Market views: 14 जनवरी को भारतीय इक्विटी बाजार तेजी के रुख के साथ बंद हुए। निफ्टी 23,150 के आसपास रहा। कारोबारी सत्र के अंत में सेंसेक्स 169.62 अंक या 0.22 फीसदी बढ़कर 76,499.63 पर और निफ्टी 90.10 अंक या 0.39 फीसदी बढ़कर 23,176.05 पर बंद हुआ। कोटक सिक्योरिटीज के हेड इक्विटी रिसर्च श्रीकांत चौहान का कहना है कि आज बेंचमार्क इंडेक्स सीमित दायरे में घूमते नजर आए। निफ्टी 90 अंक ऊपर बंद हुआ जबकि सेंसेक्स 157 अंक ऊपर रहा। सेक्टोरल इंडेक्सों की बात करें तो मेटल और पीएसयू बैंक इंडेक्स में 3 फीसदी से अधिक की तेजी आई।जबकि आईटी इंडेक्स में सबसे अधिक गिरावट आई और ये करीब 2 फीसदी गिरा।
तकनीकी रूप से देखें तो गैप-अप ओपनिंग के बाद बाजार पूरे दिन 23130/76300 और 23260/76800 के बीच घूमता रहा। इसने डेली चार्ट पर एक छोटी सी इनर कैंडलस्टिक संरचना भी बनाई, जो बुल्स और बियर्स के बीच अनिर्णय को दर्शाती है। इंट्राडे मार्केट की दिशा साफ नहीं है। ट्रेडर्स संभवतः किसी भी तरफ ब्रेकआउट का इंतजार कर रहे हैं। डे ट्रेडर्स के लिए 23260/76800 एक महत्वपूर्ण स्तर होगा जिस पर नज़र रखनी होगी। अगर बाज़ार इससे ऊपर जाता है, तो यह 23400-23425/77500-77600 पर वापस चढ़ सकता है। दूसरी ओर,अगर यह 23130/76300 से नीचे गिरता है,तो बिक्री का दबाव बढ़ने की संभावना है। इस स्तर से नीचे,बाज़ार 23000-22950/75900-75800 तक फिसल सकता है।
जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के रिसर्च हेड विनोद नायर ने कहा कि ग्लोबल बाजार में तेजी और घरेलू रिटेल महंगाई में नरमी ने ब्रॉडर इंडेक्सों को राहत प्रदान की। इससे आरबीआई को अपनी अगली नीति बैठक में कुछ राहत मिल सकती है। हालांकि,तेल की बढ़ती कीमतों और 10 ईयर बॉन्ड यील्ड में बढ़त पर सावधानीपूर्वक नजर रखी जाएगी। चौथी तिमाही के कमजोर अर्निंग्स गाइडेंस को लेकर बनी चिंताओं के कारण आईटी सेक्टर में गिरावट आई। बाजार की नजरें तीसरी तिमाही के नतीजों और बजट से जुड़ी खबरों पर रहेंगी।
मेहता इक्विटीज के प्रशांत तापसे का कहना है कि पिछले कुछ सत्रों से बाजार में गिरावट हो रही थी। ऐसे में एक शॉर्ट टर्म रिकवरी की उम्मीद थी। बैंकिंग, टेलीकॉम,ऑटो,पावर और मेटल शेयरों में चुनिंदा खरीदारी ने इंडेक्स को सपोर्ट दिया। दिग्गजों के साथ ही छोटे-मझोले शेयरों ने भी अच्छा प्रदर्शन किया और मिड और स्मॉल-कैप इंडेक्स में जोरदार तेजी दिखी। हालांकि,बाजार में सतर्कता बनी रहेगी क्योंकि रुपये का नये निचले स्तर पर पहुंचना तथा एफआईआई फंडों की मजबूत बिकवाली बाजारों के लिए बड़ा अवरोधक बना रहेगा।
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