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Mankind Pharma का बड़ा दाव, चीन के साथ मिलकर 8 हजार करोड़ के धंधे पर नजर

भारत में अपना ऑन्कोलॉजी पोर्टफोलियो तैयार करने की तैयारी में जुटी मैनकाइंड फार्मा ने गुरुवार को चीन की बायोफार्मा फर्म इनोवेंट बायोलॉजिक्स के साथ भागीदारी की घोषणा की। इस साझेदारी के तहत कंपनी भारतीय बाजार में आधुनिक पीडी-1 इम्यूनोथेरेपी, सिंटिलिमैब का विशेष रूप से लाइसेंस हासिल करेगी और इनका व्यवसाय करेगी।

बाजार शोध फर्म इप्सोस के अनुसार, भारतीय ऑन्कोलॉजी बाजार का आकार करीब 8,000 करोड़ रुपये है। ऐसा पहली बार है जब मैनकाइंड किसी चीनी फर्म के साथ नए बायोलॉजिक्स के लिए साझेदारी कर रही है।

इस समझौते के तहत, मैनकाइंड फार्मा को भारत में सिंटिलिमैब के पंजीकरण, आयात, विपणन, बिक्री और वितरण का विशेष अधिकार प्राप्त होगा, जबकि इनोवेंट उत्पाद के निर्माण और आपूर्ति की देखरेख करेगी तथा लगातार उपलब्धता और उच्च गुणवत्ता मानकों के अनुपालन को सुनिश्चित करेगी।

मैनकाइंड फार्मा ने एक बयान में कहा, ‘इनोवेंट को विनियामक और वाणिज्यिक संबंधित भुगतान अग्रिम तौर पर प्राप्त करने का अधिकार होगा।’मैनकाइंड फार्मा के वरिष्ठ अध्यक्ष (बिक्री एवं विपणन) अतीश मजूमदार ने कहा, ‘यह नवीनतम थेरेपी भारतीय बाजार में पेश कर हम रोगियों के परिणामों में सुधार लाने और ऑन्कोलॉजी में अग्रणी के रूप में अपनी स्थिति मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। मैनकाइंड फार्मा इस साझेदारी में अपनी व्यापक फार्मास्युटिकल विशेषज्ञता और व्यापक वितरण नेटवर्क का इस्तेमाल करेगी जिसमें पूरे भारत में 16,000 कर्मियों और 13,000 से अधिक स्टॉकिस्टों की एक मजबूत टीम शामिल है।’

चीन में टीवाईवीआईटी (सिंटिलिमैब इंजेक्शन) के रूप में बेची जाने वाली सिंटिलिमैब इनोवेंट और इलाई लिली द्वारा मिलकर बनाई गई पीडी-1 इम्यूनोग्लोबूलिन जी4 मोनोक्लोनल एंटीबॉडी है। इनोवेंट का दावा है कि इस दवा ने चीन में आठ स्वीकृत संकेतों के साथ कई प्रमुख कैंसर प्रकारों में प्रभावकारिता और सुरक्षा का प्रदर्शन किया है, जिनमें नॉन-स्मॉल सेल लंग कैंसर, लीवर कैंसर, गैस्ट्रिक कैंसर, एसोफैजियल कैंसर, एंडोमेट्रियल कैंसर और हॉजकिन लिंफोमा शामिल हैं।

इस घटनाक्रम से अवगत एक व्यक्ति ने कहा, ‘सिंटिलिमैब को भारतीय बाजार में तीन साल में पेश किया जा सकता है। इसे पेश किए जाने की समय-सीमा भारत में इसके तीसरे चरण के चिकित्सकीय परीक्षण के सफलतापूर्वक पूरा होने और उसके बाद भारत के औषधि महा नियंत्रक (डीसीजीआई) द्वारा मंजूरी पर निर्भर करेगी।’मैनकाइंड फार्मा ने 1,872 करोड़ रुपये में पैनेशिया बायोटेक का अधिग्रहण करने के बाद 2023 में ऑन्कोलॉजी क्षेत्र में प्रवेश किया था।

इम्यूनोथेरेपी, बायोलॉजिक्स और बायोसिमिलर्स को ऑन्कोलॉजी उपचार के भविष्य के रूप में मान्यता मिलने के साथ, मैनकाइंड के ऑन्कोलॉजी पोर्टफोलियो के लिए सिंटिलिमैब वृद्धि के मुख्य वाहक के रूप में योगदान दे सकती है। सूत्रों ने संकेत दिया है कि मैनकाइंड फार्मा ने सिंटिलिमैब की कीमत प्रतिस्पर्धी रखने की योजना बनाई है। सूत्र ने कहा, ‘लक्ष्य यह है कि आधुनिक कैंसर उपचार व्यापक स्तर पर रोगियों के लिए सुलभ हो और साथ ही इसकी गुणवत्ता के उच्चतम मानकों को भी बनाए रखा जाए।’यह मैनकाइंड की विशिष्ट क्रॉनिक सेगमेंट में प्रवेश करने और भारत के फार्मास्युटिकल परिदृश्य में अपने दबदबे को मजबूत बनाने की रणनीति के अनुरूप है।

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