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Dalal Street Week Ahead: Q3 नतीजे, ट्रंप की पॉलिसी पर रहेगी नजर, इन फैक्टर्स से तय होगी बाजार की चाल

Dalal Street: बीते हफ्ते BSE का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स 759.58 अंक या 0.98 फीसदी नीचे आया। वहीं, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) के निफ्टी में 228.3 अंक या 0.97 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई। अब अगले हफ्ते भारतीय शेयर बाजारों की दिशा HDFC Bank, ICICI Bank जैसी बड़ी कंपनियों के तिमाही नतीजों, डोनाल्ड ट्रंप के अमेरिकी राष्ट्रपति के रूप में शपथ ग्रहण करने के बाद की घोषणाओं और विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) की एक्टिविटी से तय होगी। एनालिस्ट्स ने यह राय जताई है। बता दें कि ट्रंप सोमवार को दूसरे कार्यकाल के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति के रूप में शपथ लेंगे।

एक्सपर्ट्स की राय

जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के रिसर्ट हेड विनोद नायर ने कहा, “तीसरी तिमाही में मॉडरेट उम्मीदों के कारण बाजार में शॉर्ट टर्म में सतर्कता रहने की उम्मीद है, जबकि लगातार FII निकासी से वोलैटिलिटी बढ़ सकती है।” उनके अनुसार नए अमेरिकी राष्ट्रपति की नीतियों और टिप्पणियों (विशेष रूप से टैरिफ पर) पर कड़ी नजर रखी जाएगी। उन्होंने कहा कि जापान में हाई इनफ्लेशन या बैंक ऑफ जापान (BoJ) की सख्त नीति भी मार्केट सेंटीमेंट पर असर डालेगी।

तिमाही नतीजे

भले ही रिलायंस इंडस्ट्रीज ने प्रमुख सेगमेंट्स में हेल्दी ग्रोथ की घोषणा के साथ 5 फीसदी की तेजी दर्ज की, लेकिन Q3 प्रदर्शन अब तक मिक्स्ड रहा है। आईटी सेक्टर की दिग्गज कंपनियों की सतर्क टिप्पणी और एक्सिस बैंक के अनुमान से कम प्रदर्शन ने मार्केट सेंटीमेंट को प्रभावित किया है। ऐसे में, बाजार की नजर अगले सप्ताह से शुरू होने वाले कॉरपोरेट अर्निंग सीजन पर रहेगी। अगले हफ्ते लगभग 245 कंपनियां अपने नतीजे घोषित करने वाली हैं। इनमें बड़ी कंपनियां हैं- HDFC Bank, Hindustan Unilever, Dr Reddy’s Laboratories, UltraTech Cement, JSW Steel, ICICI Bank और Bharat Petroleum Corporation.

इसके अलावा, जिन अन्य कंपनियों के तिमाही नतीजे आने वाले हैं, उनमें जोमैटो, वन 97 कम्युनिकेशंस पेटीएम, इंटरग्लोब एविएशन, टाटा टेक्नोलॉजीज, एलएंडटी फाइनेंस, डिक्सन टेक्नोलॉजीज, बैंक ऑफ इंडिया, आईडीएफसी फर्स्ट बैंक, यस बैंक, आईडीबीआई बैंक, इंडियन रेलवे फाइनेंस कॉर्पोरेशन, आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज, जम्मू और कश्मीर बैंक, एमसीएक्स इंडिया, ओबेरॉय रियल्टी, डालमिया भारत, आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल लाइफ इंश्योरेंस, इंडिया सीमेंट्स, केईआई इंडस्ट्रीज, पीएनबी हाउसिंग फाइनेंस, साउथ इंडियन बैंक, यूको बैंक, कोफोर्ज, ग्रेविटा इंडिया, हुडको, नुवोको विस्टास कॉर्पोरेशन, परसिस्टेंट सिस्टम्स, पिडिलाइट इंडस्ट्रीज, पॉलीकैब इंडिया, टाटा कम्युनिकेशंस, अदानी ग्रीन एनर्जी, साइंट, ग्रीव्स कॉटन, हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन, इंडियन एनर्जी एक्सचेंज, इंडस टावर्स, मैनकाइंड फार्मा, एम्फैसिस, निप्पॉन लाइफ इंडिया एसेट मैनेजमेंट, सोना बीएलडब्ल्यू प्रिसिजन फोर्जिंग्स, सिंजेन इंटरनेशनल, यूनाइटेड स्पिरिट्स, डीएलएफ, गोदरेज कंज्यूमर प्रोडक्ट्स, जिंदल सॉ, टोरेंट फार्मास्यूटिकल्स, और बालकृष्ण इंडस्ट्रीज शामिल हैं।

