मार्केट के प्रमुख सूचकांक 8 मई को सीमित दायरे में चढ़ते-उतरते रहे। हालांकि, बेयर्स का पलड़ा भारी दिख रहा है। कम से कम लोकसभा चुनावों के नतीजों तक ऐसा लग रहा है। स्मार्ट मनी मौके के इंतजार में है। हालांकि, रिटेल इनवेस्टर्स का धैर्य चूक रहा है। बुल्स की तरफ से नई दलील यह दी जा रही है कि चुनाव के नतीजे चाहे जो आए मार्केट में तेजी आएगी। ऐसा क्यों? अगर बीजेपी की सीटें अनुमान से कम रहती हैं तो बाजार में तेज गिरावट आएगी। ऐसा होने पर वैल्यूएशंस अट्रैक्टिव लेवल पर आ जाएगी, जिससे अरबों डॉलर का विदेशी निवेश बाजार में आएगा। इससे स्टॉक्स की कीमतें बढ़ेंगी।
डॉ रेड्डी के चौथी तिमाही के नतीजे कमजोर हैं। अमेरिकी बाजार से कंपनी का रेवेन्यू 29 फीसदी बढ़ा है। इंडियन बिजनेस की ग्रोथ 11 फीसदी रही है। बेयर्स की दलील है कि यूएस बिजनेस की अच्छी ग्रोथ में रेविलमिड (Revilmid) की सेल्स का हाथ रहा। ब्रोकरेज फर्म सेंट्रम ने अपनी रिपोर्ट में यह बताया है। आरएंडडी पर कंपनी का खर्च बढ़ा है, जिसका असर मीडियम टर्म में मार्जिन पर पड़ेगा।
पिडीलाइट के मार्च तिमाही के नतीजे अच्छे हैं। बुल्स का कहना है कि कंज्यूमर एंड बाजार सेगमेंट (C&B) और बी2बी दोनों ही सेगमेंट में वॉल्यूम ग्रोथ अच्छी रहीं। ग्रामीण इलाकों में सेल्स ग्रोथ शहरी इलाकों के मुकाबले ज्यादा रही। चैलेंजिंग बिजनेस इनवायरमेंट के बावजूद इंटरनेशनल सब्सिडियरी कंपनियों का प्रदर्शन अच्छा रहा। बेयर्स की दलील है कि Pidilite का स्टॉक चार्ट पर कमजोर दिख रहा है। 3,100 रुपये के लेवल पर इसमें तेज बिकवाली दिखी थी। हालांकि, 2,900 रुपये के लेवल पर काफी ज्यादा कॉल राइटिंग हुई है, जिससे गिरावट सीमित रहेगी। ट्रेलिंग अर्निंग्स के 80 गुना पर स्टॉक में ट्रेडिंग हो रही है, जो काफी ज्यादा है।
किंगफिशर बियर बनाने वाली कंपनी के मार्च तिमाही के नतीजे सामान्य रहे। ओवरऑल वॉल्यूम ग्रोथ 10 फीसदी रही, जबकि प्रीमियम सेगमेंट की वॉल्यूम ग्रोथ 21 फीसदी रही। बेयर्स का कहना है कि नॉर्थ में वॉल्यूम ग्रोथ सिर्फ 3 फीसदी रही। पश्चिमी इलाके की ग्रोथ भी फ्लैट रही। नेट प्रॉफिट में साल दर साल आधार पर तेज उछाल दिखा। लेकिन, यह उछाल लोअर बेस पर दिखा। ग्रॉस प्रॉफिट मार्जिन दबाव में रहा।
कंपनी के चौथी तिमाही के नतीजे स्ट्रॉन्ग हैं। मैनेजमेंट ने इस वित्त वर्ष में 15 फीसदी रेवेन्यू ग्रोथ का अनुमान जताया है। EBITDA मार्जिन 7.55-8 फीसदी के बीच रह सकता है। बेयर की दलील है कि FY24 के अंत में ऑर्डर इनफ्लो 181 अरब रुपये का था। चौथी तिमाही में मार्जिन अनुमान से कम रहा। इसकी वजह यह है कि 4-5 अरब रुपये की सेल्स टल गई। इसका EBITDA मार्जिन FY25 में 10 फीसदी है।