नई दिल्ली: अडानी ग्रुप ने एफएमसीजी कंपनी अडानी विल्मर में अपनी हिस्सेदारी का एक हिस्सा बेचने के लिए अपने ऑफर फॉर सेल (OFS) का साइज 13% से बढ़ाकर 20% करने का फैसला किया है। सूत्रों ने बताया कि संस्थागत निवेशकों की मजबूत मांग को देखते हुए ऐसा किया गया है। इससे ग्रुप को रकम का कुछ हिस्सा जल्दी मिल जाएगा क्योंकि हिस्सेदारी बिक्री में एक साल तक का समय लग सकता है। डील पूरी होने के बाद जिसमें ग्रुप इस कंपनी से पूरी तरह बाहर हो जाएगा जबकि सिंगापुर की कंपनी विल्मर की हिस्सेदारी 68% हो जाएगी। फॉर्च्यून सनफ्लावर ऑयल और कोहिनूर बासमती चावल ब्रांड की मालिक अडानी विल्मर में अडानी ग्रुप और विल्मर की 44-44% हिस्सेदारी है।अडानी विल्मर के प्रमोटर्स में से एक अडानी कमोडिटीज ने एक्सचेंजेज को बताया कि वह OFS रूट के माध्यम से कंपनी में अपनी 20% हिस्सेदारी बेचेगी। इससे अडानी ग्रुप को कम से कम 7,150 करोड़ रुपये मिलने का अनुमान है। प्रस्ताव में प्रति शेयर न्यूनतम मूल्य 275 रुपये है जो गुरुवार को बीएसई पर अडानी विल्मर के बंद भाव से 15% कम है। कंपनी का शेयर गुरुवार को 323.95 रुपये पर बंद हुआ था लेकिन आज यह शुरुआती कारोबार में 8 फीसदी से अधिक गिरावट के साथ 294.00 रुपये पर आ गया। अडानी ग्रुप ने अडानी विल्मर में अपनी पूरी हिस्सेदारी करीब 2 अरब डॉलर में बेचने की योजना बनाई है। ग्रुप इससे मिलने वाली रकम का यूज अपने कोर बिजनस में निवेश करेगा।
कंपनी का नाम बदलेगा
पिछले साल 21 नवंबर को अमेरिका की दो सरकारी एजेंसियों ने अडानी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अडानी और कुछ अन्य टॉप एग्जीक्यूटिव्स पर भारत में सरकारी अधिकारियों को रिश्वत देने का आरोप लगाते हुए अभियोग चलाया था। उनका कहना था कि ग्रुप की कंपनियों ने बॉन्ड बेचते समय अमेरिकी निवेशकों से यह बात छिपाई थी। हालांकि अडानी ग्रुप ने इन आरोपों से इन्कार किया है लेकिन इस अभियोग के बाद ग्रुप के लिए फंड जुटाना मुश्किल हो गया है। अडानी विल्मर के लिए बेस ऑफर लगभग 17.5 करोड़ शेयरों (कंपनी का 13.5%) के लिए है। इसमें अतिरिक्त 8.4 करोड़ शेयर (6.5%) बेचने का विकल्प है। यह ऑफर 10 जनवरी को खुलेगा और 13 जनवरी को बंद होगा।
सौदे के पूरा होने के बाद कंपनी का नाम बदलकर AWL, AWL एग्री बिजनस या फॉर्च्यून एग्री बिजनस कर दिया जाएगा। अडानी विल्मर के FMCG पोर्टफोलियो ने इस वित्त वर्ष की दिसंबर तिमाही में साल-दर-साल 24 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की। इसका खाद्य तेल बिजनस मुख्य रूप से फॉर्च्यून की पहुंच 2.1 मिलियन आउटलेट तक है। घटती हिस्सेदारी के बावजूद कंपनी के रेवेन्यू में एडिबल ऑयल बिजनस की हिस्सेदारी 80% है। भारत में विल्मर ग्रुप की श्री रेणुका शुगर्स में भी 62.5% हिस्सेदारी है। OFS की टर्म शीट से पता चलता है कि पांच ब्रोकर एंटीक स्टॉक ब्रोकिंग, ICICI सिक्योरिटीज, जेफरीज इंडिया, नुवामा वेल्थ मैनेजमेंट और SBICAP सिक्योरिटीज इस ऑफर को मैनेज कर रहे हैं।