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शेयर बाजार में करेक्शन के बीच नए डीमैटे खाते खुलने की रफ्तार सुस्त हुई

नए डीमैट खाते खुलने की रफ्तार सुस्त हो रही है। जनवरी के डिपॉजिटरीज डेटा के मुताबिक, डीमैट खातों की कुल संख्या में बढ़ोतरी का सिलसिला जारी है, लेकिन नए खातों की रफ्तार पिछले कुछ महीनों के मुकाबले सुस्त हुई है और यह 14 महीन के निचले स्तर पर पहुंच गई है।

जनवरी में 28.3 लाख नए डीमैट खाते खोले गए। यह नवंबर 2023 के बाद का सबसे निचला स्तर है। दिसंबर 2024 में कुल 32.6 लाख डीमैट खाते खोले गए थे। नए डीमैट खातों का यह आंकड़ा 2024 के 38.4 लाख के मंथली आंकड़ों से नीचे है। जनवरी के आखिर में NSDL और CDSL के साथ रजिस्टर्ड डीमैट खातों की कुल संख्या 18.81 करोड़, जबकि पिछले महीने का यह आंकड़ा 18.53 करोड़ था।

असित सी मेहता इनवेस्टमेंट इंटरमीडिएट्स लिमिटेड में इंस्टीट्यूशनल रिसर्च के हेड सिद्धार्थ भामरे का कहना है कि कोविड के बाद स्टॉक मार्केट के रफ्तार पकड़ने की वजह से डीमैटे खातों की संख्या में बढ़ोतरी देखने को मिली थी और इस दौरान नए निवेशकों के समूह ने शेयर बाजार में एंट्री की थी।

भारतीय शेयर बाजार में बुल रन के लंबा खिंचने के कारण कइयों ने तो स्टॉक ट्रेडिंग को अपना मुख्य काम बना लिया। कोविड से लेकर पिछले साल अक्टूबर तक नए निवेशकों ने काफी मुनाफा कमाया। हालांकि, अक्टूबर के बाद से शेयर बाजार करेक्शन के दौर में हैं और अब तक रिकवरी का कोई संकेत नहीं दिख रहा है। अक्टूबर के बाद से सेंसेक्स और निफ्टी में तकरीबन 8-8 पर्सेंट की गिरावट देखने को मिल चुकी है, जबकि बीएसई मिडकैप और बीएसई स्मॉलकैप सूचकांकों में क्रमशः 12.8 पर्सेंट और 12.2 पर्सेंट की गिरावट देखने को मिल चुकी है।

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