भारत की म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री ने हमेशा अपने आप को बदलते वक्त और परिस्थितियों के मुताबिक ढाला है। यह देश के आर्थिक विकास का एक अहम हिस्सा रही है। पिछले एक दशक में, इस इंडस्ट्री में टेक्नोलॉजी और ग्राहकों की बदलती जरूरतों की वजह से बड़े बदलाव आए हैं। 2024 में म्यूचुअल फंड्स का कुल एसेट अंडर मैनेजमेंट (AUM) ₹66.93 लाख करोड़ तक पहुंचा, जो 2014 के ₹10.51 लाख करोड़ से छह गुना बढ़ा है। 2024 में 9.8 मिलियन नए निवेशकों के जुड़ने के साथ, यह सेक्टर आने वाले कुछ सालों में ₹100 लाख करोड़ AUM को पार करने की दिशा में बढ़ रहा है।
साल 2025 में म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री का मंजर तेजी से बदलने वाला है। आइए जानें वे कौन से बड़े ट्रेंड्स हैं जो आने वाले समय में म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री को आकार देंगे।
डिजिटल इन्वेस्टमेंट का दौर
म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री में टेक्नोलॉजी ने सबसे बड़ा बदलाव किया है। 2025 में डिजिटल प्लेटफॉर्म्स की मदद से टियर 2 और टियर 3 शहरों में म्यूचुअल फंड में निवेश और भी आसान हो जाएगा। इन छोटे शहरों और कस्बों में फिनटेक प्लेटफॉर्म्स की लोकप्रियता तेजी से बढ़ रही है। युवा निवेशक, खासतौर पर 25-35 साल की उम्र के लोग, पारदर्शी, कम लागत वाले और गोल ओरिएंटेड निवेश को प्राथमिकता दे रहे हैं। युवा वर्ग म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री की तरक्की में अहम भूमिका निभा रहा है।
SIP का बढ़ता रुझान
सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (SIP) रिटेल निवेशकों के बीच सबसे पसंदीदा विकल्प बन गया है। नवंबर 2024 तक मासिक SIP निवेश ₹25,320 करोड़ तक पहुंच गया, जो पिछले साल के मुकाबले 44% ज्यादा है। यह बढ़ता रुझान दिखाता है कि लोग अब वित्तीय योजना को लेकर ज्यादा जागरूक हो रहे हैं और अनुशासित ढंग से लम्बे समय के लिए निवेश करते कर रहे हैं।
SIP अब केवल पैसे जमा करने का जरिया नहीं रह गया है, बल्कि इसे खास मकसद, जैसे रिटायरमेंट, बच्चों की पढ़ाई और इमरजेंसी फंड्स के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है। इस ट्रेंड को भारतीय निवेशकों के बीच बढ़ती वित्तीय समझ को दर्शाता है। शेयर बाजार को नियमित रूप से छोटे निवेशको के लिए एक बेहतर विकल्प के रूप में देखा जा रहा है।
पैसिव इन्वेस्टिंग की बढ़ती मांग
पैसिव फंड्स, जैसे इंडेक्स फंड्स और ETFs, अपनी सरलता और कम लागत के कारण तेजी से लोकप्रिय हो रहे हैं। 2024 में इनकी हिस्सेदारी म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री में 17% तक पहुंच गई। मार्केट की अस्थिरता के बावजूद, इनकी मांग लगातार बढ़ रही है। निवेशक अब ऐसे विकल्पों को प्राथमिकता दे रहे हैं जो किफायती हैं और आसानी से लगातार रिटर्न प्रदान करते हैं।
मल्टी-एसेट इन्वेस्टिंग: ग्रोथ का सही संतुलन
