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Share Market Crash: शेयर बाजार में कोहराम, इन 5 कारणों से आई भारी गिरावट

Sensex-Nifty Crash Reason: सेंसेक्स और निफ्टी में आज 9 मई को करीब 1.5% की भारी गिरावट के साथ बंद हुए। बीएसई सेंसेक्स जहां 1,000 अंक से अधिक गिर गया। वहीं निफ्टी 22,000 के मनोवैज्ञानिक स्तर से नीचे चला गया। यह लगातार पांचवा दिन है, जब सेंसेक्स लाल निशान में बंद हुआ। देश में हो रहे लोकसभा चुनाव, चौथी तिमाही के कमजोर नतीजे और क्रूड ऑयल के दाम में बढ़ोतरी सहित ऐसे कई कारण रहे, जिसके चलते बाजार में आज बिकवाली तेज हो गई। मास्टर कैपिटल सर्विसेज के सीनियर वाइस-प्रेसिडेंट अरविंदर सिंह नंदा ने कहा कि लोकसभा चुनावों को लेकर अनिश्चितता ने वौलेटिलिटी इंडेक्स ‘India VIX’ को काफी बढ़ा दिया है। उन्होंने कहा कि वौलेटिलिटी इंडेक्स अपने 52 सप्ताह के उच्चतम स्तर 19 पर पहुंच गया है, जो बाजार में भारी अस्थिरता की ओर संकेत करता है।

आइए जानते हैं कि शेयर बाजार में आज की गिरावट के 5 सबसे बड़े कारण क्या रहे-

1. चुनावी नतीजों को लेकर अनिश्चितता

एनालिस्ट्स का कहना है कि बाजार यह पहले से मानकर चल रहा था लोकसभा चुनाव में बीजेपी-एनडीए गठबंधन पूर्ण बहुमत के साथ सत्ता में वापसी करेगा। हालांकि शुरुआती चरणों में कम मतदान ने बीजेपी की अनुमानित सीटों की संख्या को लेकर एक संशय बन गया है। जियोजित फाइनेंशियल के गौरांग शाह ने कहा, “राजनीतिक दलों और उनके नेताओं की टिप्पणियां ने भी बाजार के सेंटीमेंट को प्रभावित करने में अहम भूमिका निभाई है।”

 

2. कमजोर तिमाही नतीजे

अधिकतर कंपनियों के मार्च तिमाही के नतीजे अभी तक बाजार के अनुमानों के मुताबिक या उससे कमजोर रहे हैं। कंपनियों के नतीजों में कोई सरप्राइज नहीं होने के चलते दलाल स्ट्रीट पर अतिरिक्त खरीदारी नहीं दिख रही है।

3. यूएस फेड के आक्रामक रुख का असर

अमेरिकी फेडरल रिजर्व के कुछ अधिकारियों की हालिया आक्रामक बयानबाजी ने भारतीय शेयरों पर दबाव बढ़ा दिया है। मिनियापोलिस फेडरल रिजर्व के प्रेसिडेंट, नील काशकारी ने हाल ही में सुझाव दिया कि महंगाई की स्थिर दर को देखते हुए फेडरल रिजर्व को भी इस साल ब्याज दरें स्थिर रखने की जरूरत पड़ सकती है। इससे पहले 8 मई को, बोस्टन के फेडरल रिजर्व बैंक की प्रेसिडेंट. सुसान कोलिन्स ने भी इसी तरह का बयान दिया था।

4. क्रूड ऑयल की कीमतों में बढ़ोतरी

तेल की कीमतों में बढ़ोतरी से भी स्टॉक मार्केट पर दबाव बढ़ा है। ब्रेंट क्रूड ऑयल का दाम पिछले कारोबारी सत्र में 0.5 प्रतिशत बढ़कर 84 डॉलर प्रति बैरल के करीब पहुंच गया। वहीं WTI क्रूड का भाव 79 डॉलर प्रति बैरल से ऊपर रहा। इस बीच अमेरिका के क्रूड ऑयल इनवेंट्री में अचनाक गिरावट की भी जानकारी सामने आई है।

5. डेरिवेटिव कॉन्ट्रैक्ट्स की एक्सपायरी

निफ्टी ऑप्शन कॉन्ट्रैक्ट्स की वीकली एक्सपायरी से भी शेयर बाजार में अस्थिरता बढ़ गई। एक्सपायरी के दिन ट्रेडर्स अपनी डेरिवेटिव पोजिशन को मैनेज करने के लिए कॉन्ट्रैक्ट्स को खरीदते या बेचते हैं।

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