Foreign Investment: विदेशी निवेशक लंबी अवधि के नजरिए से अच्छे रिटर्न प्राप्त करने के लिए भारतीय शेयर बाजारों में दोबारा से वापसी करेंगे. यह जानकारी शनिवार को एक्सपर्ट्स द्वारा दी गई. सरकार विकसित भारत के लक्ष्य के तहत लगातार सुधारों को लागू कर रही है और इससे आने वाले समय में विदेशी निवेशकों (FII) की भागीदारी बढ़ने की संभावना है.
बीडीओ इंडिया में पार्टनर (फाइनेंशियल सर्विसेज -टैक्स), मनोज पुरोहित ने कहा कि विदेशी निवेशकों का इनफ्लो अभी भी सकारात्मक नहीं है, लेकिन पिछले हफ्ते बजट में की गई घोषणाओं और इस हफ्ते केंद्रीय बैंक (RBI) की मौद्रिक नीति जारी होने से भारत दुनिया की सबसे तेजी से उभरती अर्थव्यवस्थाओं में फिर से आगे हो गया है.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) द्वारा एक फरवरी को पेश किए गए बजट में इनकम टैक्स (Income Tax) छूट की सीमा को बढ़ाकर 12 लाख रुपये कर दिया गया था. वहीं, शुक्रवार को आरबीआई द्वारा जारी गई मौद्रिक नीति में रेपो रेट (RBI Repo Rate Cut) को 25 आधार अंक घटाकर 6.25% कर दिया गया था.
बाजार में उछाल आने की संभावना
डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) के नेतृत्व में नवनिर्वाचित अमेरिकी सरकार द्वारा संभावित टैरिफ और व्यापार प्रतिबंधों की घोषणा, बढ़ते मुद्रास्फीति जोखिम, मुद्रा मूल्यह्रास, चारों ओर मंडराते व्यापार युद्ध जैसे व्यापक कारकों के बावजूद, भारत में निवेश और खपत को बढ़ावा देने के लिए आरबीआई द्वारा उठाए गए उपायों और समय पर रेपो रेट में कटौती से अर्थव्यवस्था मजबूत होगी, जिससे बाजार में उछाल आने की संभावना है.
पुरोहित ने आगे कहा, सरकार ने टैक्स सिस्टम को आसान बनाकर, टैक्सेशन पर विसंगतियों को स्पष्ट करके, आईएफएससी गिफ्ट सिटी में कई टैक्स हॉलिडे को 5 साल तक बढ़ाकर विदेशी निवेशकों के लिए दरवाजे खुले रखकर अपनी प्रतिबद्धताओं को दोहराया है. सरकार ने बजट में इंश्योरेंस सेक्टर में 100% एफडीआई करके तेजी से उभरते इस सेक्टर को बढ़ावा दिया है.
कुल 23 में से 22 ट्रेडिंग सेशन में FII की बिकवाली
जनवरी में विदेशी संस्थागत निवेशकों (FII) ने भारतीय शेयर बाजारों से 72,300 करोड़ रुपये निकाले थे. जनवरी के कुल 23 में से 22 कारोबारी सत्रों में एफआईआई ने बिकवाली की थी. जेएम फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशनल सिक्योरिटीज के एक नोट के अनुसार, जनवरी तक भारतीय इक्विटी में एफआईआई की हिस्सेदारी 16.0% थी, जो अक्टूबर के समान थी.
एलएंडटी फाइनेंस लिमिटेड के मैनेजिंग डायरेक्टर एंड सीईओ सुदीप्ता रॉय ने कहा, RBI की मॉनेटरी पॉलिसी में नीतिगत दरों में 25 बेसिस प्वाइंट्स की कटौती का फैसला लिया गया, जो डोमेस्टिक ग्रोथ के लिए एक मजबूत पॉलिसी सपोर्ट है. पिछले हफ्ते रिकॉर्ड टैक्स कट के जरिए टैक्सपेयर्स को बड़ी राहत के साथ, अब नीतिगत दरों में कटौती से अर्थव्यवस्था में क्रेडिट चैनलों को फिर से मजबूत करने में मदद मिलेगी.
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