बुधवार, 8 मई को एनएसई का निफ्टी50 22,302.50 पर बंद हुआ। यह 7 मई को भी बिल्कुल इसी स्तर पर बंद हुआ था। पिछले 20 वर्षों में यह 5वीं बार है, जब बेंचमार्क शून्य प्रतिशत के उतार चढ़ाव के साथ समान स्तर पर बंद हुआ। ब्लूमबर्ग के आंकड़ों के अनुसार, इससे पहले निफ्टी50 जून 2005, मई 2014, अक्टूबर 2016 और मार्च 2017 में ऐसे ही बिल्कुल समान स्तर पर क्लोज हुआ था। अगर 20 वर्षों से भी पुराने डेटा पर नजर डालें तो 1997 में 2 बार और 1999 में 3 बार ऐसा हुआ था। इसी तरह जनवरी 2001 और अक्टूबर 2002 में भी सूचकांक समान स्तर पर बंद हुआ था।
निफ्टी 50 इंडेक्स पर देश की टॉप 50 कंपनियां लिस्ट हैं। इस इंडेक्स को अप्रैल 1996 में लॉन्च किया गया था। इंडेक्स में शामिल कंपनियों का दबदबा उनके मार्केट कैप से ही जाहिर होता है। ये शीर्ष कंपनियां एनएसई के कुल मार्केट कैप में 45% का योगदान देती हैं। एनएसई का मार्केट कैप बुधवार की क्लोजिंग तक ₹397 लाख करोड़ था।
कुल 13 सेक्टर, सूचकांक का हिस्सा
निफ्टी50 ने अपनी शुरुआत के बाद से 1.2% के डिविडेंड यील्ड के साथ 11.6% का वार्षिक रिटर्न जनरेट किया है। निफ्टी50 की गणना फ्री फ्लोट मार्केट कैपिटलाइजेशन मेथड का इस्तेमाल करके की जाती है। इस मेथड के तहत गणना के लिए केवल उन शेयरों पर विचार किया जाता है, जो ट्रेड के लिए उपलब्ध हैं। कुल 13 सेक्टर सूचकांक का हिस्सा हैं, जिनमें अकेले वित्तीय सेवाओं की कंपनियां कुल वेट में एक तिहाई से अधिक का योगदान देती हैं। तेल, गैस और कंज्यूमेबल फ्यूल सेक्टर का वेट 12.7% है। आइटी सेक्टर की कंपनियों का वेट 12.3% है।
इंडेक्स कॉन्स्टीट्यूएंट्स में HDFC Bank का वेट सबसे अधिक 11.5% है। इसके बाद 10% वेट के साथ रिलायंस इंडस्ट्रीज और 8.1 प्रतिशत वेट के साथ ICICI Bank का स्थान है।