DAM Capital Advisors IPO Listing: कभी आईडीएफसी ग्रुप की कंपनी रही और अब डीएएम कैपिटल एडवाइजर्स बन चुके इंवेस्टमेंट बैंक के शेयरों की आज घरेलू मार्केट में धांसू एंट्री हुई। इसके आईपीओ को भी ओवरऑल 81 गुना से अधिक बोली मिली थी। आईपीओ के तहत 283 रुपये के भाव पर शेयर जारी हुए हैं। आज BSE पर इसकी 392.90 रुपये और NSE पर 393.00 रुपये पर एंट्री हुई है यानी कि आईपीओ निवेशकों को करीब 39 फीसदी का लिस्टिंग गेन (DAM Capital Advisors Listing Gain) मिला। लिस्टिंग के बाद शेयर और ऊपर चढ़े। उछलकर BSE पर यह 438.50 रुपये (DAM Capital Advisors Share Price) पर पहुंच गया यानी कि आईपीओ निवेशक अब 54.61 फीसदी मुनाफे में हैं।
DAM Capital Advisors IPO को मिला था तगड़ा रिस्पांस
डीएएम कैपिटल एडवाइजर्स का ₹840.25 करोड़ का आईपीओ सब्सक्रिप्शन के लिए 19-23 दिसंबर तक खुला था। इस आईपीओ को निवेशकों का शानदार रिस्पांस मिला था और ओवरऑल यह 81.88 गुना सब्सक्राइब हुआ था। इसमें क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल बायर्स (QIB) के लिए आरक्षित हिस्सा 166.33 गुना, नॉन-इंस्टीट्यूशनल इनवेस्टर्स (NII) का हिस्सा 98.47 गुना और खुदरा निवेशकों का हिस्सा 26.8 गुना और एंप्लॉयीज का 40.09 गुना भरा था। इस आईपीओ के तहत कोई नया शेयर नहीं जारी हुआ है बल्कि 2 रुपये की फेस वैल्यू वाले 2,96,90,900 शेयर ऑफर फॉर सेल विंडो के तहत बिके हैं। ऑफर फॉर सेल का पैसा शेयर बेचने वाले शेयरहोल्डर्स को मिला है यानी कंपनी को आईपीओ से कोई पैसा नहीं मिला है।
DAM Capital Advisors के बारे में
डीएएम कैपिटल एडवाइजर्स इंवेस्टमेंट बैंक है। वर्ष 1993 में इसकी शुरुआत एसएस कांतिलाल ईश्वरलाल शेयरब्रोकर्स एंड इंवेस्टर्स प्राइवेट लिमिटेड के तौर पर हुई थी जिसका नाम अगले साल बदलकर एसएस कांतिलाल ईश्वरलाल सिक्योरिटीज प्राइवेट लिमिटेड किया गया। वर्ष 2006 में इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट फाइनेंस कंपनी (IDFC) ने इसे खरीदने की प्रक्रिया शुरू की और यह प्रोसेस वर्ष 2008 में पूरा हुआ। वर्ष 2019 में आईडीएफसी ग्रुप ने अपनी पूरी हिस्सेदारी धर्मेश अनिल मेहता और बाकी निवेशकों को बेच दी। इसके बाद जुलाई 2020 में यह नए नाम डीएम कैपिटल एडवाइजर्स लिमिटेड के रूप में अस्तित्व में आई।
कंपनी के वित्तीय सेहत की बात करें तो वित्त वर्ष 2022 में इसे 21.9 करोड़ रुपये का शुद्ध मुनाफा हुआ था जो अगले वित्त वर्ष 2023 में तेजी से गिरकर 8.67 करोड़ रुपये पर आ गया। हालांकि फिर स्थिति सुधरी और वित्त वर्ष 2024 में तेजी से उछलकर यह 70.52 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। इस दौरान कंपनी का रेवेन्यू उतार-चढ़ाव के साथ सालाना 38 फीसदी से अधिक की चक्रवृद्धि दर (CAGR) से बढ़कर 182 करोड़ रुपये पर पहुंच गया।