अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप की योजना अमेरिका में आने वाले सभी स्टील और एल्युमीनियम पर 25 पर्सेंट इंपोर्ट ड्यूटी लगाने की है। मनीकंट्रोल की एनालिसिस के मुताबिक, इससे भारत का 1 अरब डॉलर का एक्सपोर्ट खतरे में पहुंच सकता है। अमेरिका के कुल स्टील एक्सपोर्ट में भारत के एक्सपोर्ट की हिस्सेदारी काफी कम यानी सिर्फ 5 पर्सेंट है। हालांकि, एल्युमीनियम इंडस्ट्री को इससे ज्यादा चोट पहुंच सकती है, क्योंकि देश का 12 पर्सेंट एल्युमीनियम एक्सपोर्ट अमेरिका से जुड़ा है।
नवंबर 2024 तक भारत का एल्युमीनियम एक्सपोर्ट 77.7 करोड़ डॉलर था, जो 2024 में देश के टोटल एक्सपोर्ट (6.7 लाख करोड़ डॉलर) का
11.5 पर्सेंट है। हालांकि, इसमें कुछ उम्मीद की किरण भी नजर आ रही है, क्योंकि 2018 में राष्ट्रपति ट्रंप के पहले कार्यकाल के दौरान भारत के एल्युमीनियम एक्सपोर्ट पर ज्यादा असर नहीं पड़ा था। पिछले एक दशक में भारत के कुल एक्सपोर्ट में अमेरिका की हिस्सेदारी तकरीबन 11-15 पर्सेंट रही है।
अमेरिका के इस फैसले से जापान, यूरोप और मेक्सिको को ज्यादा नुकसान पहुंचने के आसार हैं। साथ ही, आंकड़ों के मुताबिक, भारत भी इसके असर से पूरी तरह सुरक्षित नहीं है, क्योंकि देश में ओवरसप्लाई की स्थिति से भारतीय स्टील मैन्युफैक्चरिंग कंपनियों को नुकसान पहुंच सकता है। रेटिंग एजेंसी मूडीज रेटिंग्स के एवीपी हुई तिंग सिम ने बताया, ‘ भारतीय स्टील कंपनियों के लिए अपना प्रोडक्ट एक्सपोर्ट करने की चुनौतियां बढ़ जाएंगी। पिछले 12 महीनों में भारत में स्टील इंपोर्ट बढ़ने से कीमतों में गिरावट है और इसका असर स्टील उत्पादकों पर भी देखने को मिल रहा है।’
भारत के आयरन और स्टील इंपोर्ट में 4 पर्सेंट की गिरावट रही है, जबकि आयर और स्टील के इंपोर्ट में चीन और इंडोनेशिया की हिस्सेदारी बढ़ी है। साल 2024 में चीन के आयरन और स्टील इंपोर्ट में सालाना आधार पर 20 पर्सेंट की बढ़ोतरी रही, जबकि इंडोनेशिया के आयरन और स्टील इंपोर्ट में 10 पर्सेंट की बढ़त रही थी। वित्त वर्ष 2025 के पहले 6 महीनों में भारत द्वारा वियतनाम को आयरन और स्टील इंपोर्ट तकरीबन दोगुना हो गया था।
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