देश की सबसे बड़ी पेंट निर्माता एशियन पेंट्स ने वित्त वर्ष 2025 की तीसरी तिमाही में कमजोर नतीजे पेश किए। कंपनी का प्रदर्शन अनुमान के मुकाबले खराब रहा क्योंकि शहरी क्षेत्रों में मांग पर दबाव से उसके प्रदर्शन पर असर पड़ा।
एशियन पेंट्स का शेयर बुधवार को दिन के कारोबार में 5.10 फीसदी गिरकर 2,235 रुपये के निचले स्तर पर आ गया और आखिर में 3.38 फीसदी की गिरावट के साथ 2,275.65 रुपये पर बंद हुआ। इसकी तुलना में सेंसेक्स 0.40 फीसदी गिरकर 78.271.28 पर बंद हुआ। एशियन पेंट्स सेंसेक्स और निफ्टी पर सबसे ज्यादा गिरने वाले शेयरों में शामिल रहा।
तीसरी तिमाही में एशियन पेंट्स का संयुक्त शुद्ध लाभ सालाना आधार पर 23.3 फीसदी घटकर 1,110.5 करोड़ रुपये रहा जो वित्त वर्ष 2024 की तीसरी तिमाही के 1,447.7 करोड़ रुपये से कम है। कंपनी के राजस्व पर भी दबाव पड़ा और यह एक साल पहले के मुकाबले 6.1 फीसदी घटकर 8,549.4 करोड़ रुपये रह गया। पिछले साल की इसी तिमाही में यह आंकड़ा 9,103.1 करोड़ रुपये था। परिचालन मुनाफा (एबिटा) सालाना आधार पर 20.4 फीसदी गिरकर 1,636.7 करोड़ रुपये रहा जबकि वित्त वर्ष 2024 की तीसरी तिमाही में यह 2,056.1 करोड़ रुपये था। नतीजतन, सालाना आधार पर मार्जिन 22.6 फीसदी से 350 आधार अंक घटकर 19.1 फीसदी रह गया।
Asian Paints के CEO का बयान पढ़ें
एशियन पेंट्स के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्याधिकारी अमित सिंगले ने कहा, ‘तिमाही के दौरान खासकर शहरी इलाकों में पेंट उद्योग पर सुस्त मांग की वजह से दबाव बना रहा। हमने भारत में औद्योगिक समेत कुल कोटिंग्स कारोबार में 6.6 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की है। घरेलू डेकोरेटिव कारोबार ने 1.6 प्रतिशत की बिक्री वृद्धि दर्ज की। लेकिन त्योहारी सीजन की कमजोर मांग के कारण स्टैंडअलोन राजस्व में 7.5 प्रतिशत की गिरावट आई।’
हालांकि, सब कुछ निराशाजनक नहीं रहा। कंपनी के औद्योगिक कारोबार ने मजबूती दिखाई। इसमें सामान्य औद्योगिक और रीफिनिश सेगमेंट के मजबूत प्रदर्शन से 3.8 प्रतिशत की सालाना राजस्व वृद्धि दर्ज की गई। इसके अलावा एशियन पेंट्स ने अपने होम डेकोर व्यवसाय में लगातार इजाफा दर्ज किया और साथ ही अपने अंतरराष्ट्रीय पोर्टफोलियो में 5 फीसदी की वृद्धि दर्ज की जो स्थिर मुद्रा (सीसी) में 17.1 फीसदी बढ़ गया।
Asian Paints के सुस्त वित्तीय नतीजों पर क्या कह रहे हैं एक्सपर्ट –
आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज के विश्लेषकों ने अनुमान जताया है कि एशियन पेंट्स को वित्त वर्ष 2025 की चौथी तिमाही के अनुकूल आधार के बावजूद कैलेंडर वर्ष 2025 में कमजोर वृद्धि का सामना करना पड़ेगा। उन्हें लगता है कि शहरी बाजारों में दबाव बना हुआ है जिससे मुनाफा प्रभावित हो रहा है। इसके अलावा, वित्त वर्ष 2026 की पहली छमाही तक प्रतिस्पर्धा के और भी चुनौतीपूर्ण होने की उम्मीद है क्योंकि ग्रासिम अपने संयंत्रों और वितरण नेटवर्क का विस्तार कर रही है, जिससे एशियन पेंट्स पर मार्जिन के बजाय बाजार हिस्सेदारी को प्राथमिकता देने का दबाव बढ़ रहा है।
आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज ने वित्त वर्ष 2025-26 के लिए आय अनुमान में 3 प्रतिशत की कटौती की है और ‘रिड्यूस’ रेटिंग बरकरार रखी है। ब्रोकरेज ने कीमत लक्ष्य को भी बदलकर कर 2,200 रुपये कर दिया है।
नुवामा रिसर्च ने भी इस शेयर के लिए अपना कीमत लक्ष्य 3,185 रुपये से घटाकर 3,000 रुपये कर दिया लेकिन ‘खरीदें’ रेटिंग बरकरार रखी है।
इनक्रेड इक्विटीज ने 2,340 रुपये का कीमत लक्ष्य तय किया है और कमजोर बिक्री को ध्यान में रखते हुए ‘रिड्यूस’ रेटिंग बरकरार रखी है।
वैश्विक ब्रोकरों में गोल्डमैन सैक्स ने सुस्त मांग और बाजार में बढ़ती प्रतिस्पर्धा को ध्यान में रखते हुए ‘बिकवाली’ रेटिंग दी है और कीमत लक्ष्य घटाकर 2,275 रुपये कर दिया है।
मॉर्गन स्टैनली ने ‘अंडरवेट’ रेटिंग बनाए रखी है।