वैश्विक बाजारों इस समय बड़े आर्थिक और भू-राजनीतिक दबावों का सामना करना पड़ रहा है, जिससे बाजार अधिक अस्थिर होते जा रहे हैं। आज के निवेशक ऐसे प्रोडक्ट्स की तलाश में हैं, जो विकास और स्थिरता के बीच संतुलन प्रदान करें।
इस मौजूदा माहौल में, मल्टी-एसेट फंड्स तेजी से लोकप्रिय हो रहे हैं क्योंकि ये निवेशकों को इक्विटी, डेट और सोने-चांदी जैसी कमोडिटीज़ में निवेश का अवसर प्रदान करते हैं। मल्टी-एसेट फंड्स ने AUM (एसेट्स अंडर मैनेजमेंट) में जबरदस्त वृद्धि देखी है, जो 2023 में ₹40,000 करोड़ से बढ़कर 2024 में ₹1.02 लाख करोड़ तक पहुंच गया।
ये फंड्स उन निवेशकों के लिए आकर्षक हैं, जो जोखिम को कम करते हुए स्थिर रिटर्न हासिल करने को प्राथमिकता देते हैं। एसेट क्लासेस में विविधता लाकर ये फंड्स बाजार के गिरावट के प्रभाव को कम करने में मदद करते हैं, जिससे ये आधुनिक पोर्टफोलियो का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बन गए हैं।
2025 में ग्रोथ के लिए संभावित सेक्टर्स
2025 में निवेशकों को उन उभरते हुए सेक्टर्स पर करीब से नजर रखनी चाहिए, जो लंबे समय से चल रहे आर्थिक बदलावों के कारण बढ़ने की स्थिति में हैं। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI), क्लाउड कंप्यूटिंग और डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन में तेजी से हो रही प्रगति टेक्नोलॉजी सेक्टर को विकास का प्रमुख कारक बनाती है।
इसी तरह, रिन्यूएबल एनर्जी और सस्टेनेबिलिटी की ओर वैश्विक झुकाव से ग्रीन टेक्नोलॉजीज, एनर्जी-एफिशिएंट इंफ्रास्ट्रक्चर और पर्यावरणीय नवाचारों में निवेश को तेजी मिलने की उम्मीद है।
घरेलू स्तर पर खपत (Consumption), वित्तीय सेवाएं (Financial Services) और एफएमसीजी (FMCG) जैसे सेक्टर्स के बढ़ने की संभावना है, जिसे बढ़ती डिस्पोजेबल इनकम, उपभोक्ता खर्च में वृद्धि, और क्रेडिट की उपलब्धता के विस्तार को समर्थन मिलेगा।
हालांकि, किसी एक सेक्टर पर ज्यादा निर्भरता जोखिम भरा हो सकता है। ऐसे में बैलेंस्ड फंड्स, जो अलग-अलग सेक्टर्स में निवेश के साथ स्थिरता देने वाले ऋण साधन (Debt Instruments) का मेल पेश करते हैं, उन निवेशकों के बीच लोकप्रिय हो सकते हैं जो जोखिम से बचना चाहते हैं। ये फंड्स एक साथ ग्रोथ और स्थिरता का संतुलन प्रदान करते हैं।
2025: नए मौकों का साल
दुनिया भर में बढ़ती अस्थिरता आने वाले समय में बाजार और निवेशकों के लिए कई बदलाव लाएगी। साल 2025 में म्यूचुअल फंड उद्योग इनोवेशन और समावेशिता का बोलबाला रहेगा। चुनौतियों के बावजूद, यह उद्योग उन निवेशकों के लिए तमाम अच्छे मौके लेकर आएगा जो विकास के ओर लेकर जाएंगे। जैसे-जैसे म्यूचुअल फंड बढ़ते जा रहे हैं, अस्थिरता से बचने के लिए विविधता और प्रौद्योगिकी का लाभ उठाने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। दीर्घकालिक लक्ष्यों और वैश्विक रुझानों को ध्यान में रखते हुए निवेशक अनिश्चितता को एक अवसर में बदल सकते हैं, जिससे स्थिर वित्तीय विकास की दिशा बन सकती है।
मयंक मिश्रा
वाइस प्रेसिडेंट-प्रोडक्ट मैनेजमेंट, म्यूचुअल फंड्स, INDmoney