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Tariff War: ट्रंप ने बढ़ाया टैरिफ तो भारत के इन सेक्टर्स को लग सकता है तगड़ा झटका, शेयर बाजार पर भी दिखेगा गहरा असर

Tariff war: अमेरिकी प्रेजिडेंट डोनल्ड ट्रंप के टैरिफ वॉर का सबसे ज्यादा नुकसान एशियाई देशों की तुलना में भारत, चीन और थाईलैंड जैसे उभरते देशो को ज्यादा हो सकता है। ब्रोकरेज फर्म नोमुरा ने अपनी रिपोर्ट में यह कहा है।

नोमुरा ने कहा कि भारत, थाईलैंड और चीन की प्रभावी टैरिफ दरें अमेरिका से कहीं अधिक हैं। भारत की अमेरिकी निर्यात पर एवरेज टैरिफ दर 9.5 प्रतिशत है। जबकि भारत के अमेरिका में निर्यात पर टैरिफ दर 3 फीसदी है। थाईलैंड में यह स्थिति 6.2 प्रतिशत बनाम 0.9 प्रतिशत और चीन में 7.1 प्रतिशत बनाम 2.9 प्रतिशत है।

नोमुरा के एनालिस्ट्स ने अपने नोट में कहा, ”जिन देशों ने अमेरिका के साथ मुक्त व्यापार समझौते (FTA) किए हैं, जैसे कि सिंगापुर और दक्षिण कोरिया, ट्रम्प के जवाबी टैरिफ खतरे से अधिक सुरक्षित हैं।”

भारत का एक्सपोर्ट टैरिफ रेट सबसे अधिक

एनालिस्ट्स का मानना है कि एशिआई अर्थव्यवस्थाओं में भारत बहुत अधिक टैरिफ दर लगाने वाला देश है। इसलिए ट्रंप के टैरिफ रेट में वृद्धि का भारत पर अधिक खतरा है।

भारत दुनिया को जितना एक्सपोर्ट करता है उसमे अकेले अमेरिका की हिस्सेदारी लगभग 18 प्रतिशत है (वित्त वर्ष 2023-24 तक GDP का लगभग 2.2 प्रतिशत) और यह भारत का सबसे बड़ा निर्यातक देश भी है।Tari हाल के वर्षों में भारत-अमेरिका व्यापार सरप्लस बढ़कर 2024 में लगभग 38 बिलियन डॉलर के उच्च स्तर पर पहुंच गया है।

भारत के इन सेक्टर्स पर सबसे अधिक खतरा

नोमुरा के चीफ इकनॉमिस्ट सोनल वर्मा के नेतृत्व में एनालिस्ट्स ने कहा, ”भारत के अमेरिका को प्रमुख एक्सपोर्ट में इलेक्ट्रिकल/इंडस्ट्रियल मशीनरी, जेम्स और जूलरी, फार्मास्यूटिकल्स, फ्यूल, लोहा और स्टील, कपड़ा, वाहन, अपैरल्स और केमिकल शामिल हैं। इसमें से आयरन, स्टील और एल्युमीनियम की हिस्सेदारी टोटल में से लगभग 5.5 प्रतिशत है।”

ट्रंप की टैरिफ ‘धमकी’ से घबराया बाजार

ट्रंप के टैरिफ वृद्धि में धमकी का सीधा असर इक्विटी बाजारों में देखा जा रहा है। देसी कंपनियों के नरम तिमाही नतीजों के साथ ट्रंप की चेतावनी ने घरेलू शेयर बाजारों को अस्थिर कर दिया है।

कैलेंडर वर्ष में अब तक निफ्टी 50 इंडेक्स 1% से ज्यादा फिसल चुका है। इस अवधि के दौरान निफ्टी मिडकैप 100 और निफ्टी स्मॉलकैप 100 इंडेक्स में क्रमश: 8 फीसदी और 11 फीसदी से ज्यादा की गिरावट आई है।

जेफ़रीज़ में इक्विटी स्ट्रेटिजी के ग्लोबल हेड क्रिस्टोफर वुड का कहना है कि डोनल्ड ट्रम्प का टैरिफ को लेकर ताजा रवैया मुख्य रूप से तोल-मोल करने की एक रणनीति है।

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