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3 साल में ₹40,000 करोड़ हो गए ₹3.3 लाख करोड़, नैनो-कैप शेयरों में छोटे निवेशकों का भारी दांव

नई दिल्ली: हाल ही में शेयर बाजार में जबरदस्त तेजी (bull run) चली, तो निवेशकों में खूब जोश था। ज्यादा रिस्क, ज्यादा मुनाफे की उम्मीद में लोग नैनो-कैप स्टॉक (छोटे शेयरों) में पैसे लगाने लगे। ये वो कंपनियां हैं जिनकी मार्केट वैल्यू बुधवार तक 2100 करोड़ रुपये से कम थी। आदित्य बिड़ला सन लाइफ म्यूचुअल फंड के एक अध्ययन के मुताबिक, छोटे निवेशकों ने जून 2021 में जिन नैनो-कैप शेयरों में 40,000 करोड़ रुपये लगाए थे, सितंबर 2024 तक उनकी कीमत आठ गुना बढ़कर 3.3 लाख करोड़ रुपये हो गई। इकॉनमिक टाइम्स के मुताबिक, नैनो-कैप (Nanocap) कंपनियां मार्केट कैपिटलाइजेशन के मामले में सबसे नीचे होती हैं। इनकी मार्केट रैंक 1041वें नंबर और उससे नीचे होती हैं। इनसे ऊपर माइक्रो-कैप कंपनियां होती हैं, जिनकी रैंक 521 से 1040 के बीच होती है। स्मॉल-कैप कंपनियों की रैंक 261 से 520 के बीच है। जबकि लार्ज और मिड-कैप कंपनियां टॉप 260 में आती हैं।

  1. क्या है आकर्षण की वजह?
    आदित्य बिड़ला सन लाइफ म्यूचुअल फंड के अध्ययन से पता चला है कि छोटे निवेशकों की हिस्सेदारी नैनो-कैप कंपनियों में 20% से बढ़कर 25.2% हो गई है। कोटक सिक्योरिटीज के एमडी श्रीपाल शाह कहते हैं, ‘ये कंपनियां अपेक्षाकृत छोटी हैं, इसलिए इनमें कई गुना मुनाफा कमाने की संभावना बहुत ज्यादा है। इसकी वजह ये है कि कुछ कंपनियां अभी शुरुआती विकास के दौर में हैं। पिछले समय में इस सेगमेंट में कई ऐसे शेयर रहे हैं जिन्होंने बहुत ज्यादा रिटर्न दिया है, जिससे इस सेगमेंट में और निवेशक आकर्षित हो रहे हैं।’
  2. क्यों करते हैं इनमें निवेश?
    नैनो-कैप सेगमेंट में कई शेयर ऐसे हैं जो कम कारोबार वाले (illiquid) और सस्ते (penny stocks) भी हैं। ज्यादातर बड़ी ब्रोकिंग फर्मों के एनालिस्ट इन पर ध्यान नहीं देते। बड़े संस्थागत निवेशक भी इन्हें नहीं खरीदते, क्योंकि ये उनकी क्वॉलिटी और फंडामेंटल के क्राइटेरिया पर खरे नहीं उतरते। लेकिन जब बाजार में तेजी (bull market) होती है, जैसे हाल ही में हुई, तो इन शेयरों में अच्छा-खासा मुनाफा कमाने की उम्मीद के चलते लोग इनमें निवेश करते हैं। Money Mantra के संस्थापक वायरल भट्ट कहते हैं, कुछ स्मॉल-कैप और माइक्रो-कैप शेयरों में अच्छा मुनाफा कमाने के बाद, छोटे निवेशकों का जोखिम उठाने का मनोबल बढ़ गया है।
  3. MF स्कीम क्या बता रहे हैं?
    छोटी कंपनियों में छोटे निवेशकों की दिलचस्पी म्यूचुअल फंड स्कीम्स में आ रहे निवेश से भी साफ दिखती है। जून 2021 से 24 सितंबर तक स्मॉल-कैप स्कीम्स में असेट्स अंडर मैनेजमेंट 83,400 करोड़ रुपये से बढ़कर 3.26 लाख करोड़ रुपये हो गए। इसी दौरान लार्ज-कैप फंड्स का AUM धीमी गति से बढ़कर 1.94 लाख करोड़ रुपये से 3.74 लाख करोड़ रुपये हुआ। कुल मिलाकर, म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री का AUM 33.1 लाख करोड़ रुपये से बढ़कर 68 लाख करोड़ रुपये हो गया। वेल्थ अडवाइजर्स का कहना है कि सितंबर 2024 तक छोटे शेयरों में बड़ी गिरावट नहीं आई, इसीलिए निवेशकों की दिलचस्पी बनी रही।
  4. रिस्क को समझना और मैनेज करना जरूरी
    नैनो-कैप स्टॉक्स में मुनाफा कमाने की संभावना है, लेकिन हाई रिस्क को समझना और उसे मैनेज करना बहुत जरूरी है। इसलिए अपने पूरे पोर्टफोलियो का एक छोटा सा हिस्सा ही नैनो-कैप्स में लगाएं। अगर आप हाई रिस्क उठाने में सहज नहीं हैं, तो इससे दूर ही रहें। किसी भी नैनो-कैप कंपनी में निवेश करने से पहले उसकी वित्तीय स्थिति, व्यवसाय मॉडल और भविष्य की संभावनाओं का अध्ययन करें। नैनो-कैप स्टॉक्स में अल्पकालिक उतार-चढ़ाव आम बात है। इसलिए अपनी क्षमता से ज्यादा जोखिम न उठाएं।

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