यूनियन बजट 2025 में इलेक्ट्रॉनिक कंपोनेंट्स इंडस्ट्री के लिए बड़ा ऐलान होने जा रहा है। इलेक्ट्रॉनिक कंपोनेंट्स के लिए सरकार ने पीएलआई स्कीम को मंजूरी दे दी है। 25,000 करोड़ रुपये की इस स्कीम का ऐलान यूनियन बजट 2025 में होगा। निर्मला सीतारमण 1 फरवरी, 2025 को यूनियन बजट पेश करेंगी। इलेक्ट्रॉनिक कंपोनेंट्स के लिए पीएलआई स्कीम की जानकारी सूत्रों ने सीएनबीसी-टीवी18 को दी है। फाइनेंस मिनिस्ट्री से एप्रूवल के बाद MeitY इस पर कैबिनेट का एप्रूवल हासिल करेगी। इसके बाद इस स्कीम का ऐलान 1 फरवरी, 2025 को यूनियन बजट में होगा।
देश में बढ़ेगा इलेक्ट्रॉनिक कंपोनेंट्स का उत्पादन
इलेक्ट्रॉनिक कंपोनेंट्स इंडस्ट्री पीएलआई स्कीम के तहत 40,000 करोड़ रुपये का आवंटन चाहती थी। पीएलआई स्कीम के तहत पीसीबी की सब-एसेंबलीज, बैटरीज और डिस्प्ले और कैमरा मॉड्यूल्स के शामिल होने की संभावना है। इलेक्ट्रॉनिक कंपोनेंट्स इंडस्ट्रीज के लिए पीएलआई स्कीम से घरेलू मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा मिलेगा। साथ ही इलेक्ट्रॉनिक कंपोनेंट्स के आयात पर निर्भरता घटेगी। रायटर्स ने इस बारे में एक अफसर के हवाले से कहा था कि नई स्कीम से प्रिंटेड सर्किट बोर्ड्स जैसे प्रमुख कंपोनेंट्स के उत्पादन को बढ़ावा मिलेगा। सरकार काफी समय से उन प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल देश में ही करने पर जोर दे रही है, जिनका अभी आयात करना पड़ता था।
छह सालों में इलेक्ट्रॉनिक कंपोनेंट्स का उत्पादन दोगुना हुआ
पिछले छह सालों में इंडिया में इलेक्ट्रॉनिक कंपोनेंट्स का उत्पादन दो गुना हो गया है। 2024 में यह 115 अरब डॉलर तक पहुंच गया। इसमें सरकारी की पॉलिसी का बड़ा हाथ है। सरकार की पॉलिसी की वजह से एपल और सैमसंग जैसी कंपनियों ने इंडिया में मैन्युफैक्चरिंग पर फोकस बढ़ाया है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि पीएलआई स्कीम की वजह से इनवेस्टमेंट अट्रैक्ट करने में मदद मिलेगी। घरेलू और विदेशी निवेश दोनों बढ़ेगा। इससे रोजगार के मौके भी बढ़ेंगी। मैन्युफैक्चरिंग और संबंधित सेक्टर में रोजगार के सबसे ज्यादा मौके पैदा करने की क्षमता है।
PLI स्कीम के तहत अभी आते हैं 14 सेक्टर्स
अभी पीएलआई स्कीम के तहत 14 सेक्टर्स आते हैं। कई सेक्टर का कहना है कि अगर सरकार पीएलआई स्कीम का दायरा बढ़ाती है तो इससे इंडिया मैनुफैक्चरिंग के मामले में दुनिया के टॉप देशों में शामिल हो सकता है। यूनियन बजट 2025 के मौके का इस्तेमाल सरकार बड़े ऐलान के लिए कर सकती है। वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण पीएलआई स्कीम का दायरा बढ़ाने का ऐलान कर सकती हैं।
ग्रोथ बढ़ाने वाले उपायों का ऐलान करेगी सरकार
इकोनॉमिस्ट का कहना है कि सरकार को इस बजट में कंजम्प्शन बढ़ाने के लिए बड़े उपायों का ऐलान करना चाहिए। इसकी बड़ी वजह यह है कि इस वित्त वर्ष में इकोनॉमी की ग्रोथ की रफ्तार सुस्त पड़ी है। इस वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में जीडीपी ग्रोथ घटकर 5.4 फीसदी पर आ गई है। इसकी वडह कंजम्प्शन में सुस्ती है। इकोनॉमिस्ट्स ने भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मीटिंग में ग्रोथ बढ़ाने वाले उपाय करने की सलाह दी थी। अगर इंडिया को 2047 तक विकसित देश बनना है तो कम से कम 7-8 फीसदी की जीडीपी ग्रोथ जरूरी है।