बजट 1 फरवरी 2025 को पेश किया जाना है और इसके तहत कैपिटल गेन्स टैक्स स्ट्रक्चर में अपडेट को लेकर चर्चा तेज हो गई है। बजट से पहले एक अहम सुझाव एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया (AMFI) की तरफ से आया है। AMFI ने डेट म्यूचुअल फंड्स का टैक्स सिस्टम लिस्टेड बॉन्ड्स की तर्ज पर बनाने का प्रस्ताव पेश किया है।
AMFI ने 12 महीने से ज्यादा समय तक रखे गए डेट म्यूचुअल फंड्स से होने वाले लाभ पर 12.5 पर्सेंट टैक्स का सुझाव दिया है। फिलहाल, ऐसे डेट फंड्स पर सभी लाभ को शॉर्ट टर्म गेन माना गया, जिससे इस पर ज्यादा टैक्स रेट लागू होता है। बजट 2025 नजदीक है और ऐसे में हम मौजूदा कैपिटल गेन्स टैक्स ढांचे पर एक नजर डालते हैं:
शॉर्ट-टर्म कैपिटल गेन्स (STCG)
इक्विटी इनवेस्टमेंट
लिस्टेड इक्विटी शेयरों और इक्विटी आधारित म्यूचुअल फंडों से हासिल होने वाले शॉर्ट टर्म गेन पर 20 पर्सेंट टैक्स लगता है। इससे पहले इस शॉर्ट टर्म गेन पर टैक्स रेट 15 पर्सेंट था।
अन्य एसेट्स
अगर किसी के पास रियल एस्टेट, बॉन्ड्स और अनलिस्टेड शेयरों जैसी एसेट्स 24 महीने से कम तक मौजूद हैं, तो इससे जुड़े लाभ पर टैक्स उस शख्स पर लागू होने वाले इनकम टैक्स रेट स्लैब के हिसाब से लगता है।
लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन्स (LTCG)
इक्विटी इनवेस्टमेंट
इक्विटी शेयर, इक्विटी आधारित म्यूचुअल फंड और बिजनेस ट्रस्ट यूनिट्स से हासिल लाभ अगर सालाना 1.25 लाख रुपये से ज्यादा है, तो उस पर 12.5 पर्सेंट की दर से लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन्स टैक्स लगता है। 2024 के बजट में इस सिलसिले में छूट की सीमा 1 लाख से बढ़ाकर 1.25 लाख रुपये कर दी गई थी।
अन्य एसेट्स
अगर आपसे रियल एस्टेट, बॉन्ड्स या अन्य नॉन-फाइनेंशियल एसेट्स 24 महीने से ज्यादा से मौजूद हैं, तो इससे हासिल लाभ पर बिना इंडेक्सेशन बेनिफिट के 12.5 पर्सेंट टैक्स लगता है। 23 जुलाई से 2024 से पहले हासिल प्रॉपर्टी पर टैक्सपेयर्स के पास दो विकल्प हैं:
बिना इंडेक्सेशन के 12.5 पर्सेंट टैक्स रेट या
इंडेक्सेशन के साथ 20 पर्सेंट टैक्स रेट