विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) ने इस महीने अब तक भारतीय शेयर बाजारों से 22,194 करोड़ रुपये निकाले हैं। कंपनियों के तिमाही नतीजे कमजोर रहने की आशंका, डॉलर में मजबूती और डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन में टैरिफ वॉर तेज होने के डर के बीच FPI सेलर बने हुए हैं। इससे पहले दिसंबर 2024 में FPI ने भारतीय शेयर बाजार में 15,446 करोड़ रुपये का निवेश किया था। वैश्विक और घरेलू मोर्चे पर अड़चनों के बीच विदेशी निवेशकों ने भारतीय शेयरों में अपना निवेश घटा दिया है।
न्यू एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, मॉर्निंगस्टार इनवेस्टमेंट रिसर्च इंडिया के एसोसिएट डायरेक्टर-मैनेजर रिसर्च हिमांशु श्रीवास्तव ने कहा, ‘‘भारतीय बाजारों से विदेशी कोषों की निकासी के लिए कई फैक्टर जिम्मेदार हैं। इनमें कंपनियों के तिमाही नतीजे कमजोर रहने की आशंका, ट्रंप प्रशासन में टैरिफ वॉर तेज होने की संभावना, जीडीपी ग्रोथ रेट में सुस्ती, उच्च महंगाई और भारत में ब्याज दरों में कटौती का दौर शुरू होने को लेकर असमंजस शामिल है।’’
इस महीने अब तक केवल 2 जनवरी को किया निवेश
इसके अलावा भारतीय रुपये का रिकॉर्ड निचला स्तर, अमेरिकी बॉन्ड यील्ड में उछाल और भारतीय शेयर बाजार के हाई वैल्यूएशन की वजह से भी FPI बिकवाली कर रहे हैं। डिपॉजिटरी के आंकड़ों के अनुसार, विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने इस महीने 10 जनवरी तक शेयरों से 22,194 करोड़ रुपये निकाले हैं। 2 जनवरी को छोड़कर बाकी सभी कारोबारी सत्रों में FPI शुद्ध सेलर रहे हैं।
डॉलर इंडेक्स में लगातार बढ़ोतरी
जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के चीफ इनवेस्टमेंट स्ट्रैटेजिस्ट वी के विजयकुमार ने कहा, ‘‘FPI की लगातार बिकवाली का एकमात्र बड़ा कारण डॉलर इंडेक्स में लगातार बढ़ोतरी है, जो अब 109 से ऊपर है। 10 साल के बॉन्ड पर यील्ड 4.6 प्रतिशत से ऊपर है, जिसकी वजह से निवेशक उभरते बाजारों से पैसे निकाल रहे हैं।’’ बीते साल यानि 2024 में FPI ने भारतीय शेयरों में सिर्फ 427 करोड़ रुपये का शुद्ध निवेश किया। वहीं 2023 में उन्होंने भारतीय शेयर बाजार में बड़ी राशि यानि 1.71 लाख करोड़ रुपये डाले थे।