टैरिफ फोबिया

20 जनवरी को अमेरिका के 47वें राष्ट्रपति के रूप में डोनाल्ड ट्रम्प का शपथ ग्रहण होगा। इसके साथ ही उनके एडमिनिस्ट्रेशन की पॉलिसी घोषणाएं भी की जाएंगी। एक्सपर्ट्स का मानना है कि ये घोषणाएं ग्लोबल मार्केट सेंटीमेंट पर प्रभाव डाल सकती हैं। अपने पिछले राष्ट्रपति कार्यकाल में ट्रंप की नीतियां मुख्य रूप से डोमेस्टिक इंडस्ट्रीज की रक्षा पर फोकस्ड थीं।

DXY और यूएस बॉन्ड यील्ड में बढ़ोतरी भारत में FII फ्लो को प्रभावित कर रही है। इसलिए, बाजार की नजर FII एक्टिविटी पर बारीकी से होगी। पिछले साल कैश सेगमेंट में भारी बिकवाली के बाद 2025 की शुरुआत भी FII की निकासी के साथ हुई। पिछले हफ्ते FII ने शुद्ध रूप से 25,000 करोड़ रुपये से अधिक के शेयर बेचे, जिससे जनवरी 2025 में उनका कुल निकास 46,576 करोड़ रुपये (अस्थायी आंकड़े) तक पहुंच गया। हालांकि, डोमेस्टिक इंस्टीट्यूशनल इनवेस्टर्स (DII) ने बाजार को सहारा दिया। उन्होंने इस महीने में 49,367 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे, जिससे FII की बिकवाली का लगभग संतुलन बना रहा।

तेल की कीमतें

बढ़ती क्रूड ऑयल की कीमतें एक और अहम फैक्टर है, जिस पर बाजार की नजर होगी, खासकर भारत जैसे तेल आयात करने वाले देशों के लिए। लगातार चौथे सप्ताह अपनी तेजी को जारी रखते हुए ब्रेंट क्रूड फ्यूचर्स (इंटरनेशनल ऑयल बेंचमार्क) पिछले हफ्ते 1.29 फीसदी बढ़कर 80.79 डॉलर प्रति बैरल पर बंद हुआ, जो जुलाई 2024 के बाद का सबसे अधिक है। दरअसल, कीमतें सभी प्रमुख वीकली मूविंग एवरेज (जैसे 10, 20, 50, 100 और 200-वीक के EMA) से ऊपर चली गई हैं, जो एक पॉजिटिव संकेत देती हैं।

ग्लोबल इकोनॉमिक डेटा

आने वाले सप्ताह में बाजार की नजर जापान के केंद्रीय बैंक (BoJ) की ब्याज दर नीति और देश के मुद्रास्फीति आंकड़ों पर रहेगी। इसके अलावा, अमेरिका के वीकली जॉब डेटा और कई देशों जैसे अमेरिका, यूके, और जापान के जनवरी के मैन्युफैक्चरिंग और सर्विसेज फ्लैश PMI आंकड़े भी अहम होंगे। ये आंकड़े ग्लोबल मार्केट की दिशा तय करने में अहम भूमिका निभा सकते हैं।

डोमेस्टिक इकोनॉमिक डेटा

भारतीय बाजारों की दिशा HSBC मैन्युफैक्चरिंग और सर्विसेज PMI के जनवरी महीने के आंकड़ों से भी तय होगी, जो इस महीने की 24 तारीख को जारी किए जाएंगे। इसके अलावा, 17 जनवरी को समाप्त हुए हफ्ते के फॉरेन एक्सचेंज रिजर्व के आंकड़े भी उसी दिन जारी किए जाएंगे, जो मार्केट सेंटीमेंट पर प्रभाव डाल सकते हैं।

