प्राइवेट इक्विटी (PE) फर्म PAG पैकेजिंग कंपनी मंजूश्री टेक्नोपैक को खरीदने के लिए 37.5 करोड़ रुपये का कर्ज जुटाने की कोशिश में है। इसके लिए यह कम से कम पांच लेंडर्स से बातचीत कर रही है। मनीकंट्रोल को यह जानकारी सूत्रों के हवाले से मिली है। पीएजी यह खरीदारी करीब $100 करोड़ के वैल्यूएशन पर कर रही है। जानकारी के मुताबिक इसके लिए पीई फर्म गोल्डमैन सैक्स समेत करीब पांच विदेशी बैंकों से बातचीत कर रही है। लोन की शर्तें और फाइनल लेंडर सिंडिकेट पर जल्द ही फैसला हो जाएगा। बता दें कि पीई फर्म कंपनियों की खरीदारी के लिए समय-समय पर कर्ज लेती हैं ताकि रिटर्न बेहतर हो सके। ऐसे लेन-देन को लेवरेज्ड बायआउट्स (LBO) कहते हैं।
एक और कंपनी में खरीद ली है मेजॉरिटी हिस्सेदारी
पीएजी ने 13 जनवरी को ऐलान किया था कि देश की सबसे बड़ी रिजिड प्लास्टिक पैकेजिंग कंपनी मंजूश्री टेक्नोपैक में निवेश के लिए इसने डेफिनिटिव डॉक्यूमेंट्स पर साइन कर दिए हैं। उसी दिन पीई फर्म ने यह भी ऐलान किया था कि उसने फार्मा इंडस्ट्री से जुड़ी पैकेजिंग कंपनी प्रवेश इंडस्ट्रीज की मेजॉरिटी हिस्सेदारी खरीद ली है। प्रवेश इंडस्ट्रीज की डील 20 करोड़ डॉलर के वैल्यूएशन पर हुई।
दोनों कंपनियों के बारे में
कैपेसिटी के मामले में मंजूश्री देश की सबसे बड़ी रिजिड प्लास्टिक पैकेजिंग कंपनियों में शुमार है। यह कंटेनर, प्रीफॉर्म, कैप और क्लोजर, पंप और डिस्पेंसर जैसे पैकेजिंग प्रोडक्ट्स ऑफर करती है। इसके ग्राहकों की बात करें तो यह वरुण बेवरेजेज, डाबर, मैरिको, होनासा कंज्यूमर, हर्षे इंडिया, कंसाई नेरोलैक पेंट्स, पेरनोड रिकार्ड और पराग मिल्क फूड्स इत्यादि की सप्लायर है। कारोबारी सेहत की बात करें तो वित्त वर्ष 2022 से वित्त वर्ष 2024 के बीच इसका रेवेन्यू सालाना 20.13 फीसदी की चक्रवृद्धि दर (CAGR) से बढ़कर ₹2,117 करोड़ पर पहुंच गया। वित्त वर्ष 2024 में मुनाफा सालाना आधार पर ₹59.2 करोड़ से बढ़कर ₹140.7 करोड़ पर पहुंच गया।
अब प्रवेश की बात करें तो यह दिग्गज दवा कंपनियों के लिए सालाना 15,000 मीट्रिक टन से अधिक प्लास्टिक की बोतलें, क्लोजर और ड्रम और 200 करोड़ यूनिट से अधिक कार्टन, लेबल और लीफलेट बनाती है। इसके 95 फीसदी पैकेजिंग प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल अमेरिका और यूरोप में होता है।