बाजार का फोकस इस दिनों नतीजों के मौसम पर है। आईटी सेक्टर की सबसे बड़ी कंपनी टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेस (TCS) के नतीजों के साथ Q3 नतीजों की शुरुआत हो चुकी है। इस हफ्ते तकरीब सभी बड़ी IT कंपनियों के नतीजे आ जाएंगे। लेकिन इससे पहले कई म्यूचुअल फंड (MF) कंपनियों ने IT सेक्टर से दूरी बना ली है। हालांकि कुछ MF कंपनियां इस सेक्टर पर ओवरवेट भी हैं। UTI MF इस सेक्टर पर 18.40% के वेटेज, एक्सिस MF 14.90% के वेटेज और कोटक MF 14.20% के वेटेज के साथ ओवरवेट नजरिया रख रहे हैं। जबकि Mirae 13.70% वेटेज, आदित्य बिड़ला MF 11.20% वेटेज और निपॉन MF 9.50% के वेजेट के साथ आईटी सेक्टर पर अंडरवेट बने हुए हैं।
MF कंपनियों के IT सेक्टर से दूर रहने के कारण बताते हुए हमारे सहयोगी चैनल सीएनबीसी-आवाज़ की मिताली जैन ने कहा कि IT सेक्टर पर MF की चिंता के कारण ये हैं कि इस पूरे सेक्टर के लिए Q3 ज्यादातर कमजोर तिमाही होती है। इस तिमाही में छुट्टियां और अवकाश अधिक होते हैं इसके चलते ये कमजोर तिमाही रहती है। इन Furloughs से प्रोजेक्ट अटकते हैं और आय पर भी असर होता है।
IT कंपनियों के ट्रेंड
मिताली ने आगे कहा कि आईटी कंपनियां इस समय नई नौकरियां नहीं देने की स्ट्रैटेजी अपना रही हैं। मौजूदा कर्मचारियों को ज्यादा काम देने पर कंपनियों का फोकस है। कंपनियों को हेल्थकेयर, रिटेल, ई-कॉमर्स सेक्टर में नई डील्स मिल रही हैं। BFSI, मैन्युफैक्चरिंग कंपनियां खर्च कम कर रही हैं। सेक्टर में इस समय एट्रिशन काबू में नजर आ रहा है जो कि कंपनियों के बड़ा पॉजिटिव साइन है।
क्या कर रही हैं IT कंपनियां
इस समय TCS, इंफोसिस जैसी दिग्गज कंपनियां कॉस्ट घटाने का काम कर रही है। इसके साथ ही बड़ी डील्स पर भी फोकस कर रही हैं। वहीं विप्रो, HCLTech को BFSI में मंदी की चिंता है। मिडकैप IT कंपनियां की Q3 में ग्रोथ धीमी हो सकती है।
डिस्क्लेमर: (यहां मुहैया जानकारी सिर्फ सूचना हेतु दी जा रही है। यहां बताना जरूरी है कि मार्केट में निवेश बाजार जोखिमों के अधीन है। निवेशक के तौर पर पैसा लगाने से पहले हमेशा एक्सपर्ट से सलाह लें। हमारी तरफ से किसी को भी पैसा लगाने की यहां कभी भी सलाह नहीं दी जाती है।)