बजट 2025 ने शेयर बाजार में इनवेस्टमेंट का पूरा थीम ही बदल दिया है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के इस बजट के बाद आज शेयर बाजार में बड़ा उथल-पुथल देखने को मिला। वो शेयर जो अब तक ठंडे पड़े थे, अचानक निवेशकों के फेवरेट बन गए और जो पिछले काफी लंबे समय से स्टार परफॉर्मर थे, वे भारी गिरावट में चले गए। तो आखिर ऐसा क्यों हुआ?
बजट के बाद निवेश का पैटर्न पूरी तरह बदल गया। सेंसेक्स और निफ्टी आज लगभग सपाट रहे। लेकिन निफ्टी FMCG इंडेक्स जो आमतौर पर सुस्त रहता है, आज उछलकर 3% से ऊपर चला गया। यह पिछले 7 महीनों में इस इंडेक्स में आया सबसे बड़ा उछाल है। वहीं, दूसरी ओर कैपिटल एक्सपेंडिचर से जुड़े शेयर, जैसे कि रेलवे, डिफेंस, पावर और इंफ्रास्ट्रक्चर, ये सभी नुकसान में रहे। जबकि बजट से पहले इन्हीं कैपेक्स स्टॉक्स पर लोगों की सबसे अधिक निगाहें थीं।
रेडिको खेतान, गोदरेज कंज्यूमर, यूनाइटेड स्पिरिट्स, आईटीसी होटल्स, वरुण बेवरेजेस और टाटा कंज्यूमर्स जैसे FMCG स्टॉक्स 4% से 8% तक बढ़ गए। वहीं, हिंदुस्तान यूनिलीवर, आईटीसी, कोलगेट और मैरिको जैसे दिग्गज भी 4% तक उछल गए।
तो सवाल ये है कि आखिर FMCG सेक्टर में इतना जबरदस्त उछाल क्यों आया? इसका सबसे बड़ा कारण है आयकर में राहत। वित्त मंत्री ने घोषणा की कि अब ₹12 लाख तक की आय पर कोई टैक्स नहीं लगेगा। इसका सीधा मतलब है कि आम आदमी के पास ज़्यादा पैसा बचेगा, जिससे उसकी खर्च करने की क्षमता बढ़ेगी। और जब लोग ज़्यादा खर्च करेंगे, तो FMCG, ऑटो और कंज्यूमर ड्यूरेबल सेक्टर के शेयर चमकेंगे!
कोटक सिक्योरिटीज के मैनेजिंग डायरेक्टर और सीईओ, श्रीपाल शाह ने बताया, “बजट में साफ तौर पर कंज्यूमर डिमांड को बढ़ाने पर जोर दिया गया है, जिससे आर्थिक ग्रोथ को भी बढ़ावा मिले और मिडिल क्लास को भी कुछ राहत मिले। पिछले दो तिमाहियों से आर्थिक ग्रोथ धीमी हुई थी और अब उम्मीद है कि इन ऐलानों से जीडीपी को वापस रफ्तार मिलेगी।”
हालांकि, कुछ एक्सपर्ट्स का मानना है कि FMCG सेक्टर में यह तेजी केवल कुछ समय के लिए हो सकती है। Carnelian Asset Advisors के फाउंडर विकास खेमानी का कहना है कि यह सिर्फ शॉर्ट-टर्म ट्रेड हो सकता है और बजट का इंम्पैक्ट कम होने के बाद ये धीरे-धीरे नीचे आ सकते हैं, जैसा कि पिछले कुछ तिमाहियों में देखा गया है। खेमानी ने मनीकंट्रोल के साथ एक बातचीत में कहा कि उन्हें अधिकतर कंज्यूमर स्टॉक्स काफी महंगे लग रहे हैं और इसलिए हम इस पर बहुत ज्यादा दांव नहीं लगाना चाहते हैं। हमारे पास कुछ चुनिंदा स्टॉक हैं जो हमें पसंद हैं।
दूसरी तरफ, कैपेक्स से जुड़े शेयरों में गिरावट आई। ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि वित्त मंत्री ने कैपिटल एक्सपेंडिचर को सिर्फ ₹11.1 लाख करोड़ से बढ़ाकर महज ₹11.2 लाख करोड़ किया है। इससे शेयर बाजार में यह संकेत गया है कि सरकार का कैपेक्स पर फोकस थोड़ा सा घटा है।
कैपेक्स पर फोकस घटने रेलवे, डिफेंस, इंफ्रास्ट्रक्चर और इंजीनियरिंग सेक्टर को झटका लग सकता है। जबकि इनकम टैक्स में राहत से FMCG, ऑटो और कंज्यूमर ड्यूरेबल सेक्टर का जलवा बना रह सकता है।
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