FPI: विदेशी निवेशकों द्वारा बिकवाली का सिलसिला थम नहीं रहा है. भारतीय शेयर बाजार से विदेशी निवेशकों की निकासी जारी है. डॉलर की मजबूती, अमेरिका में बॉन्ड प्रतिफल में बढ़ोतरी और कंपनियों के तिमाही नतीजे कमजोर रहने की आशंका के बीच विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) ने इस महीने अबतक भारतीय शेयर बाजार से 44,396 करोड़ रुपये निकाले हैं. डिपॉजिटरी के आंकड़ों से यह जानकारी मिली है. इससे पहले दिसंबर में एफपीआई ने भारतीय शेयर बाजार में 15,446 करोड़ रुपये डाले थे. घरेलू और वैश्विक मोर्चे पर तमाम तरह की अड़चनों की वजह से विदेशी निवेशकों के रुख में बदलाव हुआ है.
रुपये में लगातार गिरावट ने FPI पर डाला दबाव
मॉर्निंगस्टार इन्वेस्टमेंट एडवाइजर्स इंडिया के एसोसिएट डायरेक्टर-मैनेजर रिसर्च हिमांशु श्रीवास्तव ने कहा, भारतीय रुपये में लगातार गिरावट ने विदेशी निवेशकों पर काफी दबाव डाला है. यही वजह है कि वे भारतीय बाजार से अपना निवेश निकाल रहे हैं. उन्होंने कहा कि इसके अलावा हाल की गिरावट के बावजूद भारतीय शेयरों का हाई वैल्युएशन, कमजोर तिमाही नतीजों की संभावना, इकोनॉमिक ग्रोथ की रफ्तार को लेकर अनिश्चितता निवेशकों को प्रभावित कर रही है.
इस महीने के सभी दिन एफपीआई बिकवाल रहे
आंकड़ों के अनुसार, विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) ने इस महीने (17 जनवरी तक) अबतक भारतीय शेयरों से शुद्ध रूप से 44,396 करोड़ रुपये निकाले हैं. 2 जनवरी को छोड़कर इस महीने के सभी दिन एफपीआई बिकवाल रहे हैं.
डेट या बॉन्ड बाजार में भी कर रहे बिकवाली
जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार वी के विजयकुमार ने कहा, एफपीआई की लगातार बिकवाली की मुख्य वजह डॉलर की मजबूती और अमेरिका में बॉन्ड यील्ड (US Bond) का बढ़ना है. डॉलर इंडेक्स 109 से ऊपर है और 10 साल के अमेरिकी बॉन्ड पर यील्ड 4.6% से ज्यादा है. ऐसे में एफपीआई का उभरते बाजारों में बिकवाली करना तर्कसंगत है, खासकर सबसे महंगे उभरते बाजार भारत में.
हालांकि, अमेरिका में बॉन्ड यील्ड आकर्षक बना हुअ है, ऐसे में एफपीआई डेट या बॉन्ड बाजार में भी बिकवाली कर रहे हैं. उन्होंने बॉन्ड मार्केट में सामान्य सीमा के तहत 4,848 करोड़ रुपये और स्वैच्छिक प्रतिधारण मार्ग से 6,176 करोड़ रुपये निकाले हैं.
2023 में किया था बंपर निवेश
कुल मिलाकर यह रुझान विदेशी निवेशकों के सतर्क रुख को दर्शाता है, जिन्होंने 2024 में भारतीय शेयरों में सिर्फ 427 करोड़ रुपये का नेट निवेश किया था. इससे पहले 2023 में एफपीआई का भारतीय शेयरों में निवेश 1.71 लाख करोड़ रुपये रहा था. 2022 में वैश्विक केंद्रीय बैंकों द्वारा दरों में आक्रामक बढ़ोतरी के बीच एफपीआई ने भारतीय बाजार से 1.21 लाख करोड़ रुपये निकाले थे.