अप्रैल में म्यूचुअल फंड की इक्विटी स्कीमों में निवेश 16.42 फीसदी घट गया। अप्रैल में इक्विटी स्कीमों में 18,917.08 करोड़ रुपये का निवेश आया। इसमें लार्जकैप स्कीमों में निवेश में आई गिरावट का बड़ा हाथ है। एंफी के आंकड़ों से यह जानकारी मिली है। एंफी ने अप्रैल में निवेश के आंकड़े 9 मई को जारी किए। अप्रैल में स्मॉलकैप फंडों में 2,208.70 करोड़ रुपये का निवेश हुआ। मार्च में निवेशकों ने स्मॉलकैप फंडों से पैसे निकाले थे। हालांकि, अप्रैल में सिप के जरिए पहली बार मंथली इनवेस्टमेंट 20,000 करोड़ रुपये से ज्यादा रहा। इस रास्ते कुल 20,371 करोड़ रुपये का निवेश आया।
SIP के रास्ते निवेश में दिलचस्पी बढ़ी
एंफी (AMFI) के डेटा के मुताबिक, मार्च में SIP के जरिए 19,271 करोड़ रुपये का निवेश आया था। फरवरी में यह आंकड़ा 19,187 करोड़ रुपये था। कोटक महिंद्रा म्यूचुअल फंड (Kotak Mahindra Mutual Fund) के एग्जिक्यूटिव मनीष मेहता ने कहा, “हमें लार्जकैप आधारित स्कीमों और मल्टी-एसेट एलोकेशन प्रोडक्ट्स में निवेशकों की ज्यादा दिलचस्पी दिख रही है। वे यह समझ रहे हैं कि टाइमिंग द मार्केट से ज्यादा अहम है टाइम इन द मार्केट। इसलिए वे SIP/STP के जरिए निवेश कर रहे हैं।”
अप्रैल में नेट इनफ्लो 2.39 लाख करोड़ पहुंच गया
मार्च में 1.59 लाख करोड़ के आउटफ्लो के बाद अप्रैल में नेट इनफ्लो बढ़कर 2.39 लाख करोड़ रुपये पहुंच गया। सभी कैटेगरी की स्कीमों में निवेश देखने को मिला। लगातार 38वें महीने ओपन-एंडेड इक्विटी फंडों में निवेश पॉजिटिव रहा। हालांकि, लार्जकैप फंडों में निवेश अप्रैल में 83 फीसदी घटकर 358 करोड़ रुपये रह गया। मिडकैप फंडों में निवेश 76.19 फीसदी उछलकर 1,793 करोड़ रुपये रहा।
ELSS में अप्रैल में आउटफ्लो दिखा
अप्रैल में स्मॉलकैप फंडों में भी रौनक लौट आई। इनमें 2,209 करोड़ रुपये का शुद्ध निवेश अप्रैल में हुआ। 30 महीनों में पहली बार इनमें मार्च में आउटफ्लो देखने को मिला था। अप्रैल में फोकस्ड फंड और टैक्स सेविंग फंड (ELSS) कैटेगरी में क्रमश: 328 करोड़ और 144 करोड़ रुयये का नेट आउटफ्लो देखने को मिला। पहले यह आंशका जताई जा रही थी कि KYC के नियम 1 अप्रैल से लागू होने का असर म्यूचुअल फंडों में निवेश पर पड़ सकता है। डेट फंडों में भी अप्रैल में 1.90 करोड़ का शुद्ध निवेश देखने को मिला।