Abbott India Dividend History: फार्मा कंपनी एबॉट इंडिया ने वित्त वर्ष 2024 के लिए हर शेयर पर 410 रुपये के डिविडेंड का ऐलान किया है जो इसका अब तक का सबसे बड़ा डिविडेंड ऐलान है। यह डिविडेंड इसके पूरे साल के मुनाफे का 73 फीसदी है यानी कि कंपनी अपने मुनाफे का 73 फीसदी हिस्सा शेयरहोल्डर्स में बांट दे रही है। वित्त वर्ष 2024 में इसे 1201 करोड़ रुपये का मुनाफा हुआ था। वैसे दिलचस्प बात ये है कि ऐसा पहली बार नहीं है कि कंपनी मुनाफा का अधिकतर हिस्सा डिविडेंड में बांट रही है। इससे पहले वित्त वर्ष 2020 में कंपनी ने मुनाफे का 90 फीसदी और वित्त वर्ष 2021 में 85 फीसदी हिस्सा डिविडेंड के रूप में बांट दिया था।
Dividend vs Profit: मुनाफे की तुलना में डिविडेंड पेमेंट की ग्रोथ अधिक
एबॉट इंडिया अपने मुनाफे का बड़ा हिस्सा डिविडेंड के रूप में बांट रही है। पिछले पांच साल में डिविडेंड पेआउट की स्पीड प्रॉफिट बढ़ने की रफ्तार से भी अधिक रही। वित्त वर्ष 2020 से वित्त वर्ष 2024 के बीच कंपनी का शुद्ध मुनाफा सालाना आधार पर 22 फीसदी की चक्रवृद्धि दर (CAGR) से बढ़ा तो दूसरी तरफ प्रति शेयर डिविडेंड इस दौरान 45 फीसदी के CAGR से बढ़ा। इस दौरान रेवेन्यू 10 फीसदी की रफ्तार से बढ़ी। कंपनी ने वित्त वर्ष 2021 और वित्त वर्ष 2022 में ₹275-₹275 रुपये के डिविडेंड का ऐलान किया था। वित्त वर्ष 2023 में इसने 325 रुपये और फिर वित्त वर्ष 2024 के लिए 410 रुपये के डिविडेंड का ऐलान किया। प्रति शेयर डिविडेंड में फाइनल और स्पेशल डिविडेंड दोनों शामिल है। कंपनी वित्त वर्ष 2018 से स्पेशल डिविडेंड का ऐलान कर रही है।
Abbott India की कैसी है कारोबारी सेहत
सितंबर 2022 में सरकार ने आवश्यक दवाओं की सूची में कुछ ऐसी दवाईयां भी शामिल की जो एबॉट लेबोरेटरीज की एक इकाई एबॉट इंडिया बनाती है। कीमतों पर अंकुश लगाने के इस फैसले के असर को कम करने के लिए कंपनी कोशिश कर रही है। यह अपने खर्चों को नियंत्रित करते हुए बिक्री बढ़ा रही है। लोकप्रिय एंटासिड दवा डाइजीन बनाने वाली कंपनी एबॉट इंडिया ने गुरुवार को मार्च तिमाही के लिए नतीजे जारी किए जो उम्मीद से बेहतर रही। मार्च तिमाही में इसका शुद्ध मुनाफा सालाना आधार पर 24 फीसदी उछलकर ₹287 करोड़ पर पहुंच गया। इस दौरान रेवन्यू 7.1% बढ़कर ₹1,439 करोड़ हो गया।