सेंसेक्स पिछले एक महीने में 4.58 पर्सेंट यानि 3744 अंक गिर चुका है। सिर्फ एक दिन में 6 जनवरी को सेंसेक्स 1258 अंक टूटकर बंद हुआ है। आखिर ऐसा क्या हुआ है कि सोमवार को बाजार खुलते ही भारतीय शेयर मार्केट क्रैश हो गया। सिर्फ एक दिन में निफ्टी 400 अंकों की गिरावट के साथ 23,600 के लेवल पर आ गया है। इससे पहले कि हम आपको मार्केट टूटने की असली वजह बताएं, आप हमें कॉमेंट करके बताएं कि इस गिरावट में आप पैसा लगा रहे हैं या Wait and Watch के मूड में हैं।
अब आइए जान लेते हैं कि शेयर मार्केट में आज इतना कोहराम क्यों मचा। शेयर मार्केट में जबरदस्त बिकवाली की पहली वजह रही बैंकों के कमजोर बिजनेस अपडेट। आज सरकारी बैंकिंग स्टॉक में जबरदस्त सेलिंग प्रेशर रहा है। अगर आपके पास बैंकिंग स्टॉक होगा तो उसका दर्द आपने भी झेला ही होगा। असल में सरकारी बैकों ने तीसरी तिमाही के लिए जो बिजनेस अपडेट किया है वो बहुत सैटिसफैक्टरी नहीं है। अभी तक उम्मीद की जा रही थी कि तीसरी तिमाही में सरकारी बैंकों का परफॉर्मेंस बेहतर रहेगा। लेकिन बिजनेस अपडेट ने उस उम्मीद को भी धो दिया। बैंकों के बिजनेस अपडेट में डिपॉडिट में कमी का डर साफ नजर आ रहा है जिसके बाद निवेशकों ने सरकारी बैकों से निकलना ही सही समझा।
दूसरी वजह रही जिसका डर मार्केट निवेशकों के साथ-साथ आम लोगों को भी सता रहा है। चीन से निकले वायरस HMPV के 4 मामले भारत में मिले हैं वो भी सिर्फ एक दिन में। शेयर बाजार के सामने पहले से मौजूद तमाम मुश्किलों के बीच इस नए वायरस की खबर ने निवेशकों को परेशान कर दिया। कर्नाटक में दो बच्चों, एक गुजरात और एक कोलकाता में इस वायरस का केस मिला है।
हेल्थ मिनिस्ट्री ने जो अपडेट दिया है उसमें इस बात पर जोर दिया गया है कि HMPV का संक्रमण पहले से ही भारत और दूसरे देशों फैल रहा है। वैसे मिनिस्ट्री का कहना है कि फिलहाल चिंता की कोई बात नहीं है। लेकिन कोरोना के असर को देखते हुए शेयर मार्केट निवेशकों ने आज कोई चांस नहीं लिया और जमकर बिकवाली की।
शेयर बाजार का मूड ऑफ करने वाला तीसरा कारण तीसरी तिमाही के नतीजे बन रहे हैं। कमजोर नतीजों की वजह से निवेशक फूंक फूंक कर फैसले कर रहे हैं ताकि बजट और मॉनेटरी पॉलिसी से पहले उन्हें कोई लॉस ना हो।
जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के रिसर्च हेड, विनोद नायर ने कहा कि तीसरी तिमाही के नतीजों से जब तक शेयर मार्केट को कोई डायरेक्शन नहीं मिलता बाजार ऐसे ही कभी ऊपर और कभी नीचे आता जाता रहेगा।
भारतीय शेयर मार्केट को आज परेशान करने वाला चौथा कारण बना कमजोर ग्लोबल संकेत। 6 जनवरी को एशियाई बाजार जहां 1.4 फीसदी तक टूट गए। वहीं अमेरिकी डॉलर में मजबूती, ऊंची बॉन्ड यील्ड और क्रूड ऑयल की कीमतों में उछाल ने ग्लोबल बाजारों पर प्रेशर बनाया। क्रूड ऑयल के दाम इस समय अक्टूबर 2024 के बाद के अपने सबसे हाई लेवल पर है जिससे भी ग्लोबल मार्केट अपसेट है।
जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के चीफ इनवेस्टमेंट स्ट्रैटजिस्ट, डॉ. वी के विजयकुमार ने बताया, “डॉलर इंडेक्स इस समय 109 पर है और 10 साल के अमेरिकी बॉन्ड पर यील्ड 4.62% है। इसके चलते विदेशी निवेशक भारत से बिकवाली कर रहे हैं। जब तक ये सेटल नहीं होता तब तक बिकवाली जारी रहेगी।
इसके साथ ही विदेश निवेश भारतीय बाजार पर एकदम रहम करने के मूड में नहीं हैं। FII लगातार भारतीय शेयर बाजार से पैसे निकाल रहे हैं। जनवरी 2025 में अब तक FPI ने 4,285 करोड़ रुपये की बिकवाली की है, जिससे बाजार पर प्रेशर बरकरार है।
अंत में अगर हम टेक्निकल चार्ट पर निफ्टी को देखें तो समझेंगे कि मुश्किलें अभी और भी हैं। निफ्टी 50 आज अपने 200 दिनों के EMA के नीचे यानि 23,616 पर बंद हुआ है। और अब यह अपने सभी अहम मूविंग एवरेज से नीचे है। ऐसे में जब निफ्टी 23,700 का अपना अहम लेवल तोड़ चुका है. इसका नया सपोर्ट 23,450 से 23,500 के बीच है। मार्केट का जैसा मूड है उसमें आगे अभी और गिरावट आ सकती है। डर है कि निफ्टी गिरकर 23,263 के लेवल तक आ सकता है जो नवंबर का निचला लेवल है। वहीं दूसरी तरफ अगर निफ्टी वापसी करता है और 23,700 उसके लिए बड़ा रेजिस्टेंस लेवल होगा।