सितंबर के आखिरी हफ्ते से फॉरेक्स रिजर्व में लगातार गिरावट आ रही है, जब यह 704.885 अरब डॉलर के रिकॉर्ड हाई पर पहुंच गया था। 10 जनवरी को रिजर्व 625.871 अरब डॉलर पर था, जो 3 जनवरी से भी 8.714 अरब डॉलर कम था। एक्सपर्ट्स ने इस लगातार गिरावट का श्रेय रुपये में उतार-चढ़ाव को रोकने में मदद करने के लिए RBI (भारतीय रिजर्व बैंक) द्वारा फॉरेक्स मार्केट में हस्तक्षेप के साथ-साथ री-वैल्यूएशन को दिया।

पिछले हफ्ते रुपया 0.47 फीसदी कमजोर हुआ और डॉलर के मुकाबले 86.69 के ऑल टाइम लो को छू गया, लेकिन सप्ताह के अंत में यह 86.55 डॉलर प्रति डॉलर पर बंद हुआ। डॉलर के मुकाबले रुपये में लगातार 11वें हफ्ते गिरावट जारी रही।

20 जनवरी से शुरू हो रहे सप्ताह में निवेशकों के पास 5 नए IPO में पैसा लगाने का मौका रहेगा। इनमें से केवल एक Denta Water IPO मेनबोर्ड सेगमेंट से है। चार अन्य आईपीओ में CapitalNumbers Infotech, Rexpro Enterprises, CLN Energy और GB Logistics Commerce शामिल हैं।

इसके अलावा नए सप्ताह में पहले से खुले 3 IPO में भी पैसे लगाने का मौका रहेगा, जिनमें से एक Stallion India IPO मेनबोर्ड सेगमेंट का है। लिस्टिंग की बात करें तो नए शुरू हो रहे सप्ताह में 7 कंपनियां शेयर बाजार में अपनी शुरुआत करने वाली हैं।

टेक्निकल व्यू

टेक्निकल की बात करें तो निफ्टी 50 कमजोर दिख रहा है। यह डेली चार्ट पर सभी प्रमुख मूविंग एवरेज से काफी नीचे ट्रेड कर रहा है, और 10, 20 और 50-वीक के मूविंग एवरेज से भी नीचे है। इंडेक्स ने वीकली चार्ट पर एक डोजी कैंडलस्टिक पैटर्न बनाया, जो बाजार में बुल्स और बियर्स के बीच असमंजस की स्थिति को दिखाता है।

अगले हफ्ते बाजार में कंसोलिडेशन जारी रहने की संभावना है, जहां 23050 (पिछले हफ्ते का निचला स्तर) एक प्रमुख सपोर्ट जोन के रूप में कार्य करेगा। एक्सपर्ट्स के अनुसार, अगर यह स्तर निर्णायक रूप से टूटता है, तो बाजार में बड़ी बिकवाली शुरू हो सकती है, जिससे इंडेक्स 22800 के स्तर तक गिर सकता है। ऊपर की ओर 23400 एक इमिडिएट रेजिस्टेंस के रूप में काम करेगा। अगर यह रेजिस्टेंस पार होता है तो बाजार में 23700-23900 के स्तर अहम होंगे जिन पर नजर रखने की जरूरत होगी।

कॉर्पोरेट एक्शन

आने वाले हफ्ते में होने वाले प्रमुख कॉर्पोरेट एक्शन इस प्रकार हैं:

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डिस्क्लेमर: यहां मुहैया जानकारी सिर्फ सूचना के लिए दी जा रही है। यहां बताना जरूरी है कि मार्केट में निवेश बाजार जोखिमों के अधीन है। निवेशक के तौर पर पैसा लगाने से पहले हमेशा एक्सपर्ट से सलाह लें। stock market news की तरफ से किसी को भी पैसा लगाने की यहां कभी भी सलाह नहीं दी जाती है।

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