एफएमसीजी सेक्टर को यूनियन बजट 2025 से काफी उम्मीदें हैं। इनमें सबसे बड़ी मांग ऐसा उपाय करने की है, जिससे लोगों के हाथ में खर्च के लिए ज्यादा पैसे बच सके। इकोनॉमिस्ट्स ने भी सरकार को कंजम्प्शन बढ़ाने की सलाह दी है। कंजम्प्शन बढ़ाने से इकोनॉमिक को स्लोडाउन में जाने से रोका जा सकता है। इस वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में जीडीपी ग्रोथ घटकर 5.4 फीसदी पर आ गई।
एफएमसीजी कंपनियों का मानना है कि वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी को इनकम टैक्स में राहत देंगी। इनकम टैक्स एग्जेम्प्शन लिमिट बढ़ाएंगी। वह ग्रामीण और शहरी इलाकों में डिमांड बढ़ाने के लिए कुछ और उपायों का ऐलान कर सकती हैं। अगर सरकार लोगों के अपने घर के सपने को पूरा करने के लिए भी किसी बड़ी स्कीम का ऐलान करती है तो इससे इकोनॉमी में डिमांड बढ़ेगी। इसकी वजह यह है कि रियल एस्टेट सेक्टर की अच्छी ग्रोथ का फायदा दूसरे सेक्टर को भी मिलता है।
पिछले कुछ महीनों में ग्रामीण इलाकों में डिमांड में रिकवरी देखने को मिली है। लेकिन शहरी इलाकों में मांग सुस्त पड़ रही है। सरकार को शहरी इलाकों में डिमांड बढ़ाने के लिए खास उपाय करने होंगे। कुछ एक्सपर्ट्स का कहना है कि सरकार का फोकस रोजगार के मौके बढ़ाने पर भी हो सकता है। इससे लोगों के हाथ में पैसा जाएगा, जिससे वे ज्यादा खर्च करेंगे। शहरी इलाकों में डिमांड सुस्त पड़ने की वजह ज्यादा महंगाई को माना जा रहा है। खासकर खानेपीने की चीजों की बढ़ती कीमतों की वजह से लोगों को मुश्किल का सामना करना पड़ रहा है।
सरकार अगर यूनियन बजट में पूंजीगत खर्च में 10-15 फीसदी इजाफा करती है तो इससे आर्थिक गतिविधियां बढ़ेंगी। इससे लोगों की जेब में पैसा जाएगा। इससे लोग खर्च बढ़ाएंगे। पिछले साल बजट में सरकार ने पूंजीगत खर्च के लिए 11.11 लाख करोड़ रुपये का टारगेट तय किया था। इस बार पूंजीगत खर्च का टारगेट 12 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा रह सकता है। इसका इकोनॉमी पर पॉजिटिव असर पड़ेगा।
अगर सरकार एफएमसीजी सेक्टर की उम्मीदें पूरी करती है तो इससे HUL, Dabur, ITC, Godrej Consumer, Britannia और Marico जैसी कंपनियों के स्टॉक्स में तेजी आ सकती है। HUL के शेयरों ने बीते एक साल में 2.51 फीसदी का निगेटिव रिटर्न दिया है। आईटीसी के शेयर में बीत एक साल में 3.37 फीसदी गिरावट आई है। Dabur का शेयर बीते एक साल में 1.73 फीसदी गिरा है। आईटीसी का स्टॉक बीते एक साल में 3.37 फीसदी गिरा है।