नेस्ले का प्रदर्शन बीते एक दशक में शानदार रहा है। इस दौरान कंपनी ऑपरेटिंग मार्जिन बढ़ाने में सफल रही है। नूडल कैटेगरी में इसकी बाजार हिस्सेदारी 60 फीसदी है। चॉकलेट में यह दूसरे पायदान पर है। लेकिन, इस वित्त वर्ष के पहले 9 महीनों में कंपनी को कच्चे माल की कीमतों में इजाफा और शहरों में कमजोर डिमांड का सामना करना पड़ा है। लेकिन, कंपनी को ज्यादा मार्जिन वाले मिल्क और न्यूट्रिशन बिजनेस से सपोर्ट मिलने की संभावना है। प्रीमियम सेगमेंट में ग्रोथ अच्छी रही है, लेकिन मिड-प्राइस सेगमेंट की ग्रोथ में सुस्ती दिखी है। 1 फरवरी को वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने कंजम्प्शन बढ़ाने के लिए बड़े ऐलान किए हैं। इसका फायदा नेस्ले को मिलेगा।
कॉफी पर ज्यादा फोकस का मिलेगा फायदा
कॉफी की डिमांड पर इनफ्लेशन का असर पड़ा है। इसके बावजूद नेस्कैफे मार्केट लीडर है। Nestle ने कॉफी की अपनी क्षमता दोगुनी कर दी है। कंपनी स्टारबक की रेडी-टू-ड्रिंक कॉफी डेवलप और सेल करने का प्लान बना रही है। इससे इंडिया में कंपनी के प्रोडक्ट पोर्टफोलियो का विस्तार होगा। इस पार्टनरशिप से कंपनी को कॉफी के बढ़ते मार्केट का फायदा उठाने में मदद मिलेगी। इंडिया में लोगों की इनकम बढ़ने के साथ कॉफी की डिमांड बढ़ने की उम्मीद है।
मैगी जैसे मजबूत ब्रांड का फायदा मिलता रहा है
नेस्ले को Maggi के जबरदस्त ब्रांड पावर का फायदा मिलता रहा है। हालांकि, बढ़ती महंगाई का असर मैगी पर भी पड़ा है। इसकी वॉल्यूम ग्रोथ सुस्त पड़ी है। इसके अलावा नेस्ले को नूडल के दूसरे ब्रांड्स से भी कॉम्पिटिशन मिल रहा है। नेस्ले इस चैलेंज का सामना करने के लिए तैयार है। उसने इनोवेशन पर फोकस बढ़ाया है। कंपनी उन मार्केट पर भी फोकस बढ़ा रही है, जहां अच्छी ग्रोथ की संभावना है। कंपनी ने ई-कॉमर्स चैनल पर फोकस बढ़ाया है। 2016 में ई-कॉमर्स की हिस्सेदारी कुल सेल्स में 1 फीसदी थी, जो 2024 में बढ़कर 8.5 फीसदी हो गई है। इस वित्त वर्ष के पहले 9 महीनों में साल दर साल ग्रोथ 32 फीसदी है।
ग्रामीण इलाकों पर ज्यादा फोकस
इनोवेशन पर बढ़ते फोकस का फायदा कंपनी को मिलेगा। सही मौका मिलने पर कंपनी अधिग्रहण के मौके का भी इस्तेमाल करेगी। इससे ग्रोथ बढ़ाने में मदद मिलेगी। कंपनी ने ग्रामीण इलाकों पर फोकस बढ़ाया है। कंपनी इन इलाकों में अपना डिस्ट्रिब्यूशन बढ़ाकर 60 लाख आउटलेट तक करना चाहती है। अभी यह 50 लाख है। छोटे शहरों में इसका फोकस ट्रेडिनशल चैनल पर है। कुल सेल्स में इस चैनल की हिस्सेदारी 75-80 फीसदी के बीच है। पिछले 10 सालों में कंपनी का ऑपरेटिंग मार्जिन 16.5 फीसदी से बढ़कर 22 फीसदी हो गया है।
क्या आपको इनवेस्ट करना चाहिए?
बीते एक साल में नेस्ले के शेयरों का रिटर्न खराब रहा है। इस दौरान स्टॉक 8.66 फीसदी गिरा है। इसके बावजूद FY25 की अनुमानित अर्निंग्स के 62 गुना पर इसके शेयरों में ट्रेडिंग हो रही है। पैकेज्ड फूड बिजनेस में कंपनी की मजूबत पैठ है। इससे शहरी इलाकों में डिमांड में रिकवरी का फायदा इसे मिलेगा। लंबी अवधि के लिहाज से कंपनी के शेयरों में निवेश किया जा सकता है।