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रियल्टी और डिफेंस सेक्टर से क्या गिरते बाजार को सहारा मिलेगा? जानिए Kajaria Ceramics, Alembic Pharma में क्या चल रहा है

डिफेंस स्टॉक्स के लिए अच्छी बात यह है कि इन कंपनियों की ऑर्डर बुक लगातार स्ट्रॉन्ग हो रही है। फिलहाल, मार्केट एग्जिक्यूशन से जुड़े रिस्क को नजरअंदाज कर रहा है। इसकी वजह यह है कि अब तक आए चौथी तिमाही के नतीजों में चिंता करने की कोई वजह नहीं दिख रही। लेकिन, एक सीनियर पोर्टफोलियो मैनेजर के मुताबिक, अगर डिफेंस कंपनियां सुपर प्रॉफिट्स बनाना जारी रखती हैं तो आगे सरकार मार्जिन पर अंकुश लगाने के लिए कदम उठा सकती है। ऐसा पहले हो चुका है।

डिफेंस मिनिस्ट्री ने 2018 में नॉमिनेशन आधार पर मिले कॉन्ट्रैक्ट पर बेंचमार्क मार्जिन घटाकर 7.5 फीसदी कर दिया था। यह वैल्यू-एडेड और बॉट-आउट दोनों ही कंपोनेंट के लिए था। जहां तक रियल्टी स्टॉक्स की बात है तो पोर्टफोलियो मैनेजर का कहना है कि मार्केट इस बात से खुश है कि रियल्टी में पिछला बुल रन 7 साल तक चला था।

कंपनी के चौथी तिमाही के नतीजें कमजोर रहे। बुल्स का कहना है कि रेजिडेंशियल प्रॉपर्टी में बूम दिख रहा है, जिसका फायदा Kajaria Ceramics को मिलेगा। FY24 में सुस्त इंडस्ट्री ग्रोथ के बावजूद कजारिया की वॉल्यूम ग्रोथ 6 फीसदी रही। कंपनी की वॉल्यूम ग्रोथ में टियर 3 और टियर 4 शहरों में मजबूत डिमांड का हाथ है। इसकी बदौलत कंपनी को वॉल्यूम ग्रोत 11-13 फीसदी रहने की उम्मीद है। उधर, बेयर्स की दलील है कि शॉर्ट टर्म आउटलुक नरम दिख रहा है। FY26 की अनुमानित अर्निंग्स के 33 गुना पर इस स्टॉक में ट्रेडिंग हो रही है। इसलिए यह स्टॉक सस्ता नहीं रह गया है। सिस्टेमैटिक्स ने अपनी रिपोर्ट में यह बताया है।

कंपनी के चौथी तिमाही के नतीजे अच्छे हैं। कंपनी इस साल 25 प्रोडक्ट्स लॉन्च करेगी। इसका मकसद अमेरिकी जेनरिक पोर्टफोलियो को स्ट्रॉन्ग बनाना है। कंपनी का पूंजीगत खर्च का बड़ा प्लान नहीं है। इसका मतलब है कि मार्जिन में इम्प्रूवमेंट आ सकता है। उधर, बेयर्स की दलील है कि कंपनी के मार्जिन और रेवेन्यू में काफी अच्छी ग्रोथ दिखी है। इसलिए यहां से कीमतों में बहुत तेजी की उम्मीद नहीं की जा सकती।

बैंक के मार्च तिमाही के नतीजे अनुमान के मुताबिक रहे। बल्क डिपॉजिट्स पर बैंक ने अपनी निर्भरता घटाई है। इसने CASA (करेंट अकाउंट एंड सेविंग्स अकाउंट), रिटेल और टर्म डिपॉजिट पर फोकस बढ़ाया है। इससे नेट इंटरेस्ट मार्जिन (NIM) को सपोर्ट मिलने की उम्मीद है। मोतीलाल ओसवाल की रिपोर्ट में इस बारे में बताया गया है। बेयर्स की दलील है कि एमएसएमई और एग्री में स्लिपेजेज बढ़ने से चौथी तिमाही में स्लिपेजेज 1.1 फीसदी से बढ़कर 1.3 फीसदी हो गया।

कंपनी ने चौथी तिमाही और पूरे वित्त वर्ष में सबसे ज्यादा रेवेन्यू और प्रॉफिट कमाया है। Polycab India पूंजीगत खर्च बढ़ा रही है। कीनोट कैपिटल ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि कंपनी मजबूत डिमांड का फायदा उठाने की स्थिति में है। टैक्स का मसला बना रह सकता है। कंपनी में कॉर्पोरेट गवर्नेंस के मसलों को लेकर कुछ सवाल उठे हैं। खासकर इनटर्नल चेक और बैलेंसेज में ऐसा दिखा है।

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