साइएंट (Cyient) के बारे में प्रभुदास लीलाधर की रिसर्च रिपोर्ट
दिसंबर 2024 तिमाही में साइएंट की परफॉर्मेंस हमारे अनुमानों के मुताबिक रही, लेकिन चौथी यानी मार्च 2025 तिमाही के लिए आउटलुक बेहद निराशानजक है। इसकी मुख्य वजह प्रोजेक्ट आधारित रेवेन्यू का एक तय समय में इकट्ठा होना है। प्रोजेक्ट बंद होने की गतिविधियों और तत्काल इसका विकल्प उपलब्ध नहीं होने की वजह से कंपनी के कुछ सेगमेंट की परफॉर्मेंस में उतार-चढ़ाव देखने को मिल रहा है।
हालांकि, कंपनी के बाकी पोर्टफोलियो में स्थिरता है और बेहतर डील भी हासिल होने का अनुमान है। साथ ही, कुछ सेगमेंट में मौजूद उतार-चढ़ाव से निपटने के लिए कई उपाय किए गए हैं। बहरहाल, ब्रोकरेज फर्म प्रभुदास लीलाधर का मानना है कि गैर-एन्युटी रेवेन्यू का एक बड़ा हिस्सा काफी अहम है और इसके स्थिर होने में कई तिमाही लगेंगे।
कॉस्ट कंट्रोल करने के लिए उपायों को लागू करने के बाद CEO की विदाई हैरान करने का मामला रहा। नई नियुक्त होने तक कृष्णा बोदानपू (Krishna Bodanapu) कंपनी के CEO के तौर पर काम करते रहेंगे। ब्रोकरेज फर्म ने कंपनी के शेयरों को खरीदने की सलाह दी है और इसके लिए 2,010 रुपये टारगेट प्राइस रखा है।
कंपनी ने लो बेस के आधार पर मार्जिन में सुधार किया है और यह ट्रेंड आने वाले समय में जारी रह सकता है। लिहाजा, ब्रोकरेज फर्म ने मार्जिन में मोटे तौर पर कोई बदलाव नहीं किया है।
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