अनिल अंबानी की कंपनी रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड (R-Infra) ने एक बड़ा विवाद सुलझाते हुए CLE प्राइवेट लिमिटेड (CPL) से 6,503.13 करोड़ रुपये का समझौता कर लिया है। इस समझौते के साथ, सालों से चल रहे झगड़े का अंत हो गया और अब कंपनी के पास अपनी वित्तीय स्थिति को और मजबूत करने का मौका है।
कैसे सुलझा 6,500 करोड़ का विवाद?
इस समझौते के तहत 5,777.13 करोड़ रुपये की CPL की संपत्तियां और उससे जुड़े आर्थिक अधिकार R-Infra को मिल गए हैं। इसके अलावा, 726 करोड़ रुपये की बकाया रकम एक सुरक्षित ऋण में बदल दी गई है। इसका मतलब है कि अब CPL के खिलाफ सारे पुराने विवाद और कानूनी दावे खत्म हो चुके हैं।
लंबे झगड़े का हल निकला कोर्ट में
अगस्त 2023 में R-Infra ने CPL से 13,025 करोड़ रुपये की वसूली के लिए बॉम्बे हाईकोर्ट में मध्यस्थता प्रक्रिया शुरू की थी। यह मामला मध्यस्थता अधिनियम 2023 के तहत कोर्ट के मध्यस्थता केंद्र में ले जाया गया और आखिरकार दोनों पक्षों ने सहमति के साथ इसे हल कर लिया।
कंपनी के ताजा मुनाफे की कहानी
इस समझौते से पहले ही R-Infra ने पिछली तिमाही (Q2 FY25) में शानदार मुनाफा कमाया था। कंपनी ने 4,082.53 करोड़ रुपये का शुद्ध मुनाफा दर्ज किया, जबकि पिछले साल इसी तिमाही में उसे 294.1 करोड़ रुपये का घाटा हुआ था। अब सभी की नजरें 13 फरवरी को होने वाली बोर्ड की बैठक पर हैं, जहां दिसंबर 2024 तिमाही के नतीजे घोषित किए जाएंगे।
क्या कहता है बाजार?
फिलहाल कंपनी का कुल बाजार मूल्यांकन 11,159.02 करोड़ रुपये है। इस समझौते के बाद निवेशक उत्साहित हैं और उन्हें उम्मीद है कि कंपनी की वित्तीय सेहत और बेहतर होगी। बहरहाल, शुक्रवार को कंपनी का शेयर 0.63% की गिरावट के साथ 284.90 रुपये पर बंद हुआ।
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