Trump inauguration: भारत समेत कई उभरते बाजार (ईएम) ने डॉनल्ड ट्रंप के दूसरे कार्यकाल से पहले उतार-चढ़ाव का सामना किया है। हालांकि इतिहास से पता चलता है कि राष्ट्रपति के शपथ समारोह के बाद अमेरिका और भारतीय इक्विटी बाजारों दोनों के लिए 12 महीने का रिटर्न सकारात्मक रहा है।
बीएस रिसर्च ब्यूरो के आंकड़ों से पता चलता है कि इससे पहले के 9 शपथ ग्रहण अवसरों (जॉर्ज एचडब्ल्यू बुश के साथ शुरुआत) के बाद निफ्टी-50 सूचकांक और अमेरिका के डाउ जोंस का औसत एक वर्षीय रिटर्न करीब 30 फीसदी और 16 फीसदी रहा है।
नए अमेरिकी राष्ट्रपति के कार्यभार संभालने के बाद दोनों बाजारों का अल्पावधि प्रदर्शन भी सकारात्मक रहा है। इस समय निफ्टी 50 सूचकांक सितंबर में अपने रिकॉर्ड ऊंचे स्तर से लगभग 11 प्रतिशत नीचे कारोबार कर रहा है। विशेषज्ञों का कहना है कि नए प्रशासन के तहत नीतिगत बदलावों को लेकर अनिश्चितता के कारण अमेरिकी चुनावों से पहले
शेयरों में उतार-चढ़ाव होता है। हालांकि, चुनाव के बाद का समय अक्सर इक्विटी के लिए अनुकूल होता है। इस बार भी अधिकांश उभरते बाजार अमेरिकी बॉन्ड यील्ड में उछाल के कारण अमेरिकी इक्विटी के मुकाबले काफी कम मूल्यांकन पर कारोबार कर रहे हैं। बाजार को डर है कि टैरिफ और कॉरपोरेट कर में कटौती के बारे में ट्रंप की नीतियों से मुद्रास्फीति बढ़ सकती है और राजकोषीय घाटा बढ़ सकता है।
मार्सेलस में ग्लोबल इक्विटीज के प्रमुख अरिंदम मंडल ने कहा, ‘हमारा मानना है कि प्रमुख शक्तियां स्थापित मानदंडों के भीतर काम करेंगी, जो कि यदि सही है, तो पर्याप्त रूप से लंबी होल्डिंग अवधि में उचित रिटर्न के अनुकूल साबित हो सकती हैं।’