Zee Business

 

सेंसेक्स और निफ्टी में बड़ी गिरावट के चलते बीएसई के कुल मार्केट कैप से करीब 26 लाख करोड़ रुपए की वैल्यू कम हो गई. शुरुआती कारोबार में बीएसई का कुल मार्केट कैप 400 लाख करोड़ रुपए के स्तर से नीचे फिसलने की कगार पर था. हालांकि बाजार बंद होने से थोड़ी देर पहले इसमें हल्की रिकवरी देखी गई. ऐसे में यह जानना जरूरी हो जाता है कि वो कारण कौन सी है?.

क्यों नहीं हो रही खरीदारी?

बाजार में जारी बिकवाली के बीच कहीं से भी खरीदारी देखने को नहीं मिल रही है. ना ही घरेलू निवेशक अक्रामक रूप से बाइंग कर रहे हैं ना ही FII. इसके पीछे एक कारण ये है कि जब उच्च टैरिफ ट्रंप लगातार लागू करेंगे तो उससे अमेरिका में महंगाई बढ़ेगी और फेड आक्रामक तरीके से प्रतिक्रिया करेगा, तो अमेरिकी शेयर बाजार में गिरावट आएगी. इससे ट्रंप पर लगाम लगेगी. लेकिन इसमें कुछ समय लगेगा. इस बीच, बाजार में ड्रामा और अस्थिरता जारी रहेगी. और खरीदारी पर असर पड़ेगा.

ट्रंप के टैरिफ फैसलों का असर

एक्सपर्ट की मानें तो अमेरिका में महंगाई (Inflation) बढ़ने के संकेत मिल रहे हैं, जबकि अमेरिकी फेडरल रिजर्व ब्याज दरों में कटौती को लेकर जल्दबाजी में नहीं है. इस कारण 10-वर्षीय अमेरिकी ट्रेजरी बॉन्ड यील्ड (4.55%) और डॉलर इंडेक्स मजबूत बने हुए हैं. इसके अलावा, डोनाल्ड ट्रंप द्वारा नए टैरिफ लगाने की घोषणाओं ने निवेशकों की चिंता और बढ़ा दी है. ट्रंप प्रशासन ने चीन से आने वाली वस्तुओं पर 10% शुल्क बढ़ाने का फैसला किया है, जिससे अमेरिका में औसत टैरिफ दर 2.3% से 3.7% तक पहुंच गई है. यदि स्टील और एल्युमीनियम पर 25% टैरिफ लागू किया जाता है, तो यह दर 4.1% तक बढ़ सकती है.

रुपया हो रहा कमजोर

डॉलर की मजबूती के चलते भारतीय रुपए पर दबाव बढ़ा है, जिससे इसके और कमजोर होने की आशंका जताई जा रही है. कच्चे तेल की कीमतों में नरमी और भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के उपायों के समर्थन से रुपया बुधवार को शुरुआती कारोबार में 27 पैसे मजबूत होकर 86.52 प्रति डॉलर पर पहुंच गया.

विदेशी निवेशकों की भारी बिकवाली

विदेशी संस्थागत निवेशकों (FIIs) ने 2025 में अब तक 88,000 करोड़ रुपए की बिकवाली कर दी है. अकेले मंगलवार को FIIs ने 4,486.41 करोड़ रुपए के शेयर बाजार में बेचे.

वैल्यूएशन बना ट्रिगर

स्मॉल और मिडकैप शेयरों में सुधार के बावजूद, विश्लेषकों का मानना ​​है कि वैल्यूएशन के मामले में ये शेयर अभी भी काफी हद तक दबाव में हैं. नतीजतन, बीएसई स्मॉलकैप और मिडकैप सूचकांकों में 3% से अधिक की तेज गिरावट देखी गई है. इससे सूचकांकों और निवेशकों की धारणा पर और दबाव बढ़ रहा है.

Source link

जिनके किसी भी दवाई लगाने से दाद नही मिट रहे हो तो आज ही खुजलीन दवाई आर्डर करे, कैश ऑन डिलीवरी की सुविधा उपलब्ध। ज्यादा जानकारी के लिए क्लिक करे।
जिनके किसी भी दवाई लगाने से दाद नही मिट रहे हो तो आज ही खुजलीन दवाई आर्डर करे, कैश ऑन डिलीवरी की सुविधा उपलब्ध। ज्यादा जानकारी के लिए क्लिक करे।
Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Most Popular

To Top