वॉरी एनर्जीज (Waaree Energies) का दिसंबर तिमाही में रेवेन्यू दोगुना से अधिक बढ़कर 3,457 करोड़ रुपये रहा। ऑपरेटिंग प्रॉफिट (EBITDA) भी तीन गुना बढ़कर ₹722 करोड़ हो गया। ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि कच्चे माल की कीमतों में कमी, बेहतर उत्पाद सोर्सिंग और सप्लाई चेन में सुधार ने ऑपरेटिंग मार्जिन को बढ़ाने में मदद की। मौजूदा वित्त वर्ष FY25 के पहले 9 महीनों में कंपनी ने 5.07 गीगावाट (GW) सोलर PV मॉड्यूल का उत्पादन किया, जो पिछले साल के 3.42 GW से ज्यादा है।
घरेलू बाजार में मजबूत मांग और सरकार से पॉलिसी के स्तर पर मिलने वाले सहयोगी से कंपनी की वॉल्यूम ग्रोथ मजबूत बनी हुई है। हालांकि, अमेरिकी बाजार में एक्सपोर्ट की हिस्सेदारी घटकर 10-11% रह गई है, जो पहले 60% थी। कंपनी के अगर फ्यूचर ग्रोथ संभावनाओं की बात करें, तो Waaree Energies के पास फिलहाल 26.5 GW का ऑर्डर बुक है, इसमें से 6.5 GW के ऑर्डर सिर्फ पिछले तीन महीनों में मिले हैं।
कुल ऑर्डर का 54% भारतीय बाजार से और बाकी विदेशी बाजारों से आया है। भारतीय बाजार में रिटेल ऑर्डर को पूरा होने में 1-2 महीने समय लगता है, जबकि यूटिलिटी ऑर्डर को पूरा करने में 9-12 महीने लगते हैं।
वैसे वॉरी एनर्जीज की कमाई का एक बड़ा हिस्सा अमेरिका से आता है। वहां पर Waaree Energies की स्थिति थोड़ी अस्थिर बनी हुई है। अमेरिकी सरकार नेसोलर इम्पोर्ट पर डबल ड्यूटी लगाने और IRA (Inflation Reduction Act) के फंडिंग को रोकने का फैसला किया है, जिससे भारतीय सोलर कंपनियों पर दबाव बढ़ा है। Waaree ने इस चुनौती का सामना करने के लिए अमेरिका में 1.6 GW सोलर PV मॉड्यूल प्लांट स्थापित किया है और जनवरी 2025 से वहां पर उत्पादन भी शुरू हो गया है। हालांकि, ट्रंप की नीतियों को लेकर वहां अभी भी अनिश्चितता बनी हुई है।
उत्पादन क्षमता और विस्तार योजनाएं
कंपनी के अगर उत्पादन क्षमता की बात करें तो, भारत में Waaree Energies के पास 13.3 GW की स्थापित उत्पादन क्षमता है, जो गुजरात और उत्तर प्रदेश में फैली हुई है। इसके अलावा कंपनी 5.4 GW की क्षमता वाले एक सोलर सेल प्लांट बना रही है, जो इस वित्त वर्ष के अंत तक शुरू हो होने की उम्मीद है। इसके अलावा, Waaree ने 792 करोड़ रुपये में Enel Green Power India (EGP India) का अधिग्रहण किया है, जिससे इसकी सोलर और विंड एनर्जी परियोजनाओं में पकड़ और मजबूत होगी।
इसके अलावा कंपनी को सरकारी योजनाओं का भी लाभ मिल रहा है। Waaree एनर्जी को PLI (Production Linked Incentive) योजना के तहत 6 GW की नया मैन्युफैक्चरिंग प्लांट लगाने की मंजूरी मिली है। इससे कंपनी की कुल मॉड्यूल उत्पादन क्षमता अगले 2-3 सालों में बढ़कर 20 GW से अधिक हो जाएगी। साथ ही, कंपनी ग्रीन हाइड्रोजन इलेक्ट्रोलाइजर बनाने की क्षेत्र में भी कदम रख रही है और 300 MW क्षमता के लिए इसे PLI योजना के तहत मंजूरी मिल चुकी है।
FF Text: निवेश करें या नहीं?
Waaree Energies की लॉन्ग-टर्म ग्रोथ की संभावनाएं काफी मजबूत दिख रही हैं। रिन्यूएबल एनर्जी सेक्टर में मांग लगातर बढ़ रही है। भारत सरकार का भी इस सेक्टर पर फोकस बना हुआ है। लेकिन अमेरिकी बाजार में आई चुनौतियां और भारत में लगातार बढ़ रहा कॉम्पिटीशन इस कंपनी के लिए निकट भविष्य में दबाव बना सकती हैं। Waaree Energies के शेयर ने IPO के बाद जबरदस्त रिटर्न दिया है और फिलहाल इसकी कीमत IPO प्राइस से 60% ज्यादा है। वैल्यूएशन की बात करें तो, यह स्टॉक FY26 की अनुमानित आय के आधार पर 28x के P/E रेशियो पर ट्रेड कर रहा है, जो इस सेक्टर के हिसाब से फेयर वैल्यू माना जा सकता है।
मनीकंट्रोल प्रो की रिसर्च के हिसाब से, अगर आप लॉन्ग टर्म निवेशक हैं और आपको सोलर एनर्जी सेक्टर की संभावनाओं पर भरोसा है, तो यह स्टॉक अच्छा विकल्प हो सकता है। लेकिन बाजार की मौजूदा अस्थिरता को देखते हुए, फिलहाल इसमें एंट्री करने के लिए एक बेहतर मौके का इंतजार करना समझदारी भरा कदम हो सकता है
डिस्क्लेमरः stock market news पर एक्सपर्ट्स/ब्रोकरेज फर्म्स की ओर से दिए जाने वाले विचार और निवेश सलाह उनके अपने होते हैं, न कि वेबसाइट और उसके मैनेजमेंट के। stock market news यूजर्स को सलाह देता है कि वह कोई भी निवेश निर्णय लेने के पहले सर्टिफाइड एक्सपर्ट से सलाह लें।