स्टॉक मार्केट की उठा-पटक से दूर सुरक्षित निवेश के विकल्प के रूप में पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF), नेशनल सेविंग्स सर्टिफिकेट (NSC) और सुकन्या समृद्धि स्कीम जैसी छोटी बचत योजनाओं का आकर्षण बना हुआ। हालांकि अगले वित्त वर्ष 2026 में इन स्कीम के निवेशकों को तगड़ा झटका लग सकता है। ऐसा इसलिए क्योंकि केंद्रीय बैंक RBI ने बेंचमार्क पॉलिसी रेपो रेट में 0.25 फीसदी की कटौती की है तो ऐसे में वित्त मंत्रालय छोटी बचत योजनाओं की ब्याज दरों में भी कटौती कर सकती है। यह जानकारी मनीकंट्रोल को एक सरकारी अधिकारी ने दी है। आरबीआई की मॉनीटरी पॉलिसी कमेटी (MPC) ने आज 7 फरवरी को रेपो रेट को 6.50 फीसदी से घटाकर 6.25 फीसदी कर दिया है।
नई दरें अप्रैल से पहले हो जाएंगी जारी
सीनियर अधिकारी ने कहा कि रेपो रेट में कटौती से लिक्विडिटी बढ़ेगी और अब एफडी की ब्याज दरें कम हो सकती है। उन्होंने कहा कि अभी स्मॉल सेविंग्स पर छोटे निवेशकों को अधिक ब्याज मिल रहा है। एक तरह से उन्होंने छोटी बचत योजनाओं की ब्याज दरों में कटौती का संकेत दिया है। इनकी ब्याज दरों का रिव्यू होना है और इनका ऐलान 1 अप्रैल 2025 से पहले हो जाएगा। इससे पहले वित्त मंत्रालय ने मार्च 2025 तिमाही के लिए 31 दिसंबर को ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं करने का ऐलान किया था। लगातार चौथी तिमाही इसमें कोई बदलाव नहीं हुआ है। केंद्र सरकार हर सरकार इसे जारी करती है। आमतौर पर यह समान मेच्योरिटी वाले गवर्नमेंट सिक्योरिटीज के मार्केट यील्ड से तय होता है लेकिन पिछले कुछ समय से छोटी बचत योजनाओं पर ब्याज दर और सरकारी सिक्योरिटीज पर यील्ड के बीच का लिंक कमजोर हुआ है।
अभी क्या हैं छोटी बचत योजनाओं की ब्याज दरें
अभी सुकन्या समृद्धि स्कीम (Sukanya Samriddhi Scheme) पर सालाना 8.2 फीसदी, तीन साल के टर्म डिपॉजिट पर 7.1 फीसदी, पीपीएफ पर 7.1 फीसदी, पोस्ट ऑफिस सेविंग्स डिपॉजिट्स स्कीम्स पर 4 फीसदी, 115 महीने में मेच्योर होने वाली किसान विकास पत्र पर 7.5 फीसदी, नेशनल सेविंग्स सर्टिफिकेट (National Savings Certificate-NSC) पर 7.7 फीसदी, मंथली इनकम स्कीम पर 7.4 फीसदी और सीनियर सिटीजन सेविंग्स स्कीम (Senior Citizen Savings Scheme) पर 8.2 फीसदी की दर से ब्याज मिल रहा है।
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